‘नारों से घबराने वाले संघी कायराना हरकत पर उतर सकते हैं’

संघी मोहन भागवत का मानना है कि शिक्षित जोड़ों में तलाक ज़्यादा होता है, पत्नी अपने पति की सेवा करे और पति उसका खर्च उठाए, यही सोच है इनकी

New Delhi, Feb 22 : करेंगे पॉलिटिक्स, करेंगे प्यार”। इस नारे से घबराने वाले संघी ही डीयू में कँवलप्रीत कौर पर हमला करने की कोशिश करने जैसा शर्मनाक और कायराना काम कर सकते हैं। आज सत्यवती कॉलेज में जब कँवलप्रीत डिजिटल दुनिया में महिलाओं की सुरक्षा के मसले पर अपनी बात रखने के लिए गईं तब संघी गुंडों ने उन पर हमला करने की कोशिश की। अगर वहाँ प्रोफ़ेसर और दूसरे लोग अच्छी संख्या में नहीं मौजूद होते तो पता नहीं क्या हो जाता।

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जब-जब ऐसे हमले किए जाएँगे, तब-तब पिंजरा तोड़ और तमाम दूसरे प्रगतिशील संगठन नारी मुक्ति के नारों के साथ सड़कों पर मिलेंगे। मोहन भागवत का मानना है कि शिक्षित जोड़ों में तलाक ज़्यादा होता है। पत्नी अपने पति की सेवा करे और पति उसका खर्च उठाए, यही सोच है आरएसएस के ‘महान’ चिंतक मोहन भागवत की। जब एबीवीपी यानी आरएसएस का बच्चा संगठन कँवलप्रीत जैसी लड़कियों पर हमला करता है तो वह असल में अपना वैचारिक खोखलापन ही दिखाता है। कल जेएनयू में नजीब से जुड़े पोस्टर साटने वालों को इसी संगठन के लोगों ने धमकाया। पटना यूनिवर्सिटी में यही संगठन बैलट पेपर की धाँधली करता है और यही संगठन रोहित वेमुला जैसे साथियों को कैंपस से झूठ बोलकर बाहर करवाता है।

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एबीवीपी को सबसे ज़्यादा घबराहट लड़कियों की आज़ादी से होती है।rss लेकिन अब उनके घबराने का समय आ गया है। न लड़कियाँ पति की सेवा को ज़िंदगी का एकमात्र लक्ष्य मानने वाली हैं न कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में चुप बैठने वाली हैं।

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वे बार-बार नारे लगाएँगी। इतनी ज़ोर से नारे लगाएँगी कि मानवता के तमाम दुश्मन अपने बिल में घुस जाएँगे। कँवलप्रीत पर हुए हमले की सिर्फ़ निंदा करने से काम नहीं चलेगा। Posterहमें ऐसे तमाम मोर्चों पर एकजुटता बनानी होगी जहाँ संघी हमलावर होने की कोशिश करते हैं।

(जेएनयू छात्रनेता कन्हैया कुमार के फेसबुक वॉल से साभार, ये लेखक के निजी विचार हैं)