तीन तलाक खत्म हुआ तो एक और फतवा, मुस्लिम महिलाओं के लिए नया फरमान जारी !
हाल ही में तीन तलाक को सुप्रीम कोर्ट ने मुस्लिम महिलाओं के अधिकार के खिलाफ कहा तो अब नया फतवा जारी हो गया है। हेयर कटिंग का फतवा
New Delhi, Oct 07: मुस्लिम महिलाओं पर आखिर इतनी बंदिशें किस बात की ? क्यो बार बार फतवों की आड़ में उन्हें शिकार बनाया जा रहा है ? पहले तीन तलाक और अब ये कैसा फतवा जारी हो रहा है, जिसका ना सिर और ना ही पैर ? जी हां दारूल उलूम देवबंद की तरफ से एक और फतवा जारी कर दिया गया है। इस फतवे के मुताबिक मुस्लिम महिलाएं ना तो बाल कटवा सकती हैं और ना ही आईब्रो बनवा सकती हैं। हालांकि मुस्लिम समाज के पुरुषों के लिए लिए अब तक ऐसा कोई भी फतवा दारूल उलूम की तरफ से जारी नहीं किया गया है। ताजा फतवे में मुस्लिम महिलाओं के लिए हेयर कटिंग और आइब्रो बनवाना नाजायज है।
मतलब समझ में ये नहीं आता है कि कुरान की कौन सी आयत में ऐसा लिखा गया है कि महिलाओं को साज श्रंगार नहीं करना चाहिए, या फिर महिलाओं का साज श्रृंगार करना महापाप है। दारूल उलूम के फतवा डिपार्टमेंट के मौलाना लुतफुर्रहमान सादिक कासमी ने इसे पूरी तरह से जायज ठहराया है। उनका यहां तक मानना है कि दारूल उलूम को ऐसा फतवा बहुत पहले ही जारी कर देना चाहिए था। अब ये भी जान लीजिए कि आखिर ये मामला कहां से उठा है ? दरअसल एक शख्स ने दारूल उलूम से सवाल पूछा है कि क्या पत्नी आइब्रो बनवा सकती है ? या फिर क्या पत्नी बाल कटवा सकती है ?
एक इंसान अपनी पत्नी के लाइफस्टाइल के लिए दारूल उलूम से सवाल पूछ रहा है कि उसे उसकी पत्नी को किस तरह से रखना चाहिए। बस फिर क्या था दारूल उलूम के फतवा डिपार्टमेंट ने फतवा जारी कर दिया कि इस्लाम में आइब्रो बनवाना हराम है। अगर कोई महिला ऐसा काम करती है, तो वो इस्लाम के खिलाफ है। फतवा डिपार्टमेंट बकायदा इसके लिए तर्क ढूंढकर लाया है। फतवा डिपार्टमेंट का कहना है कि इस्लाम में महिलाओं पर 10 बंदिशें हैं। उन बंदिशों में से दो बंदिशें बाल कटवाना और आईब्रो बनवाना भी है। कहा गया है कि बाल महिलाओं की खूबसूरती होती है। जब तक कोई मजबूरी ना हो, तब तक बाल नहीं कटने चाहिए।
मौलाना लुतफुर्रहमानका कहना है कि मुस्लिम महिलाएं इन दिनों ब्यूटीपार्लर का जमकर इस्तेमाल कर रही हैं। जिस तरह पुरुषों का दाढ़ी कटवाना नाजायज है, उसी तरह महिलाओं का बाल कटवाना गलत है और साथ ही आइब्रो बनवाना भी हराम है। आपको बता दें कि करीब तीन साल पहले भी इसी तरह का एक फतवा जारी किया गया था। अभी तीन तलाक से मुस्लिम महिलाओं को राहत क्या मिली कि नया फतवा जारी हो गया है। खैर अब देखना है कि क्या इस फतवे के खिलाफ कोई आवाज उठेगी या फिर महिलाओं को एक बार फिर से इस फतवे की आड़ में अपनी जिंदगी मजबूरी में काटनी पड़ेगी