गजबैय बात कर रहे हैं फारूख अब्दुल्ला, सिर चढ़कर बोल रही है संघ परिवार की दहशत
संघ परिवार की दहशत इन दिनों जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूख अब्दुल्ला के चेहरे पर साफ तौर पर दिखाई पड़ रही है। तभी तो वो बेतुकी बातें कर रहे हैं।
New Delhi Nov 01 : देश में कुछ नेता हैं जो विवादित बयानों के महारथी माने जाते हैं। इन महारथियों में जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारूख अब्दुल्ला का भी नाम शामिल है। फारूख अब्दुल्ला ने एक और विवादित बयान दिया है। ये लोग खुद कश्मीर के युवाओं को भड़काते और भटकाते हैं लेकिन, आरोप संघ परिवार पर लगाते हैं। अब इसे महज कोरा आरोप मानिए या फिर फारूख अब्दुल्ला पर संघ परिवार का डर, ये आप पर निर्भर करता है। लेकिन, फारूख साहब को लगता है कि संघ परिवार से जुड़े लोग घाटी के युवाओं को नागपुर ले जा रही है जहां उनका ब्रेनवॉश किया जा रहा है। इतना ही नहीं उनका तो यहां तक कहना है कि संघ परिवार के लोग घाटी के युवाओं को अपना एजेंट बना रहे हैं। दशकों तक फारूख अब्दुल्ला के परिवार के लोगों ने कश्मीर पर राज किया है। लेकिन, अब जब गद्दी छिन चुकी है तो हर कोई बैचेन है।
फारूख अब्दुल्ला ने ये बयान अपनी पार्टी की एक कांफ्रेंस में दिया। इसी कांफ्रेंस में उन्हें नेशनल कांफ्रेंस का फिर से अध्यक्ष चुना गया था। ये कांफ्रेंस श्रीनगर में चल रही थी। उनका कहना है कि संघ परिवार के लोग घाटी के दूर दराज गांवों से कश्मीरी युवकों को अपने साथ नागपुर ले जा रहे हैं। फारूख अब्दुल्ला कहते हैं कि कुपवाड़ा जैसे गांवों से कश्मीरी युवाओं को पहले दिल्ली ले जाया जा रहा है। इसके बाद इन युवाओं को यहां से नागपुर भेजा रहा है। नागपुर में कश्मीरी युवाओं का ब्रेनवॉश किया जा रहा है। वहीं पर उन्हें संघ परिवार का एजेंट बनाने की ट्रेनिंग दी जा रही है। फारूख ने अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं से कहा कि वो इस तरह की गतिविधियों के प्रति सचेत रहे ऐसे लोगों पर नजर रखें। दरसअल, फारूख अब्दुल्ला कश्मीर के लोगों को जम्मू के लोगों से भिड़वाना चाहते हैं। इसी तरह की अलगाववाद की राजनीति ये परिवार दशकों से करता आया है।
फारूख अब्दुल्ला ने श्रीनगर में आयोजित कांफ्रेंस में अपनी पार्टी के लोगों से कहा कि हम लोगों को विशेषकर जम्मूवासियों को संघी और आरएसएस की विचारधारा से लड़ना होगा। दरअसल, कश्मीर के मुकाबले जम्मू में भारतीय जनता पार्टी का अच्छा वर्चस्व है। उनका कहना है कि अब यहां पर आदेश हमारी विधानसभा से नहीं बल्कि नागपुर से पारित होते हैं। फारूख अब्दुल्ला ने इस मौके पर बीजेपी के नेता राम माधव पर भी निशाना साधा। फारूख कहते हैं कि राम माधव कश्मीर के मामा बने बैठे हुए हैं। आखिर वो हैं कौन। वो कश्मीर और कश्मीर के लोगों के बारे में जानते क्या हैं। धमकी भरे अंदाज में वो कहते हैं कि पहले राम माधव बिना बुलेटप्रूफ वाली कार में सफर करें फिर बात करें। हमेशा अलगाववाद और अलगाववादियों की पैरवी करने वाले फारूख अब्दुल्ला ने खुद को धर्मनिरपेक्ष करार दिया है। उनका कहना है कि हमें कोई भी ताकत दबा नहीं सकती है।
फारूख अब्दुल्ला के सिर पर संघ परिवार का डर इस कदर हावी है कि वो कहते हैं कि हम किसी से डरने वाले नहीं हैं। अब जरा उनसे पूछे कि भाई आपको कौन डरा रहा है। डर तो इस वक्त कश्मीर में सिर्फ आतंकवादियों और टेरर फंडिंग से जुड़े लोगों में है। आतंकियों को हर वक्त खुद के मारे जाने का खौफ सताता है। जबकि टेरर फंडिंग से जुड़े लोगों को इस बात डर रहता है कि पता नहीं कब एनआईए उन्हें घर से उठा ले जाएगी। अब पता नहीं फारूख अब्दुल्ला किस डर की बात कर रहे हैं। फारूख साहब कहते हैं कि हमारे सिद्धांतों को कोई नहीं मार सकता। बेहतर होता कि फारूख साहब अपने सिद्धांत भी जनता के सामने रख देते तो अच्छा था। फारूख साहब को ये भी गलत लगता है कि कश्मीर में अलगाववादी नेताओं को क्यों गिरफ्तार किया जा रहा है। वो कहते हैं कि टेरर फंडिंग के जिन आरोपों में अलगाववादियों को अरेस्ट किया गया उसमें सार्वजिनक कुछ भी नहीं किया। जबकि सारा मामला कोर्ट के समक्ष है। कल्पना कीजिए कैसी मनोदशा होगी इस वक्त फारूख साहब की।