ED के चंगुल में फंसे मां-बेटे, होटल घोटाले में बच नहीं पाएंगे तेजस्‍वी यादव और राबड़ी देवी

लालू यादव के बेटे तेजस्‍वी यादव और उनकी पत्‍नी राबड़ी देवी की मुश्किलें लगातार बढ़ती ही जा रही हैं। होटल घोटाले में बच पाना मुश्किल नजर आ रहा है।

New Delhi Nov 19 : आरेजडी के अध्‍यक्ष और बिहार के पूर्व मुख्‍यमंत्री लालू यादव खुद को ईमानदारी की प्रतिमूर्ति दिखाने की लाख कोशिश करते हैं। वो जनता के सामने ऐसे पेश आते हैं कि उनसे बड़ा जनसेवक और ईमानदार व्‍यक्ति इस दुनिया में नहीं होगा। लेकिन, जिस जनता के सामने वो ये सब दिखावा करते हैं उसी जनता को उनकी हकीकत भी पता है। लालू यादव, उनकी पत्‍नी राबड़ी देवी और उनका बेटा तेजस्‍वी यादव इस वक्‍त आईआरसीटीसी घोटाले में फंसे हुए हैं। इस घोटाले की जांच सीबीआई कर रही है। सीबीआई इस केस में लालू यादव और तेजस्‍वी यादव से पूछताछ भी कर चुकी है। हालांकि अब तक सीबीआई ने राबड़ी देवी से इस संबंध में पूछताछ नहीं की है। लेकिन, अब इसी केस में राबड़ी देवी और तेजस्‍वी यादव पर प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी का शिकंजा कस गया है। इस केस में धनशोधन की जांच के लिए प्रवर्तन निदेशालय ने राबड़ी देवी और तेजस्‍वी यादव को समन भेज दिया है।

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जानकारी के मुताबिक प्रवर्तन निदेशालय इस केस में दोनों ही आरोपियों से अलग-अलग पूछताछ करेगी। तेजस्‍वी यादव को पूछताछ के लिए बीस नवंबर का समन दिया गया जबकि राबड़ी देवी को ईडी ने पूछताछ के लिए 24 नवंबर को बुलाया है। हालांकि प्रवर्तन निदेशालय इससे पहले भी कई बार राबड़ी देवी को इसी केस में समन भेज चुका है। लेकिन, वो आज तक उसके समक्ष पेश नहीं हुई हैं। आईआरसीटीसी घोटाले में ईडी ने अब तक राबड़ी देवी को कुल सात बार समन किया है। लेकिन, वो कोई ना कोई बहाना बनाकर पूछताछ से बचने की कोशिश करती हैं। लेकिन, इस बार उनका बच पाना मुश्किल रहा है। प्रवर्तन निदेशालय के सूत्रों का कहना है कि अगर बार-बार यूं ही राबड़ी देवी ईडी के समन को नजरअंदाज करती रहीं तो हमें अदालत का रुख करना होगा। ऐसे में राबड़ी देवी के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट भी जारी हो सकता है।

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दरअसल, उस वक्‍त प्रदर्शन निदेशालय के पास कहने के लिए ये दलील होगी कि राबड़ी देवी उनकी जांच में सहयोग नहीं कर रही हैं। इस ग्राउंड पर उनके खिलाफ सिर्फ गिरफ्तारी ही नहीं बल्कि गैर जमानती वारंट भी जारी हो सकता है। जो लालू यादव और उनके परिवार के लिए काफी भारी पड़ेगा। वैसे प्रवर्तन निदेशालय इस केस में राबड़ी देवी के बेटे तेजस्‍वी यादव से दो बार पूछताछ कर चुकी है। एक पूछताछ दस अक्‍टूबर को की गई थी। जो नौ घंटे तक चली थी। जबकि दोबारा पूछताछ 13 नवंबर को की गई थी। जो करीब आठ घंटे चली थी। प्रवर्तन निदेशालय के समक्ष पेश ना होने को लेकर राबड़ी देवी की ओर से हर बार ये दलील दी जाती है कि इसी केस में उनसे इनकम टैक्‍स डिपार्टमेंट पूछताछ कर चुका है फिर प्रवर्तन निदेशालय की पूछताछ का क्‍या मतलब है। जबकि हकीकत ये है कि इस घोटाले में सीबीआई के अलावा प्रवर्तन निदेशालय और इनकम टैक्‍स विभाग अपनी-अपनी जांच करने के लिए स्‍वतंत्र है।

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हर एजेंसी की जांच की दिशा और दशा अलग-अलग होती है। जहां एक ओर इनकम टैक्‍स को ये देखना होता है कि पैसों का गड़बड़झाला कहां हुआ है। वहीं दूसरी ओर प्रवर्तन निदेशालय ब्‍लैकमनी और उसके स्रोत के अलावा ये भी पता लगाता है कि कहीं विदेशी लेन-देन तो शामिल नहीं है। जबकि सीबीआई अपराध के तौर पर मामलों को ट्रीट करती है। तीनों ही एजेंसी की जांच की अपनी-अपनी महत्‍ता है। जांच में सहयोग ना करने पर आरोपी की मुश्किलें बढ़नी तय हैं। लेकिन, लालू यादव और उनके परिवार को तो लगता है कि राजनैतिक विद्वेष में उन्‍हें परेशान किया जा रहा है। सूत्र बताते हैं कि तीनों ही जांच एजेंसियों के पास इस वक्‍त भी लालू यादव और उनके परिवार के खिलाफ इस केस में कई पुख्‍ता सबूत हैं। लेकिन, अदालत में केस कमजोर ना पड़े इसके लिए सबूत और जुटाए जा रहे हैं। सबूत और आरोपियों के बयानों का भी मिलान किया जा रहा है, उसे क्रॉस चेक किया जा रहा है।