अग्निपथ पर योगी आदित्यनाथ, 36 बच्चों की मौत पर जवाब चाहता है हिंदुस्तान !

गोरखपुर में 36 बच्चों की मौत के बाद देश सन्न है। योगी आदित्यनाथ शायद पहली बार ऐसे अग्निपथ पर हैं, जहां जवाब देना मुश्किल हो गया है।

New Delhi, Aug 13 : योगी आदित्यनाथ ने शायद इस बारे में कभी नहीं सोचा होगा। 36 बच्चों की मौत से उत्तर प्रदेश की सियासत हिल गई है। गोरखपुर में बीआरडी अस्पताल में 36 बच्चों की दर्दनाक मौत हो गई। पहले कहा गया कि बच्चों की ऑक्सीजन की कमी की वजह से मौत हुई है। अब इस पर यूपी सरकार को सफाई देनी पड़ी है। यूपी सरकार का कहना है कि ऑक्सीजन सप्लाइ की कमी की वजह से बच्चों की मौत नहीं हुई। चलिए हम मान लेते हैं कि ऑक्सीजन की कमी की वजह से बच्चों की मौत नहीं हुई। सबसे बड़ा सवाल तो ये है कि बड़े बड़े दावे और वादे करने वाली सरकार के गढ़ में ही 36 बच्चों की मौत कैसे हो गई ? राजनीति है, आज कुछ बातें होंगी और कल कुछ और बातें होंगी।

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धीरे धीरे लोग इस घटना को भूल जाएंगे। जांच चलती रहेगी और ना जाने कब तक चलेगी।  यूपी के स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह कहते हैं कि कुछ घंटों के लिए ऑक्सीजन की सप्लाइ जरूर बाधित हुई थी। लेकिन मौत ऑक्सीजन की कमी से नहीं हुई। आपको याद होगा कि सीएम बनने के बाद योगी ने कहा था कि इंसेफ्लाइटिस से उत्तर प्रदेश में कोई मौत नहीं होगी। फिर कहां गए वो सारे वादे और दावे ? यूपी सरकार का कहना है कि इस लापरवाही बरतने के कारण कॉलेज के प्रिंसिपल को निलंबित कर दिया गया है। आखिर में वो ही घिसी पिटी बात कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। सवाल ये भी है कि 36 बच्चों की मौत पर नरहम एक प्रिसिंपल के निलंबन से लगेगा ?

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उत्तर प्रदेश की इस घटना ने पीएमओ तक को हिला दिया। पीएमओ से लगातार ट्वीट किया जा रहा है कि पीएम मोदी इस घटना पर लगातार नजर बनाए हुए हैं। कहा जा रहा है कि मोदी यूपी सरकार और अधिकारियों से संपर्क में हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री अनुप्रिया पटेल और केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव गोरखपुर में मामले पर नजर बनाए रखेंगे। उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह जब मीडिया के सामने आए तो कुछ आंकड़े उनके हाथ में थे। उन्होंने कहा कि अगस्त 2014 में 567 बच्चों की मौत इस बीमारी की वजह से हुई थी। सवाल ये है कि क्या बच्चों की मौत पर आंकड़ों की चौसर बिछाना जरूरी है।

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सिद्धार्थनाथ कहते हैं कि उत्तर प्रदेश की सरकार संवेदशनील सरकार है। इसके साथ ही कहा कि गैस सप्लाई बाधित होने के वजहों की जांच की जा रही है। सरकार द्वारा बकायदा एक जांच दल का गठन किया गया है। ये जांच दल जो रिपोर्ट देगा, उसके आधार पर ही कार्रवाई होगी। सवाल तो ये भी है कि अगर पता है कि इंसेफ्लाइटिस जैसी खतरनाक बीमारी से ग्रसित बच्चे अस्पताल में भर्ती हैं, तो तमाम सुरक्षा की जांच पहले ही हो जानी चाहिए थी। योगी आदित्यनाथ सीएम बनने के बाद पहली बार इस विकट समस्या से गुजर रहे हैं और उन्हें जल्द से जल्द जनता के सामने आकर जवाब देना ही होगा।