2018 में कांग्रेस को लगेंगे झटके, राहुल गांधी के हाथ से जाएंगे 2 स्टेट्स

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के सामने नए साल में चुनौतियों की लंबी कतार है, इनसे पार पाने में वो कितने सफल होते हैं, इस से पार्टी का भविष्य तय होगा।

New Delhi, Jan 01: एक साल और गुजर गया, 2017 ने जाते जाते कई संकेत दिए हैं, जिनके आधार पर कहा जा सकता है कि राजनीति के लिए 2018 बेहद हैरान करने वाला साल रहेगा। भारत में हर साल किसी ना किसी राज्य में चुनाव होते हैं। पिछले काफी समय से मांग की जा रही है कि लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराए जाएं, लेकिन ये मांग ही रह गई, इस पर कोई चर्चा नहीं हुई, इस साल भी कई राज्यों में चुनाव होने वाले हैं, 2017 के आखिर में गुजरात और हिमाचल प्रदेश में चुनाव हुए थे, दोनों ही राज्यों में कांग्रेस को मुंह की खानी पड़ी थी, इसके बाद भी राहुल गांधी के हौसले बुलंद हैं। कांग्रेस राहुल को भविष्य का बड़ा प्रोजेक्ट कर रही है।

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क्या वाकई में इस साल राहुल या फिर कांग्रेस कोई करिश्मा कर पाएंगे, राजस्थान, मध्य प्रदेश छत्तीसगढ़, कर्नाटक जैसे अहम राज्यों के साथ पूर्वोत्तर भारत के राज्यों में भी चुनाव होने वाले हैं। उत्तर भारत के तीन अहम राज्यों में तो बीजेपी की सरकार पूरे दमखम के साथ चल रही है, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ बीजेपी के गढ़ माने जाते हैं, ऐसे में क्या राहुल गांधी जो गुजरात में 77 सीटों पर जीत को नैतिक जीत बता रहे हैं, वो कुछ कमाल कर पाएंगे, दरअसल राहुल के साथ गुजरात में जो समीकरण थे, वो मध्य प्रदेश और राजस्थान , छत्तीसगढ़ में नहीं होंगे, बीजेपी को एंटी इनकम्बैंसी से जूझना होगा लेकिन उसके बाद भी वो कांग्रेस पर भारी दिखाई दे रही है।

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सवाल ये है कि क्या राहुल अपने बदले हुए तेवरों के साथ ही इन चुनावों में दिखाई देंगे, बीजेपी शासित राज्यों के अलावा कर्नाटक और मणिपुर की कांग्रेस सरकार पर भी खतरा दिखाई दे रहा है। बीजेपी जहां गुजरात में 22 साल राज करने के बाद भी सत्ता विरोधी लहर से निपट लेती है वहीं कांग्रेस 5 साल की सत्ता के बाद ही चुनाव हार जाती है, इस लिहाज से देखें तो बीजेपी का संगठन औऱ बूथ मैनेजमेंट कमाल का है। जनता से संपर्क करने में और अपने वोट बैंक को खिसकने से बचाने में बीजेपी का कोई तोड़ नहीं है। कर्नाटक और पूर्वोत्तर भारत से कांग्रेस की सत्ता खिसक सकती है. क्योंकि यहां पर राहुल को गुजरात जैसा माहौल नहीं मिलेगा।

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तो क्या ये कहा जा सकता है कि 2018 में राजनीति जो करवट लेगी वो कांग्रेस के लिए और नुकसानदेह रहेगा, क्या कांग्रेस के हाथ से 2 स्टेट्स निकल जाएंगे, दरअसल राहुल गांधी ने जिस अंदाज में गुजरात में प्रचार किया, वैसा माहौल उनको हर राज्य में नहीं मिलेगा, सॉफ्ट हिंदुत्व की राह पर चलने का फैसला गुजरात में सफल हो सकता है लेकिन वो कर्नाटक औऱ दूसरे राज्यों में सफल होगा इस पर संदेह है।  कुल मिलाकर इस साल कांग्रेस और राहुल के सामने बीजेपी के मुकाबले ज्यादा चुनौती है. बीजेपी अगर सत्ता बचाने में सफल रही तो ये कांग्रेस को झटका लगेगा, कांग्रेस के सामने चुनौती ये है कि वो अपनी सत्ता बचाने के साथ साथ बीजेपी के किले में भी सेंध लगाए।