त्रिपुरा : राजनीति में व्यक्तिगत रंजिशों की नई शुरुआत होती दिख रही है

त्रिपुरा से आ रही खबरे राजनीति में व्यक्तिगत रंजिशों, कि नयी शुरुआत दिख रही है, त्रिपुरा में २१ पुलिस थाना क्षेत्रों में धारा १४४ लगा दी गयी है

New Delhi, Mar 07 : लोकतंत्र में अलोकप्रिय हो गयी सरकारों को बदलना ही होता है, दुनिया में हिन्दुस्तान के लोकतंत्र की इजाजत इसी लिए है कि इतने बड़े देश में सत्ता परिवर्तन बगैर किसी खून खराबे के होता है लेकिन त्रिपुरा से आ रही खबरे राजनीति में व्यक्तिगत रंजिशों, कि नयी शुरुआत दिख रही है, त्रिपुरा में २१ पुलिस थाना क्षेत्रों में धारा १४४ लगा दी गयी है, खोआयी बाजार में कल पुलिस ने सैकड़ों लोगों को निर्ममता से पीटा, बीते ४८ घंटों में २०९ स्थानों पर मार्क्सवादी कार्यालयों व कार्यकर्ताओ पर हमले हुए.

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इराक में सद्दाम हुसैन की प्रतिमा गिराने जैसा ही दृश्य उत्पन्न किया गया, लेनिन का सर तोड़ कर फूटबाल खेली गयी. ऐसा करने वाले यह भूल गए कि tripura1उस घटना के बाद इराक और तिक्रिक शहर , जहां यह वाकिया हुआ, खंडहर बन चुका है। 

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पुलिस में जेसीबी चालक को गिरफ्तार कर तत्काल जमानत पर छोड़ दिया, यह सोच नहीं रहे कि लेनिन की प्रतिमा को तोड़ने वाली घटना अब अंतर्राष्ट्रीय सुर्खी बन चुकी है और इससे हमारे देश कि छबि खराब हो रही हैं tripura2यहाँ यह भी याद करना जरुरी है कि यह वही लेनिन है जिसकी जीवनी शहीदे आज़म भगत सिंह अपने अंतिम क्षणों में पढ़ रहे थे।

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दुखद यह है कि बंगाली, आदिवासी जैसे वर्ग संघर्ष खड़े किये जा रहे हैं. रही बची कसर – गिरोह के पिय बाबा ने भारत में सीरिया बनाने कि धमकी ने पूरी कर दी, tripura3त्रिपुरा की घटना और श्री-श्री के बयान को एकसाथ रख कर देखें — समझ आ जाएगा कि कितना गहरा खेल है।

(वरिष्ठ पत्रकार पंकज चतुर्वेदी के फेसबुक वॉल से साभार, ये लेखक के निजी विचार हैं)