रो-रो फेरी सर्विस : मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट विपक्ष की ‘उम्मीदों’ पर फेरेगा पानी
गुजरात विधानसभा चुनाव से ठीक पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरातियों को बड़ा तोहफा दे दिया है। उन्होंने रो-रो फेरी सर्विस की शुरुआत कर दी है।
New Delhi Oct 22 : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को गुजरात के घोघा में साढ़े छह सौ करोड़ रूपए की लागत वाली घोघा दाहेज रो-रो फेरी सर्विस का उद्घाटन कर दिया है। मोदी ने अपने इस ड्रीम प्रोजेक्ट के पहले फेस का इनॉगरेशन किया। रो-रो फेरी सर्विस सिर्फ हिंदुस्तान ही नहीं बल्कि साउथ ईस्ट एशिया में अपनी तरह का अनोखा और पहला प्रोजेक्ट है। इस सर्विस के उद्घाटन मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कई सरकारें आईं और चली गईं लेकिन, इस प्रोजेक्ट का काम पूरा करना उनके नसीब में ही लिखा था। ये सर्विस करोड़ों गुजरातियों के लिए मील का पत्थर साबित होगी। रो-रो फेरी सर्विस को गुजरात विधानसभा से भी अगर जोड़कर देखा जाए तो ये प्रोजेक्ट विपक्ष की उम्मीदों पर पानी फेरता हुआ नजर आ रहा है।
इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व की यूपीए सरकार पर भी निशाना साधा। नरेंद्र मोदी का कहना था कि जब मैं गुजरात का मुख्यमंत्री था उस वक्त केंद्र में यूपीए की सरकार थी। तब केंद्र की यूपीए की सरकार ने मुझे काम ही नहीं करने दिया। रो-रो फेरी सर्विस का प्रोजेक्ट सालों तक कोने में ही पड़ा रहा। उन्होंने इस प्रोजेक्ट के लिए गुजरात की सरकार और जनता को बधाई भी दी। मोदी का कहना था कि इस बात पर विवाद हो सकता है कि मनुष्य ने पहले तैरना सीखा या फिर पहिया बनाना सीखा। लेकिन, ये बात एक दम ठीक है कि मनुष्य ने नाव से नदी को पार करना आसान समझा। मोदी का कहना है कि गुजरात का तो हजारों साल पुराना सामुद्रिक यात्रा का इतिहास रहा है। यहां पर नावें बना करती थीं। 84 देशों के झंडे लहराया करते थे।
1700 साल पहले कई देशों के बच्चे गुजरात में पढ़ने आते थे लेकिन, ना जाने क्यों ये सब इतिहास के पन्नों में दब गया। मोदी ने कहा कि रो-रो फेरी सर्विस गुजरात के करोड़ों लोगों की जिदंगी को बेहद आसान बना देगी। गुजरात सरकार ने घोघा से दाहेज की दूरी को कम कर दिया है। घंटों गुजरने वाला सफर अब सिर्फ एक घंटे में ही पूरा हो जाया करेगा। सौराष्ट और साउथ गुजरात के बीच करीब 12 हजार लोग रोजाना यात्रा करते हैं। 5000 से ज्यादा गाड़ियां यहां की सड़कों पर दौड़ती हैं। लेकिन, समुद्र से अब इसकी दूरी सिर्फ 31 किलोमीटर ही रह गई है। रो-रो फेरी सर्विस में एक बार में 500 लोग, 100 कारें, 100 ट्रक एक साथ घोघा से दाहेज तक जा सकते हैं। टर्मिनल का निर्माण सरकार ने कराया है। जबकि फेरियां निजी कंपनियां चलाएंगी। जिसमें सरकार की हिस्सेदारी होगी।
रो-रो फेरी सर्विस है क्या जरा ये भी समझ लीजिए। दरअसल, साउथ गुजरात के दाहेज से सौराष्ट्र के घोघा के बीच सड़क मार्ग से दूरी 310 किलोमीटर की है। रो-रो फेरी सर्विस से समुद्र के रास्ते ये दूरी सिर्फ 31 किलोमीटर की रह गई है। लोग पहले इस सफर को तय करने के लिए अपने निजी वाहन या फिर बसों का इस्तेमाल करते थे। जिसमें सात से आठ घंटे लग जाते थे। रो-रो फेरी सर्विस की नींव साल 2012 में नरेंद्र मोदी ने ही रखी थी। जिसके पहले फेस में मुसाफिर इस समु्द्री यात्रा के तहत अपने सफर को कम करेंगे। जबकि दूसरे फेस में पांच सौ यात्रियों के अलावा सौ कार और सौ ट्रकों को भी ले जाने का बंदोबस्त किया जाएगा। जाहिर है गुजरात इलेक्शन में रो-रो फेरी सर्विस विपक्ष की उम्मीदों पर भी पानी फेरेगी।