डोकलाम में ‘नाजायज’ निर्माण को चीन ने बताया जायज, सैनिकों का दिया हवाला

चीनी फौज ने उत्‍तरी डोकलाम में विवादित क्षेत्र के नजदीक ही कुछ निर्माण कराया है। जिस पर विवाद बना हुआ है। लेकिन, चीन इसे जायज ठहरा रहा है।

New Delhi Jan 20 : अभी हाल ही सैटेलाइट इमेज से इस बात का खुलासा हुआ था चीन ने उत्‍तरी डोकलाम में विवादित क्षेत्र के पास सात हेलीपैड बना लिए हैं। इसके साथ ही उसने यहां पर कंक्रीट के दूसरे निर्माण भी कराए हैं। जो पूरी तरह नाजायज हैं। भारत डोकलाम में चीनी इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर का लगातार विरोध करता रहा है। इसी बीच चीन के विदेश मंत्रालय ने डोकलाम में अपने इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर को पूरी तरह जायज ठहराया है। उसका कहना है कि वो इस क्षेत्र में अपने सैनिकों की जिदंगी को बेहतर करना चाहता है। इसके अलावा उसका कोई भी दूसरा मकसद नहीं है। इस संबंध में चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्‍ता लू कांग का बयान सामने आया है। जिसमें उन्‍होंने कहा है कि ये पूरी तरह जायज है और वहां रह रहे सैनिकों और लोगों की जिंदगी को बेहतर बनाना ही हमारा मकसद है। हालांकि सेटेलाइट इमेज के बारे में उन्‍होंने कहा कि वो तस्‍वीरें उन्‍होंने भी देखी हैं लेकिन, पता नहीं ये तस्‍वीरें किसने और कहां से जारी हुईं हैं।

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इससे पहले आर्मी चीफ बिपिन रावत कह चुके हैं कि डोकलाम में हमारी सेनाएं मौजूद हैं। इसके साथ ही उन्‍होंने कहा था कि वहां पर चीनी सैनिकों की मौजदूगी कोई गंभीर बात नहीं है। डोकलाम को लेकर चीन और भारत के बीच 72 दिनों तक तनातनी रही थी। जिसके बाद आम सहमति से इस मसले को सुलझाया गया था। वहीं अब चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्‍ता लू कांग कहते हैं कि डोंगलांग यानी डोकलाम हमेशा से हमारा था और हमारा ही रहेगा। लू कांग का कहना है कि डोकलाम में चीन की स्थिति पूरी तरह स्‍पष्‍ट है। जिसमें किसी को कोई शक सुबहा नहीं होना चाहिए। उनका कहना है कि ये क्षेत्र हमेशा से हमारे अधिकार में ही रहेगा। लू कांग का कहना है कि चीन चाहता है कि यहां से सीमाओं की बेहतर तरीके से निगरानी हो। इसके अलावा हमारा मकसद वहां पर तैनात सैनिकों और लोगों की जिदंगी को भी बेहतर बनाना है। इसके लिए चीन वहां पर कंट्रक्‍शन कर रहा है।

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डोकलाम में चीन के इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर डेपलपमेंट प्रोग्राम में सड़क निर्माण भी शामिल हैं। उन्‍होंने कहा कि हम लोग भारतीय सीमा में किसी भी तरह के कंट्रक्‍शन और इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर पर कोई बयान नहीं देते हैं। इसी तरह हम ये भी उम्‍मीद करते हैं कि दूसरे देश हमारे इलाके में किए जा रहे कंस्‍ट्रक्‍शन के काम पर कोई कमेंट ना करें। जबकि भारत हमेशा से डोकलाम को विवादित क्षेत्र मानता रहा है। खुद आर्मी चीफ बिपिन रावत कई बार इसे विवादित क्षेत्र बता चुके हैं। हालांकि लू कांग कहते हैं कि डोकलाम में भारतीय सेनाओं ने सीमा पार की थी। जो ठीक नहीं था। इस बात को खुद इंडियन आर्मी के सीनियर अफसर मानते हैं। लू कांग का कहना है कि जुलाई 2017 में हुए विवाद के बाद भारत और चीन दोनों को ही कठिन परिस्थितियों से गुजरना पड़ा था। वो मुश्किल दौर था। लेकिन, डोकलाम विवाद से भारत को सबक लेना चाहिए। लू कांग ने कहा कि हम उम्‍मीद करते हैं कि भारत दोबारा ऐसा नहीं करेगा।

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चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्‍त लू कांग का कहना है कि हम चाहते हैं कि भारत और चीन के संबंध बेहतर रहें। BRICS समिट में भी भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्‍ट्रपति शी जिनपिंग द्विपक्षीय संबंधों को बेहतर बनाने के लिए बात कर चुके हैं। इसके साथ ही दोनों देशों ने भविष्य में होने विकास को लेकर चर्चा की थी। चीन ने भारत को नसीहत देते हुए कहा कि हम उम्‍मीद करते हैं कि दूसरे लोग भी इस सामंजस्‍य का ईमानदारी से पालन करेंगे। बार्डर पर शांति से ही द्विपक्षीय संबंधों को बेहतर बनाया जा सकता है। यानी देखा जाए तो एक तरह से चीन ये मान भी रहा है कि वो डोकलाम में इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर तैयार कर रहा है। लेकिन, इसके साथ ही वो सेटेलाइट तस्‍वीरों को भी नकार रहा है। जिसमें उत्‍तरी डोकलाम में सात हेलीपैड के साथ-साथ आर्म्‍ड व्‍हीकल्‍स की मौजूदगी देखने को मिली थी। बहरहाल, इंडियन आर्मी की नजर चीन की हर हरकत पर है।