महाराष्‍ट्र में अंडरवर्ल्‍ड का पॉलिटिकल कनेक्‍शन ! नेताओं की मदद से चलता है रंगदारी का ‘धंधा’

अभी सोमवार की रात ही एनकाउंटर स्‍पेशलिस्‍ट प्रदीप शर्मा ने अंडरवर्ल्‍ड डॉन दाऊद इब्राहिम के भाई इकबाल कासकर को गिरफ्तार किया था। पढि़ए खुलासे।

New Delhi Sep 20 : गंदा है पर धंधा है ये। जी हां महाराष्‍ट्र में जमकर रंगदारी का गंदा खेल चलता है। रंगदारी का ये खेल सिर्फ महाराष्‍ट्र तक ही सीमित नहीं है बल्कि देश के दूसरे हिस्‍सों में भी बडे उद्योगपति और बिल्‍डर्स अंडरवर्ल्‍ड के निशाने पर रहते हैं। प्रोटेक्‍शन के नाम पर एक्सटॉर्शन वसूली जाती है। रंगदारी के इस खेल में अंडरवर्ल्‍ड को नेताओं का भी पूरा सपोर्ट मिलता है। अभी सोमवार को ही पुणे की एंटी एक्सटॉर्शन सेल के चीफ और एनकाउंटर स्‍पेशलिस्‍ट प्रदीप शर्मा ने दाऊद इब्राहिम के भाई इकबाल कासकर को रंगदारी के आरोप में उठाया था। प्रदीश शर्मा अब इस बात की पड़ताल कर रहे हैं कि क्‍या रंगदारी वसूलने में महाराष्‍ट्र के नेताओं ने दाऊद इब्राहिम के भाई इकबाल कासकर की मदद की थी। ये कोई पहला मौका नहीं है कि जब अंडरवर्ल्‍ड का पॉलिटिकल कनेक्‍शन सामने आया हो। इससे पहले भी कई बार ऐसे खुलासे हो चुके हैं जो ये साबित करते हैं कि जरायम की दुनिया में सफेदपोश नेताओं की भी पैठ है।

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इकबाल कासकर और नेताओं की सांठगांठ का खुलासा भी काफी चौंकाने वाला है। प्रदीप शर्मा की टीम इस वक्‍त इकबाल कासकर और उसके दो सहयोगी मुमताज शेख और इसरार अली जामिल समेत पांचों लोगों से कड़ाई से पूछताछ कर रही है। हर किसी को मालूम है कि पुलिसिया पूछताछ में ऊंगली टेढी करनी ही पड़ती है तभी इकबाल कासकर जैसे घाघ गैंगस्‍टर टूटते हैं। पुलिस को खबर मिली है अंडरवर्ल्‍ड डॉन दाऊद इब्राहिम के भाई इकबाल कासकर और उसके गुर्गों ने पिछले करीब तीन साल में ही मुंबई के बड़े बिल्‍डर्स, उद्योगपति और ज्‍यूलर्स से करीब सौ करोड़ रुपए की उगाही की है। प्रदीप शर्मा की टीम को जांच में NCP के दो नेताओं की भूमिका संदिग्‍ध मिली है। जिनकी जांच की जा रही है। बताया जा रहा है कि इन नेताओं ने ही इकबाल कासकर और बिल्‍डर्स के बीच बिचौलिए की भूमिका निभाई।

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नेताओं के अंडरवर्ल्‍ड कनेक्‍शन में एक्‍सटॉर्शन का ये खेल कैसे चलता है जरा ये भी समझ लीजिए। दरअसल, कोई भी बिल्‍डर हो या फिर बड़ा उद्योगति वो अपने स्‍थानीय नेता के संपर्क में रहता ही है। स्‍थानीय नेता भी चंदे के चक्‍कर में उनके संपर्क में रहते हैं। इन मुलाकातों में नेता बिल्‍डर और उद्योगपतियों को ये एहसास दिला देता है कि उनके कनेक्‍शन अंडरवर्ल्‍ड तक हैं। उन्‍हें परेशान होनी की कोई जरुरत नहीं। इस बीच इकबाल कासकर सरीखे लोग अपने भाई के नाम पर जब ऐसे बिल्‍डरों से मोटी रकम की मांग करते हैं तो ये लोग उस नेता की शरण में चले जाते हैं। तब नेता जी दस करोड़ के एक्‍सटॉर्शन अमाउंट को छह करोड़ तक ले आते हैं। बिल्‍डर को लगता है उसका चार करोड़ का फायदा हो गया। अंडरवर्ल्‍ड को फोकट की रकम मिल ही रही होती है। ऐसे में कम से कम एक करोड़ की हड्डी इस तरह के नेताओं को भी थमा दी जाती है।

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इकबाल कासकर साल 2013 से ठाणे के बिल्‍डरों को धमकाकर रंगदारी वसूल कर रहा है। जिस वक्‍त नोटबंदी में तमाम लोगों को नुकसान हुआ उस वक्‍त इकबाल कासकर ने बिल्‍डरों से कैश लेने की बजाए फ्लैट लेने शुरु कर दिए थे। जिसके गारंटर बिचौलिए नेता बनते थे। पुलिस को पता चला है कि इकबाल रोजा बेला कॉम्‍प्‍लेक्‍स में इसी तरह से चार फ्लैट ले चुका है। जिनका बाजार भाव करीब पांच करोड़ रुपए है। इस डील में भी NCP के दो नेता गारंटर बने थे। हालांकि एनसीपी इस तरह के आरोपों से इनकार करती रही है। सीधे तौर पर स्‍वीकार करने का कोई मतबल भी नहीं बनता है। लेकिन, मुंबई पुलिस इस पूरे कनेक्‍शन की पड़ताल में जी जान से जुटी है। जैसे ही प्रदीप शर्मा की टीम को अंडरवर्ल्‍ड के इस पॉलिटिकल कनेक्‍शन के पुख्‍ता सबूत मिलेंगे, नेता जी आपको सलाखों के पीछे दिखाई पड़ेंगे।