फारूक अब्दुल्ला बोले, दम है तो श्रीनगर में तिरंगा लहराकर दिखाए मोदी सरकार

जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला लग रहा है कि पूरी तरह से पाकिस्तानी हो गए हैं, उन्होंने कहा कि पीओके छोड़िए श्रीनगर में तिरंगा फहराकर दिखाइए।

New Delhi, Nov 27: पाक अधिकृत कश्मीर के मुद्दे पर भारत सरकार की राय एकदम साफ है, भारत सरकार का मानना है कि पाक अधिकृत कश्मीर भारत का हिस्सा है। ये विवाद काफी समय से चल रहा है। इसी को लेकर कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला लगातार विवादित बयान दे रहे हैं। जैसे वो पीओके पर बयानों की सीरीज शुरू कर रहे हैं। एक के बाद एक विवादित बयान, वो भी इस तरह के जिन्हे सुनकर किसी भी हिंदुस्तानी का खून खौल उठे, पहले अब्दुल्ला ने कहा कि पीओके पाकिस्तान का है, उस पर भारत का हक नहीं है। उसके बाद उन्होंने कहा कि अगर भारत ने पीओके पर कब्जा करने की कोशिश की तो पाकिस्तान ने भी चूड़ियां नहीं पहन रखी हैं। इस तरह के बयानों का क्या मतलब है।

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फारूक अब्दुल्ला ने अब एक नया विवाद छेड़ दिया है। वो अपने बयानों की सीरीज के तहत, पीओके पर लगातार बयानबाजी कर रहे अब्दुल्ला ने कहा कि पीओके तो दूर की बात है, अगर हिम्मत है तो श्रीनगर में तिरंगा फहराकर दिखाए, ये चुनौती अब्दुल्ला ने सीधे तौर पर केंद्र की मोदी सरकार को दी है। अब ये समझ से परे है कि अब्दुल्ला भारतीय हैं या फिर वो पाकिस्तानी बन चुके हैं। वो इस तरह के बयानों से पाकिस्तान की मदद कर रहे हैं। जो अक्सर कश्मीर राग छेड़ता रहता है। अब्दुल्ला के इस बयान से पाकिस्तान ये कह सकता है कि भारत ने कश्मीर पर जबरन कब्जा कर रखा है। अब्दुल्ला अपने सियासी फायदे के लिए इस तरह के बयान दे रहे हैं। लेकिन इसका असर भारत पर कितना गहरा पड़ेगा ये अंदाजा शायद उनको नहीं है।

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पिछले कुछ हफ्तों से जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला इसी तरह के बयान दे रहे हैं। उन्होंने कहा था कि पीओके पर पाकिस्‍तान का हक है। अब्दुल्ला ने कहा कि पिछले 70 सालों से भारत सरकार पाकिस्तान से पीओके नहीं ले पाई है, बस बोले देने से पीओके हमारा नहीं हो जाएगा। जो हिस्सा पाकिस्तान के पास है उस पर पाक का हक है। इसे कोई नहीं झुठला सकता है। इसी के साथ अब्दुल्ला ने मोदी सरकार को पाकिस्तान के साथ बातचीत करने की नसीहत भी दी। उन्होंने कहा कि बिना बात किए कुछ नहीं हो सकता है। इस बार तो अब्दुल्ला ने हद ही कर दी है। उन्होंने कहा कि अगर दम है तो श्रीनगर के लाल चौक पर तिरंगा फहरा कर दिखाओ। वो यहां भी ऐसा नहीं कर सकते हैं लेकिन बातें पाकिस्तान की करते हैं।

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अब्दुल्ला क्या इन बयानों के जरिए खुद को चर्चा में बनाए रखना चाहते हैं, या फिर वो इसके जरिए कोई गुप्त एजेंडा पूरा कर रहे हैं। इन सारी बातों की चर्चा सोशल मीडिया पर हो रही है। सोशल मीडिया पर अब्दुल्ला के बयानों की जमकर निंदा की जा रही है। यूजर्स कह रहे हैं कि अब अब्दुल्ला को खुद को पूरी तरह से पाकिस्तानी घोषित कर देना चाहिए, जो भारत में रहते हैं और हालात को सुधारने के बजाय पाकिस्तान की मदद कर रहे हैं। वहीं एक यूजर का कहना है कि केंद्र सरकार को अब्दुल्ला को पाकिस्तान भेज देना चाहिए, वो वहां पर ज्यादा खुश रहेंगे। अब्दुल्ला के इन बयानों पर दिल्ली हाईकोर्ट में उनकी गिरफ्तारी को लेकर याचिका भी दाखिल की गई है। जिस में कहा गया है कि अब्दुल्ला ने पाकिस्तान का समर्थन करके भारत का अपमान किया है।