आधार ‘हीन’ ममता बनर्जी को सुप्रीम कोर्ट ने लगाई कड़ी फटकार, बाज आएंगी ‘दीदी’ ?

आधार लिकिंग मामले में पश्चिम बंगाल की मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी को सुप्रीम कोर्ट ने कड़ी फटकार लगाई है। अदालत ने उनके खिलाफ तल्‍ख टिप्‍पणी की।

New Delhi Oct 30 : पश्चिम बंगाल की मुख्‍यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की अध्‍यक्ष ममता बनर्जी इन दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी से इतना चिढ़ी हुईं हैं कि उन्‍हें केंद्र की कोई भी योजना रास नहीं आ रही है। चाहे वो कितनी ही लाभकारी और जरूरी क्‍यों ना हो। ममता बनर्जी की विरोधी के लिए विरोध की राजनीति जारी है। लेकिन, इस बार ममता बनर्जी और उनकी सरकार को केंद्र सरकार की योजनाओं का विरोध करना काफी भारी पड़ गया है। सुप्रीम कोर्ट ने आधार लिंकिंग मामले में पश्चिम बंगाल की सरकार को कड़ी फटकार लगाई है। इसके साथ ही ममता की सरकार के खिलाफ देश की सबसे बड़ी अदालत ने तल्‍ख टिप्‍पणी करते हुए नसीहत भी दी है। लेकिन, अब भी ये सवाल बना हुआ है कि क्‍या बीजेपी की तपिश में झुलस रहीं दीदी अपनी हरकतों से बाज आएंगी ?

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दरसअल, केंद्र सरकार ने कई योजनाओं में आधार लिंक की अनिवार्यता कर दी है। लेकिन, पश्चिम बंगाल की मुख्‍यमंत्री ने केंद्र सरकार की इस योजना को ही सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे डाली। लेकिन, जब पश्चिम बंगाल सरकार की इस याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई तो उन्‍हें मुंह की खानी पड़ी। सुप्रीम कोर्ट का कहना था कि ‘संसद से पारित कानून का उल्लंघन कैसे किया जा सकता है ?’ अदालत ने इस याचिका पर नाराजगी भी जताई। अदालत ने पश्चिम बंगाल की सरकार को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा कि अगर ममता बनर्जी को इस योजना को परेशानी है तो वो एक सामान्‍य नागरिक की तरह अदालत में याचिका दायर करें। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि किसी को भी सरकारी पद का इस्‍तेमाल करते हुए इस तरह की याचिका देने का कोई औचित्य नहीं है। इससे पहले ममता बनर्जी ने खुलेआम एलान किया था कि वो अपने फोन को आधार से लिंक नहीं कराएंगी बेशक उनका फोट कट जाए।

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उधर, मोबाइल नंबर को आधार से लिंक किए जाने की अनिवार्यता के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार के अलावा मोबाइल कंपनियों को भी नोटिस जारी किया था। जबकि ममता बनर्जी का कहना था कि ये सब भारतीय जनता पार्टी और केंद्र सरकार की राजनीति है। ममता बनर्जी ने कहा था कि वो अपना फोन किसी भी कीमत पर आधार से लिंक नहीं कराएंगी। इसके साथ ही उन्‍होंने जनता को भी इसके बारे में भड़काने की कोशिश की थी और कहा था कि मैं जनता से अपील करती हूं कि वो भी अपना आधार नंबर अपने फोन से लिंक ना करवाएं। उन्‍होंने कहा था कि सभी लोगों को इसी अंदाज में इसका विरोध करना चाहिए। फोन नंबर कटता है तो कट जाए लेकिन, कोई भी अपने फोन को आधार से लिंक ना करवाए। ममता बनर्जी का कहना था कि हम भी देखते हैं कि वो कितने लोगों के फोन काटते हैं।

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इसके साथ ही उन्‍होंने ये भी सवाल किया था कि क्‍या वो लोग हमारी गुप्‍ता बातों को सुनना चा‍हते हैं। ममता बनर्जी ने इस योजना को आम जनता की निजता पर हमला करार दिया था। इसके बाद ही ममता की सरकार ने सामाजिक कल्याण की कई योजनाओं का लाभ लेने के लिए आधार लिंक की अनिवार्य के केंद्र सरकार के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। लेकिन, वहां पर उन्‍हें मुंह की खानी पड़ी। दरसअल, केंद्र सरकार का मानना है कि आधार से लिंक करने के बाद सरकारी की उन योजनाओं में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा रुका है जो सालों से चला आ रहा था। अब गरीब जनता को उनकी सब्सिडी का पैसा और दूसरी लाभकारी योजनाओं में मिलने वाली आर्थिक मदद सीधे बैंक खातों में दी जाती है। इससे सरकारी योजनाओं में होने वाला गड़बड़झाला पूरी तरह रुक गया है। लेकिन, ममता बनर्जी सरीखे विपक्ष के कई नेताओं को ये बातें रास नहीं आ रही हैं। वो जनता से जुड़ी लाभकारी योजनाओं में भी खोट निकालने की कोशिश कर रहे हैं।