प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस्लामिक मंच से दिया ऐसा संदेश कि सुलग उठे ‘कट्टरपंथी’

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस्लामिक हेरिटेज कॉन्फ्रेंस में कई बड़ी बातें कहीं। इस मंच से उन्‍होंने आतंकवाद के खिलाफ भी आवाज उठाई।

New Delhi Mar 01 : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को विज्ञान भवन में आयोजित इस्लामिक हेरिटेज कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कई बड़ी बातें कहीं। इस मंच से उन्‍होंने ना सिर्फ हिंदू-मुस्लिम एकता की बात की, बल्कि मुसलमानों को लेकर अपने सपने को भी दुनिया के सामने पेश किया। इसके साथ ही मोदी ने आतंकवाद को भी आड़े हाथों लिया। इस्लामिक हेरिटेज कॉन्फ्रेंस में जार्डेन किंग अब्‍दुल्‍ला-2 भी मौजूद थे। मोदी ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ हमारी मुहिम किसी पंथ के विरोध में नहीं है बल्कि उस मानसिकता के खिलाफ है जो युवाओं को गुमराह कर हिंसा के रास्‍ते पर ले जा रही है। मोदी ने कहा कि इंसानियत पर हमला करने वाले आतंकी कभी इस बात को नहीं समझते कि उनके इस कृत्‍य से नुकसान उस मजहब का होता है जिसके साथ वो खड़े होने का दावा करते हैं। जबकि आतंकवाद का कोई मजहब नहीं होता।

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इस्लामिक हेरिटेज कॉन्फ्रेंस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हिंदुस्‍तान की संस्‍कृति का हवाला देते हुए आतंकवाद पर निशाना साधा। मोदी ने कहा कि जो लोग इस मानसिकता से ग्रसित हैं कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई किसी पंथ के खिलाफ है उन लोगों की सोच गलत है। उन्‍होंने कहा कि भारत में हर धर्म के लोगों को फलने फूलने का मौका मिला है। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जार्डेन के किंग से कहा कि आपका देश और और हमारा देश एक ऐसी पवित्र भूमि पर आबाद है जहां से पैंगबरों और संतों की आवाज दुनिया भर में गूंजी हैं। मोदी ने अब्‍दुल्‍ला-2 से कहा कि आप खुद विद्वान हैं और हिंदुस्‍तान से बहुत ही अच्छी तरह वाकिफ भी हैं। आप जानते हैं कि दुनिया का हर धर्म हिंदुस्‍तान के पालने में बढ़ा हुआ है। दुनियाभर के मजहब हिंदुस्‍तान की मिट्टी में पनपे हैं। गौतम बुद्ध से लेकर महात्‍मा गांधी जैसे महापुरुषों ने यहां की आबोहवा में सांस ली है।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कहना था कि आतंकवाद के खिलाफ दुनियाभर में कड़ा संदेश जाना चाहिए। हम इसके खिलाफ लड़ाई को लेकर प्रतिबद्ध हैं। मोदी ने कहा कि हम मजहबों के पैगाम और इसकी ताकत से आतंकवाद से पार पा सकते हैं। मोदी ने कहा कि जो लोग मजहब के नाम पर इंसानियत के खिलाफ दरिंदगी का खेल खेलते हैं उन्‍हें पता नहीं होता है कि उनके इस कृत्‍य से नुकसान सिर्फ मजहब का ही होता है। हम लोगों को युवाओं को आतंकवाद के रास्‍ते पर चलने से रोकना होगा। इस्लामिक हेरिटेज कॉन्फ्रेंस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमारा सपना है कि मुस्लिमों के एक हाथ में कुरान हो और दूसरे हाथ में कंप्‍यूटर। उन्‍होंने कहा कि हम चाहते हैं कि मुस्लिम युवा भी अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करें। इसके लिए उन्‍हें ज्ञान और विज्ञान से जुड़ना होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हिंदुस्‍तान ऐसा देश है जहां होली भी मनाई जाती है और रमजान भी मनाया जाता है। यहां की संस्‍कृति गंगा-जमुनी है।

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मोदी ने कहा कि पु‍रानी मान्‍यताएं बताती हैं कि दिल्ली इंद्रप्रस्थ है और ये सूफियाना कलाओं की सरजमीं है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमारी ये कोशिश है कि हिंदुस्‍तान की तरक्‍की के लिए हम सभी को साथ लेकर चलें। क्योंकि सारे मुल्क की तकदीर शहरी तरक्की से जुड़ी है। मोदी ने कहा कि मुल्क की खुशहाली से हर एक की खुशहाली बाबस्ता है। उन्‍होंने कहा कि हर हिंदुस्‍तानी के मन में देश के गौरवशाली अतीत को लेकर आदर है। वर्तमान के प्रति विश्‍वास है। भविष्‍य पर भरोसा है। जाहिर है इस्लामिक हेरिटेज कॉन्फ्रेंस से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई बड़े संदेश दिए। उन्‍होंने हिंदू-मुस्लिम भाईचारा का संदेश दिया। आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई का संदेश दिया। जिसको लेकर सिर्फ हिंदुस्‍तान ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में उनकी वाहवाही हो रही है। लेकिन, हो सकता है कि कई कट्टरपंथियों को मोदी की ये बातें और नसीहतें रास ना आएं। हालांकि कट्टरपंथियों की सोच से प्रधानमंत्री के संदेश पर कोई असर पड़ता नहीं है।