बाबा राम रहीम का ‘बारूदी’ डेरा, AK-47, बम और ‘विस्फोटकों’ से बाबागीरी !  

बाबा राम रहीम के आश्रम से ऐसे खतरनाक हथियार मिले हैं, जो तबाही मचाने के लिए काफी हैं। बड़ा सवाल ये है कि क्या इस तरह से बाबा की बाबागीरी चलती थी ?

New Delhi, Aug 26 : आज देशभर में सबसे बड़ा सवाल ये ही पूछा जा रहा है कि क्या डेरा सच्चा सौदा में लोगों की भावनाओं से खिलवाड़ हो रहा था ? 25 अगस्त का दिन दोपहर 2.30 बजे, जैसे ही कोर्ट ने बाबा राम रहीम को दोषी करार दिया, तबसे देश के कई राज्यों में हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं। बाबा के समर्थकों पर जैसे खून सवार हो रहा है। हर तरफ आगजनी, पुलिस और मीडिया पर पथराव हो रहा है। सेना की कई टीमों को इन राज्यों में तैनात कर दिया गया है। आखिर ऐसे हालात पनपने का जिम्मेदार कौन है ? अब आपको एक और बात जानकर हैरानी होगी। बाबा के आश्रम में पुलिस और सेना की टीमों ने छानबीन की तो बड़ी हैरानी हुई।

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आश्रम से एके-47 जैसा खतरनाक हथियार मिला है। प्रशासनिक कारवाईयों में डेरा समर्थकों के पास से बड़ी संख्या में हथियार होने का मामला सामने आ रहा है। बाबा के आश्रम में हो रही इन गतिविधियों के बारे में सेना ने आज से सात साल पहले ही आगाह कर दिया था। एके 47 जैसा खतरनाक हथियार सिविलियन को रखने की इजाजत हर हाल में नहीं है। इसके अलावा हरियाणा के डीजीपी का कहना है कि बाबा के समर्थकों के पास जानलेवा हथियार बरामद हुए हैं। एके 47 के अलावा पेट्रोल बम और कारतूस भी इन हथियारों की लिस्ट में शामिल हैं। भारतीय सेना ने साल 2000 में ही एक एडवाजरी जारी की थी।

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एडवायजरी में कहा गया था कि डेरा में हथियारों की ट्रेनिंग दी जाती है। रिपोर्ट्स कहती हैं कि इस बारे में तत्कालीन हरियाणा सरकार को बता दिया गया था। इसके बाद भी सरकार ने क्लीन चिट दे दी थी। ऐसे में बड़ा सवाल उठता है कि पहले ही इस अलर्ट पर गंभीर क्यों नहीं हुआ गया ? आखिर क्यों उस वक्त ही मामले को दबा दिया गया ? आखिर किस बिनाह पर ऐसी क्लीन चिट सेना को वापस भेजी गई ? अगर पहले ही सब कुछ हुआ रहता तो शायद आज हिंदुस्तान को ऐसे हालत देखने को नहीं मिलते। आज पूरा हरियाणा और पंजाब जल रहा है। जिधर देखिए उधर बवाल मच रहा है।

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ऐसे में डेरा से हथियार और विस्फोटक मिलना भी हैरान करता है। जहां लोग सद्भावना का ज्ञान लेने जाते थे. जहां लोग ‘इंसा’ बनने जाते थे, वहां घातक हथियार मिलना क्या साबित करता है ? सेना पहले ही बता चुकी है कि आश्रम में हथियारों की ट्रेनिंग दी जाती थी। तो क्या वहां प्रवचन ना होकर जान से खेलने की ट्रेनिंग मिलती थी ? खैर इस मामले में कई यक्ष प्रश्न हैं और इन यक्ष प्रश्नों का जवाब देने के लिए फिलहाल कोई युधिष्ठिर भी नहीं है। देखना है कि बाबा राम रहीमं के डेरे से और क्या क्या निकलकर सामने आता है। फिलहाल तो देश इस खबर से ही हैरान है।