रियल हीरो को सलाम, शर्ट निकाल लगा दी दौड़, बच गई सैकड़ों लोगों की जान, अब सरकार करेगी सम्मानित

त्रिपुरा के हेल्थ और साइंस एंज टेक्नोलॉजी मिनिस्टर सुदीप रॉय वर्मन ने आज उस पिता-पुत्री को नाश्ते पर बुलाया। फिर दोनों के साथ बैठकर नाश्ता किया।

New Delhi, Jun 22 : देश के पूर्वी राज्य त्रिपुरा में हाल ही में बाढ की वजह से हालात इतने खराब हो गये थे, कि जगह-जगह जमीन धसकने से कई दुर्घटनाएं हो रही थी, 15 जून को एक रेल ट्रैक जमीन धंसने से बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया था। इसी ट्रैक से ट्रेन गुजरने वाली थी, अगर ट्रेन इस पटरी से गुजरती, तो बड़ी दुर्घटना होती। लेकिन इस संभावित दुर्घटना को एक पिता-पुत्री की जोड़ी ने टाल दिया। दोनों ने कपड़ा दिखाकर ट्रेन को रोका, जिसकी वजह से सैकड़ों लोगों की जान बच गई।

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सैकड़ों लोगों की जान बचाई
त्रिपुरा के धलाई गांव के रहने वाले स्वप्न देबबर्मा और उनकी बेटी सोमती ने 15 जून को एक बड़ा हादसा होने से बचा लिया, इस हादसे में सैकड़ों लोगों की जान जा सकती थी, जिस ट्रेन को उन्होने दुर्घटनाग्रस्त होने से बचाया, उसमें करीब दो हजार लोग बैठे हुए थे। अब स्वप्न देवबर्मा को उनके साहसिक काम के लिये काफी तारीफ हो रही है।

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मंत्री ने बुलाया नाश्ते पर
प्रदेश के हेल्थ और साइंस एंज टेक्नोलॉजी मिनिस्टर सुदीप रॉय वर्मन ने आज उस पिता-पुत्री को नाश्ते पर बुलाया। फिर दोनों के साथ बैठकर नाश्ता किया। मंत्री ने कहा कि इन दोनों ने अगर बड़ी जिम्मेदारी निभाते हुए इस ट्रेन को नहीं रोकते, तो बड़ी दुर्घटना हो सकती थी, जब मैंने इन दोनों के बारे में सुना, तो इन्हें अपने घर पर बुलाया और शाबाशी दी, साथ ही बैठकर नाश्ता किया।

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पुरस्कृत करने का प्रस्ताव
इससे पहले त्रिपुरा विधानसभा में सत्ता पक्ष और विपक्ष ने स्वप्न देवबर्मा और उनकी बेटी को धन्यवाद दिया, जब उन दोनों को धन्यवाद दिया जा रहा था तो दोनों विधानसभा की वीआईपी गैलरी में खुद ही मौजूद थे। स्वास्थ्य मंत्री सुदीप रॉय बर्मन ने जीरो आवर में ये मुद्दा उठाते हुए कहा कि दोनों को पुरस्कृत किया जाए, ताकि उनका भी हौसला बढे।

सीएम से अनुरोध
स्वास्थ्य मंत्री सुदीप रॉय बर्मन ने सीएम विप्लव देब से अनुरोध किया है कि इन दोनों का नाम केन्द्र सरकार और रेलवे को भी भेजा जाए, ताकि इन दोनों का उचित सम्मान और सहायता मिल सके। दोनों के एक साहसिक फैसले की वजह से सैकड़ों लोगों की जान बच जाए, इसलिये इनका सम्मान होना ही चाहिये।

क्या हुआ था 15 जून को ?
आपको बता दें कि 15 जून को उत्तरी त्रिपुरा के धलाई में अंबासा के पास देबबर्मा और उनकी बेटी रेलवे ट्रैक के किनारे-किनारे जा रहे थे, Train11इसी दौरान उनकी नजर क्षतिग्रस्त रेल ट्रैक पर पड़ी। दरअसल लैंड स्लाइड से रेलवे पटरी टूट गई थी। जिसके बाद उन दोनों ने इसका अनसुना करने के बजाय आगे बढते रहे ।

ड्राइवर ने रोक दी ट्रेन
पिता-पुत्री थोडा आगे पहुंचे, तो उसी ट्रैक पर ट्रेन आ रही थी, जिसके बाद पिता ने अपनी शर्ट खोल हाथ में ले ली और ट्रेन को रोकने का इशारा किया। ट्रेन के ड्राइलर सोनू कुमार मंडल ने कहा कि अगर हम उनके इशारे को नजरअंदाज या अनसुना कर देते, तो फिर बड़ा हादसा हो सकता था, इस हादसे में सैकड़ों लोगों की जान जा सकती थी, लेकिन देबबर्मा ने कई लोगों की जान बचा ली।