क्‍या बिहार की जनता 8 वीं और 12 वीं पास लालू के बेटों को स्‍वीकारेगी ?

लालू यादव के बेटों की क्‍वालीफिकेशन को लेकर इन दिनों बिहार की राजनीति में महाभारत मची हुई है। सवाल यही है कि क्‍या बिहार की जनता इन्‍हें स्‍वीकारेगी।

New Delhi Nov 04 : राजनीति के वो दिन लद गए हैं जब लोग कहा करते थे हम मेहनत मजबूरी कर नेता बने हैं। तब अंगूठा छाप भी नेता बन जाया करते थे। क्‍योंकि उस वक्‍त के हालात कुछ और थे लेकिन, आज हालात कुछ और हैं। आज की राजनीति में आईएएस नेता बन रहे हैं। आईपीएस केंद्रीय मंत्री बन रहे हैं। आईआरएस मुख्‍यमंत्री बन रहे हैं। तमाम इंजीनियर और प्रोफेशनल्‍स डिग्री होल्‍डर राजनेता बन चुके हैं। यानी राजनीति का स्‍तर पहले के मुकाबले काफी सुधरा है। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि क्‍या बिहार की जनता लालू यादव के बेटों को स्‍वीकारेगी। वो भी तब जब एक बेटा आठवीं पास हो और दूसरा 12 वीं। ये सवाल इसलिए उठे हैं क्‍यों कि इन दिनों बिहार की राजनीति में लालू के बेटों की पढ़ाई लिखाई को लेकर घमासान मचा हुआ है। जेडीयू और आरजेडी के नेताओं में रार छिड़ी हुई है। ये रार व्‍यक्तिगत स्‍तर तक पहुंच गई है। जो नहीं पहुंचनी चाहिए थी।

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लेकिन, बात जब लालू यादव के बेटों की पढ़ाई लिखाई की होती है तो सवाल खड़े होने लाजिमी है। अगर उनके दोनों बेटे पब्लिक लाइफ में हैं। तो उन्‍हें अपनी क्‍वालीफिकेशन के बारे में भी पूरी बात खुलकर सबके सामने रखनी होगी। एक नेता के लिए उसकी पढ़ाई उसका निजी मामला नहीं रह जाता है। दरसअल, जेडीयू के राज्‍यसभा सांसद आरसीपी सिंह ने लालू यादव और उनके पूरे के पूरे खानदान पर ही आरोप लगा दिए। आरसीपी सिंह ने सवाल किया है कि क्‍या लालू यादव के खानदान में कोई आईएएस, आईपीएस बन सकता है? उनका कहना है कि सब हाईस्कूल पास भी नहीं हैं। आरसीपी सिंह का ये बयान क्‍यों सामने आया जरा ये भी समझ लीजिए। दरसअल इन दिनों बिहार की राजनीति में लालू यादव और उनके बेटे घूम-घूमकर नीतीश कुमार और उनकी सरकार पर हमले बोल रहे हैं। अभी कुछ दिनों पहले ही लालू यादव ने खुलेआम कहा था कि जेडीयू सांसद रामचंद्र प्रसाद सिंह डीएम और एसपी से पैसे लेते हैं।

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लालू का ये बयान जेडीयू के सांसद आरसीपी सिंह को नागवार गुजरा और उन्‍होंने पलटवार करते हुए कह दिया कि क्‍या लालू यादव के खानदान से कोई डीएम, एसपी बन सकता? उनका कहना है कि लोग बेशक लालू सरीखे लोगों को नेता बना दें। लेकिन, आईएएस और पीसीएस लोग अपनी मेहनत से ही बनते हैं। उनका कहना था कि हम गांव से आए थे। हमारे पिता जी कोई बहुत बड़े आदमी और नेता भी नहीं थे। हमने पढ़ाई लिखाई की और कड़ी मेहनत के बाद आईएएस बने। आज हम राज्‍यसभा में भी अपनी मेहनत के ही बलबूते हैं। उन्‍होंने पूछा कि लालू ने बिहार के लिए क्‍या किया। एक मुख्‍यमंत्री दिया वो भी हाईस्‍कूल पास नहीं था। उपमुख्‍यमंत्री दिया वो भी हाईस्‍कूल फेल। लालू यादव आज खुद सजायाफ्ता हैं। इनके जैसे लोगों ही बिहार का नाम खराब किया है। इनके बेटे क्‍या बिहार के नाम को रोशन करेंगे।

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हालांकि आरसीपी सिंह के बयान से लालू यादव के बेटे तेजस्‍वी यादव तिलमिला गए हैं। तेजस्‍वी यादव का कहना था कि उनके जीता शैलेश जी IAS छोड़ दिए हैं। तेजस्‍वी यादव कहते हैं कि ये लोग लालू जी को घोटाला किंग कहते हैं तो फिर मर्डर किंग कौन है। इस देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बिहार के मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ भी हत्‍या का केस चल रहा है। तेजस्‍वी यादव को मुद्दे को घुमाते हुए कहते हैं कि नीतीश कुमार सात जनमों में भी लालू यादव की तरह गरीबों के दिलों में अपनी जगह नहीं बना पाएंगे। लेकिन, अब तेजस्‍वी यादव से कोई ये पूछे कि जब बात यहां पर पढ़ाई लिखाई की हो रही है तो फिर भी गरीबों के मसीहा बनने की बात कहां से आती है। गरीबों का मसीहा कोई भी बन सकता है। इसके लिए क्‍वालीफिकेशन की जरूरत नहीं है। लेकिन, स्‍वच्‍छ और समझदार राजनीति के लिए तो कम से कम कुछ तो क्‍वालीफिकेशन होनी चाहिए। सिर्फ विरासत में मिली सत्‍ता के बल पर कोई तीस मार खां नहीं बन सकता है। बिहार के लोग पढ़ाई के लिए मरते हैं। ऐसे में ये सवाल उठने लाजिमी हैं कि क्‍या यही बिहार की जनता लालू यादव के आठवीं और बारहवीं पास बेटों को राजनीति में स्‍वीकार करेगी? जवाब सिर्फ बिहार की जनता के पास है।