राम मंदिर पर सुब्रमण्यम स्वामी ने कही बहुत बड़ी बात, सुलग जाएंगे विरोधी
अयोध्या में राम मंदिर निर्माण पर बीजेपी के नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने बहुत की बड़ी कह डाली है। जाहिर है उनका बयान बीजेपी विरोधियों को रास नहीं आएगा।
New Delhi Dec 03 : इसी हफ्ते बाबरी विध्वंस की बरसी है। बाबरी विध्वंस की बरसी से ठीक पहले बीजेपी के नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने बड़ा बयान दिया है। सुब्रमण्यम स्वामी ने दावा किया है कि अयोध्या में जल्द ही राम मंदिर के निर्माण का काम शुरु हो जाएगा। हालांकि ये बात कोई नई नहीं है। इससे पहले भी कई नेता इस तरह का बयान दे चुके हैं। लेकिन, खास बात ये है कि सुब्रमण्यम स्वामी ने दावा किया है कि राम भक्त अगली दिवाली अयोध्या में राम मंदिर के भीतर ही मनाएंगे। जाहिर है स्वामी का ये बयान कई लोगों को नागवार गुजर सकता है। खासतौर पर मुस्लिम पक्षकारों को। सुब्रमण्यम स्वामी ने ‘रामराज्य’ पर भाषण देते हुए स्पष्ट शब्दों में कहा कि हम आने वाली दिवाली राम मंदिर में ही मनाएंगे। ये मामला अभी सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। इसी हफ्ते से इस केस की रेगुलर सुनवाई भी होनी है।
इन सबके बीच सुब्रमण्यम स्वामी ने दावा किया है कि ये संभव है कि अयोध्या में अगले साल अक्टूबर तक राम मंदिर बनकर तैयार हो जाएगा। उनका कहना है कि सबकुछ तैयार है। स्वामी ने बताया कि अयोध्या में निर्माण कार्य का सारा सामान मौजूद है। मंदिर निर्माण की तैयारी पहले से ही की जा चुकी है। बस सारे सामान को आपस में जाड़ने की जरूरत है। उन्होंने कहा जिस तरह से स्वामी नारायण मंदिर के निर्माण में सभी सामानों को आपस में जोड़कर मंदिर तैयार कर लिया गया था। उसी तरह अयोध्या में राम मंदिर निर्माण मुमकिन है। राम जन्मभूमि और बाबरी मस्जिद केस की रेगुलर सुनवाई मंगलवार यानी पांच दिसंबर से सुप्रीम कोर्ट में शुरु होगी। सुब्रमण्यम स्वामी का कहना है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट पहले ही इस मामले में काफी गहन चर्चा कर चुका है। जिसमें अब सुन्नी वक्फ बोर्ड के पास ऐसा कुछ भी खंडन करने के लिए बचा नहीं है।
सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि मैंने अदालत में इस केस में अतिरिक्त बहस की है। उनका कहना है कि उस जगह पर पूजा करना हिंदु समुदाय का मौलिक अधिकार है। स्वामी कहते हैं कि विवादित जगह पर मुसलमानों के पास इबादत करने का अधिकार नहीं है। सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि मुस्लिम पक्षकारों की रुचि सिर्फ वहां की प्रॉपर्टी में है। जो बेहद ती सामान्य बात है। स्वामी का कहना है कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए कोई नया कानून बनाने की कोई जरूरत नहीं है। उनका कहना है कि हम सभी लोग मंदिर निर्माण के लिए कानून भी ला सकते हैं। लेकिन, फिलहाल इसकी कोई जरूरत नहीं है। उनका कहना है कि हमल लोग इस केस को जीत चुके हैं। अदालत में भी हमारी ही जीत होगी। इससे पहले योगी आदित्यनाथ समेत बीजेपी के दूसरे नेता भी ये कह चुके हैं कि अयोध्या में कानून के मुताबिक ही राम मंदिर का निर्माण होगा।
अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर सुलह की कोशिशें भी चल रही हैं। अभी हाल ही में आध्यात्मिक गुरु श्रीश्री रविशंकर अपनी ओर से सभी पक्षकारों से बात की थी। लेकिन, अब तक कोई खास नतीजा नहीं निकला। हालांकि इससे पहले यूपी शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिजवी ये कह चुके हैं कि अयोध्या में राम मंदिर का ही निर्माण होना चाहिए। मस्जिद को दूसरी जगह शिफ्ट किया जा सकता है। इस संबंध में शिया वक्फ बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा भी पेश किया है। इसके अलावा वसीम रिजवी ने श्रीश्री रविशंकर से भी मुलाकात की थी। हालांकि सुन्नी वक्फ बोर्ड का कहना है कि इस मामले में शिया वक्फ बोर्ड को कोई लेना देना ही नहीं है। जबकि शिया वक्फ बोर्ड कहता है कि अयोध्या में विवादित जमीन पर उसका हक है। अयोध्या में शिया वक्फ बोर्ड और सुन्नी वक्फ बोर्ड की ये अलग लड़ाई है।