राहुल गांधी तुमसे ना हो पाएगा भईया ! बिहार में बवाल है और आप नार्वे में हैं
बिहार कांग्रेस में इस वक्त भारी घमासान चल रहा है। राहुल गांधी की गैरमौजूदगी में हाईकमान ने हालात कुछ संभाले तो हैं लेकिन ….
New Delhi Sep 01 : अभी कुछ महीने पहले तक ही राहुल गांधी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सूट-बूट को लेकर तंज कसा करते थे। लेकिन, अब राहुल गांधी ने उसी तंज का चोला खुद भी पहन लिया है। बिहार कांग्रेस के उन नेताओं को राहुल गांधी की ये सूटेड-बूटेड ड्रेस पसंद नहीं आ रही है जिन्होंने तपती दुपहरिया में पार्टी को जिताने के लिए जी-जान एक कर दिया था। 2015 के चुनाव में बिहार कांग्रेस को अच्छा रिजल्ट भी मिला था। लेकिन, इसका फायदा कुछ नहीं मिल रहा है। बिहार कांग्रेस हाशिए पर चली गई है। लालू के कथित भ्रष्टाचार के खिलाफ नीतीश कुमार महागठबंधन को तोड़कर भारतीय जनता पार्टी के साथ सरकार बना चुके हैं। लालू यादव ने बीजेपी और नीतीश कुमार के खिलाफ आवाज उठाकर अपनी पार्टी को मजबूत करना शुरु कर दिया है। लेकिन, कांग्रेस खुद को ठगा और हारा हुआ महसूस कर रही है।
बिहार कांग्रेस का ये दर्द पार्टी हाईकमान महसूस ही नहीं कर पा रहा है। तभी तो बिहार कांग्रेस में बवाल मचा हुआ है और राहुल गांधी नार्वे की सैर कर रहे हैं। अपनी सूट-बूट वाली फोटो ट्विटर पर शेयर कर रहे हैं। बिहार कांग्रेस के नेताओं की तकलीफ इस बात को लेकर है कि राहुल गांधी नार्वे के विदेश मंत्रालय के बुलावे पर वहां तो चले जा रहे हैं लेकिन, दिल्ली से पटना का हवाई सफर तय नहीं कर पा रहे हैं। जिसमें दो घंटे से भी कम का वक्त लगना है। बिहार कांग्रेस के नेता चाहते हैं कि उन्हें हाईकमान से कुछ तो आश्वासन मिले, कुछ तो जवाब मिले कि आखिर उन्होंने क्या सोचकर लालू यादव के कथित भ्रष्टाचार का साथ दिया। क्यों बीस महीने के भीतर ही कांग्रेस की मलाई फटे दूध में तब्दील कर दी गई।
बात सिर्फ बिहार की नहीं है। बवाल गुजरात कांग्रेस में भी मचा हुआ है और हिमाचल कांग्रेस में भी। लेकिन, राहुल गांधी पर इन सब का कोई असर पड़ता हुआ नजर नहीं आ रहा है। हालांकि देर से ही सही दस जनपथ की आंखें जरुर इस पूरे बवाल पर खुली हैं। गुरुवार को दस जनपथ से हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के बाहर निकलते ही बिहार कांग्रेस के नेताओं ने दस्तक दे दी। सोनिया गांधी ने बिहार कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अशोक चौधरी और विधानमंडल दल के नेता सदानंद को तलब किया था। सोनिया गांधी ने इन नेताओं ने उनकी रिपोर्ट तो ले ली है। लेकिन, क्या ये रिपोर्ट बिहार कांग्रेस को टूटने से रोक पाएगी। ये कह पाना बेहद मुश्किल है। क्योंकि गुबार कई नेताओं के दिल में कई दिनों से भरा हुआ है। जिसका फूटना तय है।
बिहार में इस बार महागठबंधन की छत्रछाया में कांग्रेस ने 20 साल में अपना सबसे बेहतरीन प्रदर्शन दिखाया था। 27 विधायक चुनाव जीते थे लेकिन, बीस महीने तक ही सत्ता का सुख भोगने के बाद उसके हाथ से सबकुछ छिन गया। कांग्रेस गठबंधन की गांठ में उलझ कर रह गई है। गांठ भी ऐसी पड़ी है जो गठबंधन को तोड़ने के बाद ही खुलेगी। दरअसल, बिहार कांग्रेस के नेताओं को अब लालू यादव का साथ रास ही नहीं आ रहा है। कांग्रेस पार्टी के आधे से ज्यादा विधायक इस वक्त नीतीश कुमार के साथ जाने को तैयार बैठे हैं। बिहार की इस सियासी गरमाहट को अब तक राहुल गांधी महसूस नहीं कर पाएंगे हैं। दस जनपथ ने बगावत की इस बू को सूंघ लिया है। देखिए कांग्रेस का कुनबा टूटता है या फिर साथ रहता है।