UP में अब नहीं चलेगी ‘इमरान भाई’ की ‘कटियाबाजी’, लगेगा योगी आदित्यनाथ का करंट !
उत्तर प्रदेश में बिजली चोरी से पार पाना मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लिए भी टेढ़ी खीर है। लेकिन, योगी ने इस दिशा में अपने सख्त कदम बढ़ा दिए हैं।
New Delhi Aug 09 : ये बात करीब एक साल पुरानी है। शाम के यही कोई छह बज रहे होंगे। सूरज अपनी रोशनी को विदाई दे रहा था। कानपुर के चमनगंज की सड़कों पर लगे बिजली के खंभे एक घंटा पहले से ही रौशनी बिखेर रहे थे। मुझे इमरान भाई से मिलना था। जो चमनगंज की संकरी गलियों में रहते थे। उस वक्त सियासत के गलियारे में योगी आदित्यनाथ के नाम ऐसी कोई चर्चा नहीं थी कि वो भविष्य के मुख्यमंत्री होंगे। इमरान भाई का छोटा-मोटा चमड़े का कारोबार था। टेनरी से चमड़े का स्क्रैप उठाते थे। उसकी छंटनी कर आगे बेच देते थेे। साढ़े छह बजे मैं उनके घर पर चाय पी रहा था। अचानक ही बत्ती गुल हो गई। इमरान ने अपने छोटे बेटे फैजल को आवाज लगाई और कहा फेस बदल दे।
फैजल बिजली के मीटर के पास गया। एक जगह से फ्यूज निकालकर दूसरी जगह खोस दिया लाइट आ गई। मैंने इमरान भाई से पूछा ये क्या था। बोले ये बेकनगंज की लाइट है। चमनगंज में लाइट चली जाती है कि हम लोग बेकनगंज की लाइट जला लेते हैं। दिल्ली से गया था। सो दिमाग कौंध रहा था कि ऐसा भी होता है क्या। काम निपटाने के बाद इमरान भाई की गलियों से बाहर निकला तो देखा कि पास ही में ट्रांसफर लगा हुआ है। जिस पर तार ऐसे बिजबिजा रहे थे जैसे मधुमक्खी का छत्ता। जिन लोगों को बिजली के पोल में कटिया डालने की जगह नहीं मिली थी। उन्होंने सीधे ट्रांसफॉर्मर से ही गठजोड़ कर लिया था। चमनगंज और बेकनगंज में तारों का जंजाल फैला हुआ था।
ऐसा जंजाल हमने उस वक्त भी देखा था जब योगी आदित्यनाथ की सरकार नहीं बनी थी। अखिलेश और राहुल चुनावी रथ पर सवार होकर यूपी के तमाम शहरों में गुजरे थे। तारों के इस जाल ने दोनों नेताओं के सिर झुका दिए थे। हमने इमरान भाई से ये भी पूछा था कि यहां बिजली का बिल कैसे आता है। तो जवाब मिला था। बिल आता तो हैं लेकिन देता कोई नहीं। यहां इरफान भाई की चलती है। सपा के नेता हैं। कमोवेश ऐसा ही सीन यूपी के हर शहर में देखने को मिलता था। शायद यही वजह है कि जब योगी आदित्यनाथ की सरकार ने बिजली के बिलों का हिसाब किताब निकलवाया तो पता चला कि यूपी की जनता पर 15 हजार 470 करोड़ रुपया बकाया है। जिसमें घरेलू बिजली की बकाया रकम सबसे ज्यादा नौ हजार 923 करोड़ है।
कमर्शियल सेक्टर में 1888 करोड़ रुपए की देनदारी है। पब्लिक और प्राइवेट संस्थान के लोग 166 करोड़ के बिल पर कुंडली मारे बैठे हुए हैं। लेकिन, योगी आदित्यनाथ के राज में BSP और SP के शासनकाल से चली आ रही है कटियाबाजी की ये कहानी अब धीरे-धीरे खत्म हो रही है। योगी आदित्यनाथ ने भी तय कर लिया है कि वो 24 घंटे बिजली देने के लिए बकाया भी वसूल करके ही रहेंगे। शायद इसी का नजीता है कि यूपी में योगी आदित्यनाथ के आदेश पर बिजली बिल के चालीस हजार बड़े बकाएदारों के कनेक्शन काटे जा चुके हैं। इसके साथ ही ‘नेम एंड शेम की पॉलिसी’ भी लागू कर दी गई है। जिसमें इमरान भाई, बबलू पंडित, दीना कुरील और जसविंदर सिंह जैसे कटियाबाजों को सार्वजनिक फजीहत का सामना करना पड़ेगा। ये सारे नाम बेशक काल्पनिक हो सकते हैं। लेकिन, कटियाबाजी की कल्पना कोरी नहीं है। यूपी में ये घर-घर की कहानी है।