जन्मदिन विशेष : जब लोहिया ने दिया था ‘वोट घटाऊ बयान’
1967 में डा. लोहिया उत्तर प्रदेश के कन्नौज से लोक सभा का चुनाव लड़ रहे थे। उन्हीं दिनों उन्होंने यह कह दिया कि देश में सामान्य नागरिक संहिता लागू होनी चाहिए।
New Delhi, Mar 23 : आज डा.राम मनोहर लोहिया का जन्म दिन है। पर वे अपना जन्म दिन खुद नहीं मनाते थे। क्योंकि 23 मार्च को ही सरदार भगत सिंह को फांसी दी गयी थी। कहते थे कि ऐसे शोक दिवस पर अपना जन्म दिन क्या मनाना ! पर, उनके लोग तो उन्हें याद करते ही है। इस अवसर पर उनके एक ‘वोट घटाऊ’ बयान की मैं याद दिला रहा हूं।
स्वाभाविक ही है कि चुनाव के वक्त कोई नेता भूल कर भी ऐसा बयान नहीं देता जिससे उसका वोट घटे। या घटने की आशंका भी हो। पर लोहिया तो अलग ढंग के नेता थे। 1967 में डा. लोहिया उत्तर प्रदेश के कन्नौज से लोक सभा का चुनाव लड़ रहे थे। उन्हीं दिनों उन्होंने यह कह दिया कि देश में सामान्य नागरिक संहिता लागू होनी चाहिए। यह बात अखबार में छपी।
इस पर समाजवादी कार्यकत्र्ता भी परेशान हो गए। उनको लगा कि अब तो मुसलमान मतदाता लोहिया को वोट नहीं ही देंगे। नतीजन वे हार जाएंगे। जबकि लोहिया का संसद में जाना जरूरी है।
1963 से 1966 तक लोक सभा में उन्होंने बहुत प्रभाव छोड़ा था। उससे उनकी पार्टी का फैलाव भी हुआ था।
उन दिनों समाजवादी कार्यकत्र्ता भी Lohia से खुल कर बात करते थे। एक समाजवादी नेता ने उनसे सवाल कर दिया, ‘ डाक्टर साहब, आपने ऐसा बयान क्यों दे दिया ? अब तो चुनाव में आपको मुश्किल होगी।’ इस पर लोहिया ने जो जवाब दिया, उस पर ध्यान देने लायक है। उन्होंने कहा कि राजनीति संसद का सदस्य बनने के लिए नहीं की जाती है। मैं जिस बात को सही समझता हूं, उसे वोट के लालच में नहीं कहूं,? यह मुझसे नहीं होगा। इस बयान के कारण लोहिया उस चुनाव में सिर्फ चार सौ मतों से ही विजयी हो सके थे।