पागल हो गया है ये मौलवी ? कहता है-बेटी से संबंध बनाना, निकाह करना जायज है

एक मौलवी के बयान ने इस वक्‍त दुनियाभर में हंगामा खड़ा कर दिया है। इस मौलवी का कहना है कि मुसलमान पिता अपनी बेटी से संबंध बना सकता है।

New Delhi Nov 05 : क्‍या दुनिया के किसी भी मुल्‍क में कोई बाप अपनी ही बेटी के साथ शारीरिक संबंध बना सकता है? क्‍या कोई बाप अपनी ही बेटी के साथ निकाह कर सकता है ? क्‍या कोई बाप अपनी ही बेटी का शोषण कर सकता है ? अगर ये सवाल किसी से भी पूछे जाएंगे तो हर किसी का जवाब सिर्फ ना में ही होगा। हो सकता है कि कुछ लोग गुस्‍से में आकर सवाल पूछने वाले की पिटाई भी कर दें। लेकिन, दुनिया के एक जाने माने मौलवी को ये सब जायज लगता है। वो कहते हैं कि मुसलमान बाप अपनी बेटी के साथ शारीरिक संबंध बना सकता है। उसके साथ निकाह कर सकता है। इसमें कुछ भी नाजायज नहीं है। ये सबकुछ जायज है। मौलवी के इस बयान के बाद दुनियाभर में बहस छिड़ गई है। इन जनाब की चौतरफा अलोचना शुरु हो गई है। लोगों का तो यहां तक कहना है कि अगर शरीयत इस तरह की चीजों की इजाजत देता है तो उसे बदल देना चाहिए।

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आप भी ये जानना चाह रहे होंगे कि आखिर ये महानुभाव मौलवी हैं कौन ? क्‍या ये हिंदुस्‍तान के मौलवी हैं या फिर किसी दूसरे देश के। तो हम आपको बता दें कि ये मौलवी हिंदुस्‍तान के नहीं हैं। लेकिन, दुनियाभर में इनकी पहचान जरूर है। इनको मानने वाले लोग हर जगह मौजूद हैं। इस तरह की बातें करने वाले ये जनाब मिस्‍त्र के जाने माने मौलवी हैं। जिनका नाम अली शफी है। ये कहते हैं कि इस्‍लाम पुरुषों को अपनी नाजायज़ बेटियों से शादी करने की इजाजत देता है। इसलिए वो अपनी नाजायज बेटी के साथ निकाह कर सकते हैं। उसके साथ शारीरिक संबंध बना सकते हैं। लेकिन, अब जरा इनसे कोई ये बात पूछे कि क्‍या इस्‍लाम इस बात की इजाजत देता है कि आप किसी महिला से अवैध रूप से शारीरिक संबंध स्थापित करें और इसके बाद उसके गर्भ से होने वाली संतान को नाजायज करार दें। जो काम पहले से ही नाजायज है इसे जायज का चोला कैसे पहनाया जा सकता है।

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मिस्‍त्र के इमाम अल-शफी कहते हैं कि नाजायज़ बेटियों का आधिकारिक तौर पर पिता से कोई संबंध नहीं रहता। इसलिए वो अपने बाप से निकाह कर सकती है। लेकिन, सभ्‍य समाज इसकी इजाजत नहीं दे सकता है। इस तरह के बयानों का खुलकर विरोध होना चाहिए। जो हो भी रहा है। मिस्‍त्र के मौलवी अल शफी का ये विवादित बयान इन दिनों सोशल मीडिया पर काफी तेजी के साथ वायरल हो रहा है। इसलिए वे अपने पिता से शादी करने लायक हैं। मौलवी ने यह बयान एक विडियो के जरिए दिया जो अब काफी वायरल हो रहा है और लोग इसकी आलोचना भी कर रहे हैं। ‘द सन’ के मुताबिक मिस्र के प्रसिद्ध अल-अजहर यूनिवर्सिटी में पढ़ाने वाले अल-सेरसावी ने अल शफी के इस वीडियो को शेयर किया है और उन्‍होंने ये दावा किया है कि अल शफी मानते हैं कि अगर कोई बच्ची नाजायज रिश्तों की वजह से पैदा हुई है तो उसका नाजायज बाप बाद में उससे सेक्‍स भी कर सकता है और शादी भी कर सकता है। चाहे वो उसकी बेटी ही क्‍यों ना हो। इसके पीछे अल शफी का तर्क है कि क्‍योंकि नाजायज बेटी के साथ उसके पिता का नाम नहीं जुड़ता है इसलिए शरिया कानून के तहत वो उसकी बेटी नहीं हुई। लोग कह रहे हैं कि अगर शरिया कानून ये कहता है तो इस तरह के कानून को बदल देना चाहिए। पहले तो उस शख्‍स को सजा मिलनी चाहिए जो किसी औरत के साथ संबंध बनाकर नाजायज औलाद पैदा कर रहा है।

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हालांकि आज अल शफी के जिस वीडियो पर दुनियाभर में बवाल मचा हुआ है बताया जा रहा है कि वो साल 2012 का है। लेकिन, मसला ये नहीं है कि ये वीडियो कब का है। मसला ये है कि अगर एक व्‍यक्ति की सोच इस तरह की है तो उसे इससे क्‍या फर्क पड़ता है कि वो ये बात 2012 में करे या फिर 2017 में। इस वक्‍त इंटरनेट पर इस वीडियो को लेकर मौलवी अल शफी की जमकर आलोचना हो रही है। हालांकि ये कोई पहला मौका नहीं है कि किसी मौलाना या मौलवी की ओर से इस तरह का विवादित बयान दिया गया हो। इससे पहले भी मिस्‍त्र के कुछ धर्म गुरू ये कह चुके हैं कि शरिया कानून में लड़कियों की शादी की कोई उम्र नहीं होती है। ऐसे में उनके पैदा होते ही उसने कोई भी निकाह कर सकता है। इस तरह की बातें टीवी डिबेट में खुलेआम की गई हैं। जरूरत इस तरह की घटिया सोच से ऊपर निकलने की है। ऐसे लोगों को ये बताने की जरूरत है कि वो महिलाएं और बच्च्यिों की इज्‍जत करना सीखे उन्‍हें शारीरिक शोषण का जरिया ना समझा जाए।