हिमाचल में मुख्यमंत्री के नाम पर सस्पेंस बरकरार, तीन खेमों में बंटी बीजेपी
हिमाचल प्रदेश में मुख्यमंत्री कौन बनेगा इस पर सस्पेंस बरकरार है। यहां पर पर्यवक्षेकों की बैठक भी बेनतीजा रही है। पार्टी में गुटबाजी भी तेज हो गई है।
New Delhi Dec 22 : हिमाचल प्रदेश में मुख्यमंत्री के नाम पर अब गुटबाजी शुरु हो गई है। हिमाचल में अपना-अपना मुख्यमंत्री बनाने के लिए इस वक्त तीन खेमें सक्रिय हो गए हैं। एक खेमा केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा का है। तो दूसरा खेमा पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल का है। जबकि तीसरा खेमा जयराम ठाकुर है। तीनों ही नेताओं के समर्थक चाहते हैं कि उनके नेता को प्रदेश की कमान सौंपी जाए। इसके लिए हिमाचल में होने वाली बैठकों में भी शक्ति प्रदर्शन किया जा रहा है। इस तरह के शक्ति प्रदर्शन में खासतौर पर प्रेम कुमार धूमल और जयराम ठाकुर के समर्थक शामिल हो रहे हैं। वहीं सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक मुख्यमंत्री का नाम तय करने हिमाचल पहुंची पर्यवेक्षकों की मीटिंग भी बेनतीजा ही रही है।
दरअसल, अभी गुरुवार को ही पर्यवेक्षकों ने बीजेपी नेताओ के साथ मीटिंग की थी। लेकिन, इस मीटिंग में कोई नजीता नहीं निकल सका। हिमाचल के मुख्यमंत्री को लेकर नेताओ की राय बंटी हुई थी। जानकारी के मुताबिक भारतीय जनता पार्टी के पर्यवेक्षक एक बार फिर से हिमाचल के सांसदों और विधायकों के साथ मीटिंग करेंगे। बताया जा रहा है कि बीजेपी पर्यवेक्षक केंद्रीय रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण और नरेंद्र सिंह तोमर लगातार दिल्ली में हाईकमान के संपर्क में है। हिमाचल में चल रही पूरी गतिविधि की जानकारी पार्टी हाईकमान को दी जा रही है। गुरुवार को बेनतीजा रही मीटिंग के बारे में भी पार्टी के नेताओं को बताया गया है। ऐसे में कहा जा रहा है कि अब हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री का चयन दिल्ली में ही होगा।
जानकारी के मुताबिक निर्मला सीतारमण और नरेंद्र सिंह तोमर ने पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल, सिराज के विधायक जयराम ठाकुर समेत शिमला शहरी क्षेत्र के एमएलए सुरेश भारद्वाज से अलग-अलग बातचीत की। इसके अलावा पार्टी अध्यक्ष सतपाल सत्ती और नाहन के विधायक डॉक्टर राजीव बिंदल से भी अकेले में बातचीत हुई। उधर, प्रेम कुमार धूमल के समर्थकों ने इस मीटिंग के दौरान जमकर शक्ति प्रदर्शन किया। वहीं जयराम ठाकुर के समर्थक भी पीछे नहीं रहे। उन्होंने भी अपने नेता के पक्ष में नारेबाजी की। समर्थकों की जंग से साफ है कि कोई भी एक दूसरे के सामने घुटने टेकने को तैयार नहीं है। प्रेम कुमार धूमल से पूछा गया कि क्या वो हार के बाद भी मुख्यमंत्री पद की रेस में हैं तो उनका जवाब था कि आज तक इस पद की रेस में शामिल नहीं हुए।
वहीं दूसरी ओर पार्टी सूत्रों का कहना है कि हिमाचल में किसी भी हारे हुए उम्मीदवार को मुख्यमंत्री नहीं बनाया जाएगा। यानी एक तरह से प्रेम कुमार धूमल का पत्ता कटता हुआ नजर आ रहा है। इसके साथ ही जेपी नड्डा के नाम पर भी पार्टी के भीतर सहमति नहीं बन पा रही है। इन सारी सूरतों को देखते हुए कहा जा सकता है कि हिमाचल प्रदेश में मुख्यमंत्री पद की रेस में इस वक्त सबसे आगे जयराम ठाकुर ही चल रहे हैं। जल्द ही उनके नाम पर मुहर भी लगाई जा सकती है। माना जा रहा है कि अगर हिमाचल से मुख्यमंत्री का नाम तय नहीं होगा कि तो पार्टी जल्द ही दिल्ली से सीएम के नाम का एलान करेगी। यानी हर उस व्यक्ति की धड़कनें इस वक्त बढ़ी हुईं हैं जो मुख्यमंत्री पद की रेस में शामिल है।