भारत-म्यांमार और बांग्लादेश के साझा दुश्मन हैं रोहिंग्या आतंकी, मासूमियत के नकाब में ‘जेहाद’
रोहिंग्या मुसलमानों का मसला काफी गरम है। लेकिन, इस मसले को सिर्फ मानवाधिकार के नजरिए से नहीं देखा जा सकता है। क्योंकि इसमें रोहिंग्या आतंकी शामिल हैं।
New Delhi Sep 22 : रोहिंग्या मुसलमानों का मसला इस वक्त अंतरराष्ट्रीय स्तर पर छाया हुआ है। तमाम संगठन मानवाधिकार की दुहाई देकर इन्हें शरणार्थी घोषित करने की मांग कर रहे हैं। लेकिन, मोदी सरकार कह चुकी है कि देश में मौजूद चालीस हजार रोहिंग्या मुसलमान शरणार्थी नहीं बल्कि घुसपैठिए हैं जिन्हें वापस म्यांमार जाना ही होगा। भारत सरकार इन्हें लेकर अपनी आतंरिक सुरक्षा से समझौता नहीं कर सकती है। क्योंकि रोहिंग्या मुसलमानों में रोहिंग्या आतंकी भी छिपे हैं। जो मासूमियत के नकाब में जेहादी हैं। अब तो बांग्लादेश ने भी ये मान लिया है कि रोहिंग्या आतंकी हिंदुस्तान-म्यांमार और बांग्लादेश का साझा दुश्मन है। ये आतंकी संगठन महिलाओं और बच्चों की आड़ में इन तीनों ही देशों में दहशत फैलाना चाहता है।
बांग्लादेश ने माना है कि रोहिंग्या आतंकी पाकिस्तान के खूंखार आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के संपर्क में हैं। इतना ही नहीं अराकन रोहिंग्या सैल्वेशन आर्मी यानी ARSA का गठन भी लश्कर-ए-तैयबा की मदद से ही हुआ है। इस तरह के जेहादी संगठनों से बांग्लादेश को भी खतरा है। रोहिंग्या आतंकी दहशत का वो नकाब ओड़े हुए हैं जिसमें ऊपर से तो दर्द और तकलीफ नजर आएगी लेकिन, अंदर सिर्फ और सिर्फ जेहाद ही भरा हुआ है। हालांकि ये दावा करना भी गलत होगा कि हर रोहिंग्या मुसलमान आतंकी है। लेकिन, ये बात माननी पड़ेगी कि रोहिंग्या मुसलमानों की भीड़ में कई आतंकी छिपे हुए हैं। जो मुस्लिम महिलाओं और बच्चों को ढाल बनाकर हिंदुस्तान और बांग्लादेश में घुसपैठ करना चाहते हैं।
रोहिंग्या आतंकियों को लेकर पाकिस्तान कठघरे में है।बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना के राजनीतिक सलाहकार तौफीक इमाम ने इस मसले पर पाकिस्तान पर सीधे और गंभीर आरोप लगाए हैं। तौफीक इमाम ने दावा किया है कि उनकी यहां की खुफिया एजेंसियों ने ये इनपुट दिया है कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई रोहिंग्या मुसलमानों का इस्तेमाल कर रही है। म्यांमार और भारत की सीमा पर सांप्रदायिक तनाव पैदा करने की कोशिश की जा रही है। यहां ये बात भी गौर करने वाली है कि पाकिस्तान जिस तरह से भारत में दहशतगर्दी फैलाता है उसी तरह की दहशतगर्दी वो बांग्लादेश में भी फैलाता है। बांग्लादेश के भीतर भी पाकिस्तानी आतंकी कहर बरपाते रहते हैं।
पाकिस्तान और वहां के आतंकी संगठनों के लिए रोहिंग्या मुसलमान अब नया हथियार बन गए हैं। जिनका इस्तेमाल म्यांमार के अलावा हिंदुस्तान और बांग्लादेश में भी किया जा रहा है। इसी बात को लेकर बांग्लादेश अब डंके की चोट पर कह रहा है कि रोहिंग्या आतंकी हमारे साझा दुश्मन है। इस मसले पर भारत, म्यांमार और बांग्लादेश तीनों ही देश एक ही रणनीति पर काम कर रहे हैं। भारत किसी भी कीमत पर आतंक से ग्रसित इन मुसलमानों को अपने यहां नहीं देने वाला है। जबकि म्यांमार कर चुका है कि जो रोहिंग्या मुसलमान वहां वापस आना चाहते हैं आ जाएं लेकिन, उन्हें वैरीफिकेशन की प्रक्रिया से गुजरना होगा। बांग्लादेश में भी रोहिंग्या मुसलमानों की तादाद बहुत ज्यादा है और निपटने का तरीका सिर्फ एक ही है।