देश विरोधियों से कड़ाई से निबटो, गोली मारो लेकिन इस तरह की हरकत में देश प्रेम मत तलाशो

जान लें कि कश्मीर घाटी में सेना के किसी भी कर्मी को सिविलियन इलाके में जाने या होटल में रुकने पर पाबंदी है।

New Delhi, May 27 : श्रीनगर के डल गेट इलाके के एक आलीशान होटल ग्रैंड ममता में एक कश्मीरी लड़की के साथ पकड़े गए मेजर लितुल गोगोई का किस्सा तो सभी को पता ही चल गया है। असल में यह गरीबी, बेकारी, अशांत क्षेत्रों में वर्दी के ख़ौफ़ और निर्लज्जता की मिलीजुली कहानी है।
लड़की का परिवार बडगाम जिले के चक- इन कबूबा गॉव का है। 2014 की बाढ़ में उनका घर बार बह गया था सो चार बच्चों के साथ परिवार एक टीन शेड में रहता है।

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मार्च में सेना के अफसर गोगोई पहली बार एक रात उनके घर में घुसे, पूछताछ की। उनके साथ उनका ड्राइवर समीर भी था, जो लोकल कश्मीरी है। उसके बाद यह आये रोज़ उनके घर जाता था। फिर एक दिन डरा धमका कर लडक़ी, जो परिवार का सबसे बड़ा बच्चा है, को यह होटल में ले गया। गोगोई ने पहले से ही होटल की ऊपरी मंजिल में दो लोगों के लिए कमरा बुक किया था। जान लें कि कश्मीर घाटी में सेना के किसी भी कर्मी को सिविलियन इलाके में जाने या होटल में रुकने पर पाबंदी है। सनद रहे गोगोई शादीशुदा है और उस दिन छुट्टी से ड्यूटी पर लौटना था।

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वह हवाई अड्डे से सीधे होटल आया जहां उसने पहले से आन लाइन बुकिंग करवाई थी। श्रीनगर से बडगाम की दूरी 35 किलोमीटर है और सड़क से कोई डेढ़ घण्टा लगता है। उधर लड़की के घरवालों ने बताया कि वह एक स्व सहायता समूह से जुड़ी है और घर से बैंक में पैसा जमा करवाने की कह कर निकली थी। खेल अभी भी जारी है। लड़की के घर वाले उसकी उम्र 17 साल कहते है जबकी पूरा प्रशासन उसे 18 से बड़ा बताने में जुटा है ताकि राष्ट्रवादी अय्याश को पास्को से बचाया जा सके। ऐसी कई दर्दभरी दास्तान कश्मीर के गांव गांव में है।

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देश विरोधियों से कड़ाई से निबटो, गोली मारो लेकिन इस तरह की हरकत में देश प्रेम मत तलाशो वरना कल ये तुम्हारे द्वारे होंगे। लितुल गोगोई सेना के निन्म नियम के तहत तत्काल दोषी हैं 1 छुट्टी से लौटने पर अपनी बडगाम स्थित यूनिट में रिपोर्ट करने के बजाय श्रीनगर में होटल में बुकिंग करना 2 बगैर सूचना के अशांत इलाके में सिविलयन से एकांत में मिलने का प्रयास करना। 3 विवाहित होने के बावजूद किसी महिला से सम्बन्ध बनाने का प्रयास करना। ये सभी बातें आर्मी की धारा 60 में दर्ज हैं। इसके बावजूद फ़र्ज़ी राष्ट्रवादियों की आँख का तारा अभी भी अपनी यूनिट में वर्दी में है।

(वरिष्ठ पत्रकार पंकज चतुर्वेदी के फेसबुक वॉल से साभार, ये लेखक के निजी विचार हैं)