राहुल गांधी बताएं कांग्रेस शासित राज्यों की जनता का क्या कसूर है ?

पेेट्रोल पॉलिटिक्स में बीजेपी ने विपक्ष के सामने चुनौती खड़ी कर दी है। बीजेपी शासित राज्य वैट कम कर रहे हैं, बीजेपी राहुल गांधी पर हमला कर रही है।

New Delhi, Oct 13: पेट्रोल पॉलिटिक्स इन दिनों चरम पर है। दरअसल पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों के बाद विपक्ष ने केंद्र सरकार पर हमला बोला, कहा कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें कम होने के बाद भी देश में पेट्रोलियम उत्पादों की कीमत बढ़ क्यों रही है। सरकार की कमाई का सबसे बड़ा जरिया पेट्रोलियम उत्पादों से मिलने वाला टैक्स ही है। इस बात से सरकार इंकार नहीं कर रही है, लेकिन कीमतों का विरोध और जनता को हो रही दिक्कतों के चलते सरकार ने प्रदेश सरकारों से वैट कम करने की अपील की है। इस अपील का असर बीजेपी शासित राज्यों के अलावा किसी पर नहीं हो रहा है। क्या ये माना जाए कि जनता को परेशान करने के लिए कांग्रेस शासित, वाम दलों द्वारा शासित राज्य इस अपील को नहीं मान रहे हैं।

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पेट्रोल और डीजल की कीमतों से जनता को राहत देने के लिए बीजेपी शासित 4 राज्य सरकारों ने वैट की दरों को कम कर दिया है। इनमें गुजरात, महाराष्ट्र, उत्तराखंड और ताजा ताजा मध्य प्रदेश का नाम जुड़ा है। मध्य प्रदेश की शिवराज चौहान सरकार ने जनता को राहत देने के लिए पेट्रोलियम उत्पादों से वैट की दर को कम कर दिया है। इस से प्रदेश की जनता को कुछ राहत तो मिलेगी। बता दें कि राज्य सरकारों के अलावा केंद्र सरकार ने भी पेट्रोलियम उत्पादों पर लगने वाले एक्साइस ड्यूटी को 2 रुपये कम किया था। इस से भी जनता को राहत मिली है। राज्य सरकारें अगर वैट की दरों को कम करती हैं तो राहत और बढ़ सकती है।

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वैट कम करने वाले राज्यों में नया नाम है मध्य प्रदेश का, मध्य प्रदेश सरकार ने वैट की दरें कम कर दी हैं, जिसके बाद अब राज्य में पेट्रोल 1.70 प्रति लीटर और डीजल 4 रुपये प्रति लीटर सस्ता हो जाएगा। निश्चित तौर पर इसका फायदा जनता को होगा। सरकार ने पेट्रोल पर 3 फीसदी और डीजल पर 5 फीसदी वैट कम किया है। शिवराज सरकार का कहना है कि इस कटौती से सरकार को 1000 करोड़ रूपये का घाटा होगा। बता दें कि पूरे देश में एमपी सरकार पेट्रोलियम उत्पादों पर सबसे ज्यादा टैक्स वसूलती है। हालांकि राज्य में पेट्रोल और डीजल पर सेेस बरकरार रहेगा। बहरहाल शिवराज सरकार के इस फैसले को लेकर बीजेपी ने कांग्रेस शासित सरकारों पर हमला करना शुरू कर दिया है।

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बीजेपी के नेता कह रहे हैं कि राहुल गांधी को जनता की इतनी चिंता है, तो वो अपनी पार्टी की सरकारों से ये सवाल करें। क्या राहुल गांधी को केवल बीजेपी शासित राज्य ही दिखाई देते हैं। वो कांग्रेस शासित सरकारों से पूछें कि वो वैट की दरों को कम क्यों नहीं कर रही हैं। क्या जनता को राहत देने का इरादा नहीं है कांग्रेस का, या फिर वो इस मुद्दे पर जनता को परेशान करके उनका गुस्सा भड़काना चाहती है। बीजेपी शासित राज्य जिस तरह से पेट्रोल पॉलिटिक्स में बााजी मार रहे हैं उस से विपक्ष पर दबाव बढ़ रहा है। दिल्ली में बीजेपी ने केजरीवाल सरकार से भी वैट को कम करने की मांग की है। अब देखना ये है कि राहुल गांधी समेत विपक्ष के तमाम नेता क्या करते हैं।