महागठबंधन की सरकार में लालू यादव ने बिहार में फैला रखी थी ‘गंध’ ?

बिहार में लालू यादव से गठबंधन तोड़कर वाकई नीतीश कुमार बहुत सुखी हो गए हैं। नहीं तो उस वक्‍त शराब माफिया और बालू माफिया बढ़ गए थे।

New Delhi Nov 07 : भ्रष्‍टाचार के मसले पर बिहार के मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रदेश में महागठबंधन तोड़ दिया था। वो लालू यादव से अलग हो गए थे। इस बात को महीनों गुजर गए हैं। लालू यादव जहां जाते हैं नीतीश कुमार और बीजेपी को कोसते हैं। कहते हैं कि नीतीश कुमार ने उन्‍हें धोखा दिया। लेकिन, हकीकत ये है कि जिस वक्‍त बिहार में महागठबंधन की सरकार थी उस वक्‍त लालू यादव ने प्रदेश में गंध फैला रखी थी। ये बात कोई और नहीं बल्कि खुद नीतीश कुमार कहते हैं। नीतीश कुमार कहते हैं कि महागठबंधन से बाहर निकलकर वो हर रोज ये बात सोचते हैं कि उन्‍होंने कितना अच्‍छा काम किया। महागठबंधन से बाहर निकलने का उनका फैसला एकदम सही था। ठीक किया जो गठबंधन को छोड़ दिया। कम से कम आज वो सुकून में तो हैं। नहीं तो महागठबंधन की सरकार रहती तो पता नहीं क्‍या होता।

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बिहार के मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार कहते हैं कि मैंने जो भी फैसला लिया वो बिहार की जनता के हित में लिया। महागठबंधन टूटने के बाद पहली बार नीतीश कुमार लालू यादव के बारे में खुलकर बोले। उनके भ्रष्‍टाचार के बारे में उन्‍होंने बयान दिया। नीतीश कुमार का कहना है जब वो लालू यादव के साथ सरकार चला रहे थे उस वक्‍त उनके पास इस तरह की फीडबैक आती रहती थी कि प्रदेश में शराब माफिया और बालू माफिया अपने पांव पसार रहे हैं। इतना ही नहीं पुलिसवालों के ऊपर भी दवाब डाला जा रहा था। नीतीश कुमार का कहना है कि लालू यादव के साथ काम करने में उन्‍हें प्रदेश में कानून का राज कायम करने में काफी दिक्‍कतें आ रही थीं। कानून व्‍यवस्‍था के मामले में उन्‍हें प्रदेश में बहुत मेहनत करनी पड़ी। लेकिन, नीतीश कुमार भी कुछ चीजों को कंसीडर करते रहे कि शायद धीरे-धीरे सब ठीक हो जाएगा। लेकिन, ऐसा कुछ भी नहीं हुआ।

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नीतीश कुमार खुद कहते है कि जब लालू यादव के भ्रष्‍टाचार की ढेरों कहानियां उनके सामने आने लगी तो उन्‍होंने तय कर लिया कि अब वो इससे मुक्ति पा कर ही रहेंगे। नीतीश कुमार का कहना है कि जब मैंने शराबबंदी का फैसला लिया तो हम उनके पास भी गए। उन्‍हें विश्‍वास में लिया। 21 जनवरी को लालू यादव उनके साथ मानव श्रृंखला में साथ तो खड़े रहे। लेकिन, अब विचार से बिल्कुल उलटाबोल रहे हैं। नीतीश कुमार ने कहा कि प्रदेश में खनन के जो ठेके दिए गए। उसमें जितना खनन होना चाहिए था उससे कहीं ज्‍यादा बालू निकाली गई। बालू माफियाओं ने अपने निजी फायदे के लिए पर्यावरण को भी ताक पर रख दिया। अब यही लोग चिल्‍ला रहे हैं। मुझे गाली दे रहे हैं। नीतीश कुमार का कहना है कि ये लोग मुझे चाहें जितनी गाली दें लेकिन, मैं किसी के दवाब में आकर कुछ भी गलत नहीं कर सकता। नीतीश कुमार कहते हैं कि अब तो मुझे भी लगता है कि इनकी माफिया से मिलीभगत है।

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अपनी प्रेस कांफ्रेंस में नीतीश ने कुछ मीडिया वालों पर भी निशाना साधा। उन्‍होंने कहा कि लोग लिखते हैं कि नीतीश का करियर गया। नीतीश का कहना है कि जिन लोगों को इस तरह की खबरों पर लड्डू और मिठाई बांटनी है बांटे, मुझे राज्‍य की सेवा करनी है करता रहूंगा। उन्‍होंने कहा कि हम बिहार की सेवा कर रहे हैं राज्‍य की सेवा करना ही देश की सेवा है। दरसअल, जब से बिहार में महागठबंधन टूटा है लालू यादव लगातार नीतीश कुमार को अपने निशान पर ले रहे थे। लेकिन, अब खुद नीतीश कुमार ने ही जनता के सामने लालू का पूरा का पूरा काला चिट्ठा रख दिया और बता दिया है कैसे महागठबंधन की सरकार के दौरान लालू यादव ने प्रदेश में गंध फैला रखी थी। इससे पहले भी जब प्रदेश में लालू यादव की सरकार हुआ करती थी उस वक्‍त भी प्रदेश के हालात काफी खराब थे। ये बात कोई नहीं झुठला सकता कि जब से नीतीश कुमार ने बिहार की सत्‍ता संभाली है राज्‍य में ऐतिहासिक परिवर्तन हुआ है। विकास से लेकर कानून-व्‍यवस्‍था तक में। जिससे खिलवाड़ की इजाजत किसी को नहीं दी जा सकती है।