धर्म के तथाकथित ठेकेदार व राजनीतिक स्वार्थी राम मंदिर मुद्दे से दूर रहें

मंदिर-मस्जिद मुद्दे का समाधान आपसी सौहार्द से होना चाहिए। अब समय आ गया है कि राष्ट्रहित में मुल्ला-मौलवी या हिंदू धर्म के तथाकथित ठेकेदारों को इस मुद्दे से अलग हो जाना चाहिए।

New Delhi, Feb 10 : राम मंदिर निर्माण के लिए कोर्ट से बाहर किए जा रहे श्री श्री रविशंकर जी के प्रयासों का स्वागत होना चाहिए ! क्या कहते हैं आप? मैं फ़ैज़ाबाद का आयुक्त व राम जन्मभूमि का दो वर्ष तक प्रशासक रहा हूँ और इस मुद्दे से पूरी तरह भिज्ञ हूँ।

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इस मुद्दे की वजह से लम्बे समय से दो समुदायों के बीच कड़वाहट रही है, कुछ लोग इस मुद्दे को राजनीतिक कारणों से हल नहीं करना चाहते हैं। ayodhyaदेश को विकास के रास्ते पर तेज़ी से चलना होगा। इस तरह के मुद्दे अशांति का कारण बनते है जो विकास के राह में रोड़े बनते हैं। सर्वोच्च न्यायालय यह साफ़ कर चुका है कि कोर्ट विवादित स्थान पर केवल मालिकाना हक़ के विषय में निर्णय देगा। जनभावनाओं का इस निर्णय में कोई स्थान नहीं होगा। कोर्ट विवादित स्थान पर मंदिर या मस्जिद के विषय में निर्णय नहीं करेगा। 

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मंदिर-मस्जिद मुद्दे का समाधान आपसी सौहार्द से होना चाहिए। ayodhyaअब समय आ गया है कि राष्ट्रहित में मुल्ला-मौलवी या हिंदू धर्म के तथाकथित ठेकेदारों को इस मुद्दे से अलग हो जाना चाहिए। ये लोग घृणा फैलाकर अपना उल्लू सीधा करते रहे हैं। 

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इस बात में कोई शक नहीं कि अधिकांश मुसलमानों को भी यह ऐतराज़ नहीं हैं कि राम मंदिर का निर्माण रामजन्म स्थान पर ही होना चाहिए। ayodhya 1यदि धर्म के तथाकथित ठेकेदार व राजनीतिक स्वार्थी तथ्य इस मुद्दे से दूर ही जायें तो समाधान शीघ्र ही सम्भव हैं। इस मुद्दे का स्थायी समाधान दोनों पक्षों द्वारा मिल बैठ कर निकालना होगा। सर्वोच्च न्यायालय , मंदिर या मस्जिद निर्माण पर कोई निर्णय नहीं देने वाला है। क्या सोचते हैं, आप ?

(रिटायर्ड आईएएस अधिकारी सूर्य प्रताप सिंह के फेसबुक वॉल से साभार, ये लेखक के निजी विचार हैं)