राबड़ी देवी के ठेंगे पर कानून, बहुत भारी पड़ेगी ये ‘गुस्‍ताफी’

आरजेडी अध्‍यक्ष लालू यादव की पत्‍नी राबड़ी देवी शायद अभी भी सत्‍ता के नशे में चूर हैं। उन्‍होंने कानून को अपने ठेंगे पर रखा हुआ है। जो उन्‍हें भारी पड़ सकता है।

New Delhi Nov 22 : बिहार में ना तो लालू यादव सत्‍ता में हैं और ना ही अब उनका बेटा उपमुख्‍यमंत्री रहा। फिर भी शायद लालू यादव की पत्‍नी को लगता है कि वो किसी को भी अपनी हनक दिखा सकती हैं। वैसे भी अगर राबड़ी देवी का परिवार सत्‍ता में भी होता तब भी वो कानून से ऊपर नहीं हो सकते थे। लेकिन, ना जाने क्‍यों राबड़ी देवी खुद को कानून से ऊपर मानती हैं। उन्‍हें लगता है कि वो जो कहती हैं बस वही ठीक है। बाकी सब गलत। रेलवे घोटाले में पूछताछ के लिए प्रवर्तन निदेशालय राबड़ी देवी को सात नोटिस जारी कर चुका है लेकिन, हर बार वो कोई ना कोई बहाना बनाकर पूछताछ से बच निकलती हैं। लेकिन, अब उन्‍होंने केंद्रीय जांच एजेंसियों को खुला ठेंगा दिखाना शुरु कर दिया है। अपने ऊपर लगे घोटालों के आरोपों को अब उन्‍होंने राजनैतिक रंग देने की कोशिश शुरु कर दी है। इसके साथ ही केंद्रीय जांच एजेंसियों को भी खुली चुनौती दी है।

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बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने केंद्रीय जांच एजेंसियों को खुली चेतावनी देते हुए कहा है कि वो किसी जांच एजेंसी नहीं डरती हैं। अगर किसी को हमसे कुछ भी पूछना है तो वो पटना आकर पूछे। जरा सोचिए और बताइए कि क्‍या कोई आरोपी किसी जांच एजेंसी को ये बता सकता है कि वो कब और कहां पूछताछ करे। क्‍या किसी जांच एजेंसी ने आज तक किसी आरोपी के बताए पते पर पहुंचकर उससे पूछताछ की है। जाहिर सी बात है राबड़ी देवी का ये बयान खुले तौर पर कानून का मजाक है। राबड़ी देवी कहती हैं कि सीबीआई, इनकम टैक्‍स और प्रवर्तन निदेशालय जितने चाहे नोटिस भेजे उन्‍हें कोई फर्क नहीं पड़ता। देश की जनता इस बात की गवाह है कि आरोपों में घिरे कई नेता पहले इस तरह के बयान देते हैं फिर वहीं नेता सलाखों के पीछे नजर आते हैं। उदारहण के तौर पर हरियाणा के इंडियन नेशनल लोकदल के मुखिया ओमप्रकाश चौटाला और उनके बेटे अजय चौटाला को देख सकते हैं।

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सिर्फ उत्‍तर भारत ही नहीं बल्कि दक्षिण भारत में भी इसके उदाहरण मौजूद हैं। शशिकला को ही देख लीजिए। जब तक सत्‍ता में रहीं, खूब बयानबाजी की। आज जेल की सलाखों में जिदंगी गुजर रही है। इसलिए कह सकते हैं कि किसी भी व्‍यक्ति को खुद को कानून से ऊपर समझने की हिमाकत नहीं करनी चाहिए। लालू यादव, उनकी पत्‍नी राबड़ी देवी और उनका बेटा तेजस्‍वी यादव इस वक्‍त आईआरसीटीसी घोटाले में फंसे हुए हैं। इस घोटाले की जांच सीबीआई कर रही है। सीबीआई इस केस में लालू यादव और तेजस्‍वी यादव से पूछताछ भी कर चुकी है। हालांकि अब तक सीबीआई ने राबड़ी देवी से इस संबंध में पूछताछ नहीं की है। लेकिन, अब इसी केस में राबड़ी देवी और तेजस्‍वी यादव पर प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी का शिकंजा कस गया है। इस केस में धनशोधन की जांच के लिए प्रवर्तन निदेशालय ने राबड़ी देवी और तेजस्‍वी यादव को समन भेज चुका है।

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प्रवर्तन निदेशालय इस केस में दोनों ही आरोपियों से अलग-अलग पूछताछ करेगी। तेजस्‍वी यादव को पूछताछ के लिए बीस नवंबर का समन दिया गया जबकि राबड़ी देवी को ईडी ने पूछताछ के लिए 24 नवंबर को बुलाया है। हालांकि प्रवर्तन निदेशालय इससे पहले भी कई बार राबड़ी देवी को इसी केस में समन भेज चुका है। लेकिन, वो आज तक उसके समक्ष पेश नहीं हुई हैं। बेशक राबड़ी देवी ये कहती रहें कि वो किसी जांच से या जांच एजेंसी से नहीं डरती हैं लेकिन, अगर वो ईडी के समन को यूं ही नजरअंदाज करती रहीं तो ईडी अदालत का रुख कर सकती है। ऐसे में राबड़ी देवी के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट भी जारी हो सकता है। वो भी गैर जमानती क्‍योंकि उस वक्‍त जांच एजेंसियों के पास ये कहने को होगा कि राबड़ी जांच जांच में सहयोग नहीं कर रही हैं। तब शायद अदालत उनकी सियासी दलीलों को कभी नहीं सुनेगा।