औकात में रहे चीन, हमें ना बताए रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण कहां जाएं कहां नहीं

चीन को इस बात पर आपत्ति है कि देश की रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने अरुणाचल प्रदेश का दौरा क्‍यों किया। वो कहता है ये शांति के लिए ठीक नहीं।

New Delhi Nov 06 : चीन अपनी हद और औकात दोनों ही पार कर रहा है। पता नहीं चीन की सरकार किस गफलत में जी रही है। उसे लगता है कि वो जो कहते हैं बस वो ही सही है। बाकी सब गलत। चीन को ना जाने क्‍यों ये लगता है कि वो जो चाहें करते रहें कोई कुछ नहीं बोलेगा। क्‍या अब चीन हिंदुस्‍तान को ये बताएगा कि भारत की रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण को कहां जाना चाहिए और कहां नहीं। ऐसा हरगिज नहीं हो सकता है। चीन को अगर किसी बात पर कोई आपत्ति है तो वो उसे लेकर अपने घर पर ही रहे तो बेहतर होगा। भारत के अंदरूनी मामलों में उसकी दखलंदाजी ठीक नहीं। ये बात चीन को समझ लेनी चाहिए कि हिंदुस्‍तान उसके हिसाब से नहीं चलेगा। अगर वो कहेगा कि रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण अरुणाचल प्रदेश का दौरा ना करें तो उनका दौरा रद्द कर दिया जाएगा, ऐसा हरगिज नहीं हो सकता। अगर वो चाहता है कि तिब्‍बत के धर्मगुरु दलाई लामा अरुणाचल प्रदेश का दौरा ना करें तो भी भारत के उनकी यात्रा को कैंसिल नहीं करेगा।

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हिंदुस्‍तान के आंतरिक मामलों मोदी सरकार को चीन के विरोध से कोई लेना देना नहीं है। अरुणाचल प्रदेश हिंदुस्‍तान का अभिन्‍न अंग है। वहां हिंदुस्‍तान का हर नागरिक जा सकता है। चीन की औकात नहीं है कि वो किसी को रोक कर दिखा दे। अगर उसने कोई गलती की तो उसे उसका खामियाजा भी भुगतना होगा। इसके लिए भी चीन को तैयार रहना चाहिए। दरसअल, ये बातें हम इसलिए कह रहे हैं कि क्‍योंकि चीन ने अरुणाचल प्रदेश को विवादित इलाका बताया है और यहां पर रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण के दौरे पर ऐतराज जताया है। चीन के विदेश मंत्रालय का कहना है कि हिंदुस्‍तान को चीन की पोजिशन के बारे में साफ-साफ पता होना चाहिए। चीन धमकी भरे लहजे में कहता है कि भारत की ओर से इस इलाके में रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण की विजिट अमन और शांति कायम करने की दिशा में सही कदम नहीं होगा। क्‍या माना जाए कि चीन हमें धमकी दे रहा है। वो कहना चाहता है कि अरुणाचल प्रदेश पर उसका हक है।

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दरसअल, रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने अभी रविवार को ही अरुणाचल प्रदेश के अंजा जिले का दौरा किया था। ये जिला चीन की सरहद से लगा हुआ है। निर्मला सीतारमण ने यहां पर दूर दराज के इलाकों का भी दौरा किया था। उनके साथ जनरल ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ (ईस्टर्न कमांड) लेफ्टिनेंट जनरल अभय कृष्णा और आर्मी के दूसरे बड़े अधिकारी भी मौजूद थे। निर्मला सीतारमण ने यहां पर ना सिर्फ बार्डर पर तैनात जवानों से बातचीत की बल्कि लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) की बारीकी के साथ जानकारी भी हासिल की। उन्‍होंने यहां के हालात को समझने की कोशिश की। इसी पर चीन का कहना है कि रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण के विवादित क्षेत्र में जाने से इलाके में अस्थिरता का खतरा बढ़ सकता है। चीन भारत को सलाह दे रहा है कि अगर वो लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर अमन और शांति चाहता है तो दोनों देशों को मिलकर चलना होगा।

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चीन की फितरत से हिंदुस्‍तानी सेना बहुत अच्‍छी तरह वाकिफ है। उसे सिर्फ मौके की तलाश रहती है ताकि वो भारतीय सीमा में घुसकर कब्‍जा कर सके। उसकी ये हरकत सिर्फ भारत के साथ ही नहीं होती है बल्कि हर उस देश के साथ चीन का रवैया इसी तरह का है। सभी की जमीन पर वो घुसपैठ की फिराक में रहता है। लेकिन, जब से केंद्र में मोदी सरकार आई है। चीन अपनी नापाक कोशिशें को पूरा नहीं कर पा रहा है। डोकलाम पर भी उसे मुंह की खानी पड़ी थी। इसके बाद लद्दाख में भी भारतीय सेना चीनी फौज को खदेड़ चुकी है। अरुणाचल प्रदेश में कई बार तनाव बढ़ चुका है। दरसअल, चीन अरुणाचल प्रदेश को विवादित क्षेत्र मानता है। उसका कहना है कि अरुणाचल पर साउथ तिब्‍बत का हक है। तिब्‍बत के बड़े हिस्‍से पर चीन का कब्‍जा है। जबकि भारत सरकार कई बार ये बात साफ कर चुकी है कि अरुणाचल भारत का अभिन्‍न हिस्‍सा है। भारत और चीन की सरहद 3488 किलोमीटर तक फैली हुई है। कई जगहों पर सीमा को लेकर विवाद है।