केरल में नहीं थम रही राजनैतिक हिंसा, क्‍या CPM ने अपनी रैली में खुद कराए बम से हमले ?

केरल में राजनैतिक हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है। CPM की रैली में बम से हमले हुए हैं। जिसमें सीपीएम के कार्यकर्ताओं के अलावा पुलिसवाले जख्‍मी हुए।

New Delhi Oct 09 : केरल में राजनैतिक घमासान मचा हुआ है। यहां पर राजनैतिक हिंसा थमने का नाम ही नहीं ले रही है। राज्‍य में CPM की सरकार है। लेकिन, जिस तेजी के साथ यहां पर भारतीय जनता पार्टी और आरएसएस का वर्चस्‍व बढ़ता जा रहा है उससे लेफ्ट पार्टियों की हालत खराब है। केरल के कन्नूर जिले स्थित के कैवेल्लीकल में सत्ताधारी CPM ने रैली का आयोजन किया था। लेकिन, इस रैली में देसी बम फेंके गए। जिसके बाद माहौल बिगड़ गया। CPM कार्यकर्ताओं ने पथराव शुरु कर दिया। हालात पर काबू पाने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। केरल में हुई इस राजनैतिक हिंसा में सीपीएम के पांच कार्यकर्ता और पुलिस के चार जवान जख्‍मी हो गए। जिन्‍हें इलाज के लिए पास ही के अस्‍पताल में भर्ती कराया गया है।

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इस राजनैतिक हिंसा की सबसे दिलचस्‍प बात ये है कि देसी बमों के हमलों से CPM का एक भी कार्यकर्ता जख्‍मी नहीं हुआ। लेकिन, पथराव और लाठीचार्ज में वो जरूर घायल हुए। सत्‍ताधारी सीपीएम का आरोप है कि रैली में बमों से हमला बीजेपी और संघ परिवार के लोगों ने किया। जबकि बीजेपी सीपीएम के इन आरोपों को निराधार बता रही है। भारतीय जनता पार्टी का कहना है कि राज्‍य की जनता यहां पर सालों से सबकुछ देख रही है। किस तरह से बीजेपी और संघ कार्यकर्ताओं की हत्‍याएं की जा रही है ये भी जनता देख रही है। सीपीएम ने फर्जी सहानुभूति हासिल करने के लिए खुद की रैली पर ही ये हमला कराया और आरोप भारतीय जनता पार्टी और संघ परिवार से जुड़े लोगों पर मढ़ा जा रहा है।

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इस हमले के विरोध में सत्‍ताधारी CPM ने एक दिन के बंद का आह्वाहन भी किया है। घायलों का इलाज इस वक्‍त थालसेरी में एक अस्पताल में चल रहा है। राज्‍य की पुलिस भी राज्‍य सरकार की ही भाषा बोल रही है। पुलिस का कहना है कि कैवेल्‍लीकल भारतीय जनता पार्टी और राष्‍ट्रीय स्‍वयं सेवक संघ के वर्चस्‍व वाला इलाका है। ऐसे में उन्‍हें भी शक है कि हमले के पीछे इनका हाथ हो सकता है। फिलहाल पूरे इलाके में भारी तनाव है। अप्रिय घटना से निपटने के लिए यहां पर अतिरिक्‍त पुलिस फोर्स तैनात की गई है। लेकिन, CPM की रैली में हुए बम धमाकों को लेकर कई सवाल खड़े हो रहे हैं। जाहिर सी बात है कि जब रैली का आयोजन किया जा रहा था तो पुलिस को भी इसकी अग्रिम सूचना थी।

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रैली में CPM कार्यकर्ताओं के अलावा वर्दी और सादी वर्दी में पुलिस के जवान भी माैजूद थे। फिर कोई कैसे इतनी भीड़ में बम फेंककर भाग निकलने में कामयाब हो सकता है। इस तरह की कहानियों पर शक जरूर होता है। आखिर पुलिस वहां पर क्‍या कर रही थी? सादी वर्दी में तैनात पुलिस वालों कहां थे? क्‍या रैली में हमला हो सकता है इस बात की खुफिया जानकारी केरल पुलिस के पास नहीं थी ? अगर थी तो उससे निपटने के क्‍या बंदोबस्‍त किए गए थे ?  या फिर ये सब एक सोची समझी रणनीति के तहत किया गया था। अभी हाल ही में बीजेपी के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष अमित शाह ने भी कन्नूर के पयन्नुर से जनसुरक्षा यात्रा की शुरुआत की थी। केरल के साथ-साथ दिल्‍ली में भी राज्‍य में होने वाली राजनैतिक हत्‍याओं के विरोध में रैली निकाली गई थी।