अभी कुछ लोग और भगाए जाएंगे, फिर होगी चोरी और सीनाजोरी

प्रधानसेवक व देश के चौकीदार के देश के ‘लुटेरे’ मेहुल चौकसी व नीरव मोदी से सीधे सम्बन्धों का साक्ष्य नीचे संलग्न विडियो में देखें !

New Delhi, Feb 19 : इस विडियो में प्रधानमंत्री मोदी देश के ख़ज़ाने को लूटने वाले चोर नीरव मोदी के मामा, मेहुल चौकसी को ‘मेहुल भाई’ कहकर सम्बोधित कर रहे हैं। मुकेश अम्बानी की सगी भांजी ‘इशिता’ की शादी नीरव मोदी के सगे भाई नीशल मोदी के साथ दिसम्बर,२०१६ में हुई है। आप जानते हैं कि मुकेश अम्बानी के प्रधानमंत्री मोदी से कैसे सम्बंध हैं ? नीरव मोदी वित्तमंत्री जेटली के साथ ११ जनवरी,२०१६ को जेनेवा गया था और हाल में ही दवोस में नीरव मोदी प्रधानमंत्री मोदी के साथ गया था। ये लुटेरे भागे नहीं हैं बल्कि भगाए गये हैं।

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इस मामले में शक और भी गहरा हो जाता है जब सरकार के तीन-तीन मंत्री रक्षामंत्री निर्मला सीतारमन, संचार मंत्री रविशंकर प्रसाद व मानव संसाधन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर सामने आकर सफ़ाई दे रहे हैं। Modi Mallyaजिनका इस घोटाले से कोई सीधा सम्बंध नहीं है। मामले में सीधे सम्बंध वाले वित्तमंत्री जेटली व प्रधानमंत्री मोदी की बोलती क्यों बंद है? 

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ऐसे ही नाक के नीचे से भागा दिए गये थे, ललित मोदी और माल्या। देखते रहिए, अभी और भगाए जाएँगे, कुछ नेता भी भागेंगे, और फिर होगी चोरी और सीनाज़ोरी भी। दिखावटी छापे और न जाने क्या-२ नाटकबाज़ी होगी, लोगों को मूर्ख बनाने लिए राममंदिर, हिंदू धर्म की रक्षा की बातें। पाकिस्तान को घर में घुसकर मारने की डिंगे, राष्ट्रधर्म, शहीदों की लाशों पर राजनीति, कासगंज, असली मुद्दों से ध्यान भटकाने लिए न जाने क्या-२ स्वाँग होंगे। बड़े पैमाने पर सीबीआई, ईडी, इनकम टैक्स जैसे विभागों का दुरुपयोग होंगे, देखते जाइये।

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अब विश्वास नहीं होता इन जुमलों पर ‘न खाऊँगा और न खाने दूँगा’, ’मुझे प्रधानमंत्री नहीं बनना, मुझे प्रधान सेवक बनाओ। मैं देश के ख़ज़ाने का चौकीदार बन कर रहूँगा। अब कोई ‘हाथ’ ख़ज़ाने को नहीं लूट पाएगा (कांग्रेस का हाथ) आदि-आदि’। इस देश को हर कोई लूटने के लिए कुर्सी पर बैठता है, बैठते रहेंगे। अंधभक्तों की बोलती क्यों बंद है ? बोलो-२, गाली दो मुझे, राष्ट्रद्रोही कहो, कहो कि ‘कोई पद नहीं मिला मैं इस लिए बोल रहा हूँ। ‘श्रीमान, यदि मैं कोई पद चाहता तो समय से पूर्व इतनी बड़ी नौकरी नहीं छोड़ता। हमारी लड़ाई व्यवस्था के ख़ामियों/भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ जारी रहेगी।
अब समझ आया नोटबंदी का सच, पहले बैंक में पैसा जमा कराया और भिजवा दिया देश के बाहर, ये घोटाला केवल अभी केवल एक बैंक का ही सामने आया है। देश में ९३ व्यावसायिक बैंक हैं जिनमें से २७ सरकारी बैंक हैं। सभी में इस प्रकार के घोटाले होना लाज़मी है, इसीलिए बैंक़ों के NPAs अर्थात वसूली के अभाव में डूबा धन अत्यधिक होने के कारण देश में बैंक़ों की आर्थिक स्थिति चरमराई हुई है।

(रिटायर्ड आईएएस अधिकारी सूर्य प्रताप सिंह के फेसबुक वॉल से साभार, ये लेखक के निजी विचार हैं)