पी चिदंबरम और उनके बेटे के ठिकानों पर छापेमारी, जानिए ED को क्या मिला

ईडी ने पी चिदंबरम और उनके बेटे के खिलाफ छापेमारी की है, चेन्नई और दिल्ली के घरों में ये छापेमारी की गई है, इस से सियासी वार पलटवार शुरू हो गया है।

New Delhi, Jan 13: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम और उनके बेटे के ठिकानों पर प्रवर्तन निदेशालय ने छापेमारी की, ये रेड दिल्ली और चेन्नई के घरों में की गई, इस रेड के साथ ही एक बार फिर से सियासी वार पलटवार का सिलसिला शुरू हो गया है। एयरसेल मैक्सिस डील को लेकर ये छापेमारी की गई है। जब ये रेड डाली गई तो चिदंबरम और उनके बेटे घर में नहीं थे। छापेमारी की कार्रवाई के बाद चिदंबरम ने जो बातें कहीं उस से साफ है कि उनको इस एक्शन से परेशानी तो हो रही है, हालांकि वो ये कह रहे हैं कि ईडी को छापेमारी में कुछ नहीं मिला, जैसे चिदंबरम को पहले से ये पता है कि उनके घरों में कुछ नहीं रखा है, अगर ईडी को कुछ मिला भी तो चिदंबरम से ये थोड़े ना कहेगी कि देखो हम सबूत ले जा रहे हैं।

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पी चिदंबरम ने कहा कि उनके खिलाफ इस मामले में सीबीआई या किसी अन्य एजेंसी ने कोई एफआईआर नहीं दर्ज की है। चेन्नई के घर में छापेमारी पर बोलते हुए चिदंबरम ने कहा कि वहां पर छापेमारी करना समझ में आता है, लेकिन दिल्ली के जोरबाग वाले घर मं छापेमारी करने का क्या मतलब है। चिदंबरम के मुताबिक अधिकारियों को लगा कि कार्ती जोरबाग के घर में हैं, इसलिए वो रेड डालने आ गए। लेकिन वहां कार्ती को ना पाकर वो घबरा गए। चिदंबरम ने कहा कि ईडी के अधिकारियों ने घर के किचन तक की तलाशी ली, लेकिन उनको कुछ नहीं मिला। इस कार्रवाई के बाद चिदंबरम ने ईडी पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि ईडी को जांच का अधिकार नहीं है।

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यूपीए सरकार में वित्त मंत्री रहे चिदंबरम ने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों को छापेमारी के दौरान कुछ नहीं मिला लेकिन खुद को सही साबित करने के लिए वो कुछ पेपर ले गए हैं। वो जांच में पूरा सहयोग दे रहे हैं। चिदंबरम ने ये भी कहा कि प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत ईडी को जांच करने का अधिकार नहीं है। इस से पहले शुक्रवार को ही सुप्रीम कोर्ट ने ईडी और सीबीआई को नोटिस जारी करते हुए सवाल किया था कि वो किस आधार पर चिदंबरम के ठिकानों की जांच पड़ताल कर रहे हैं, वो भी तब जब उनके खिलाफ कोई एफआईआर दर्ज नहीं है। खास बात ये है कि अगर कोर्ट ने कोई आदेश जारी किया होता तो ईडी की ये कार्रवाई अवमानना मानी जा सकती थी।

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बता दें कि आइनॉक्स मीडिया में विदेशी निवेश के लिए बरती गई अनियमितताओं और मनी लॉन्ड्रिंग के केस में कार्ति चिदंबरम के खिलाफ समन जारी हुआ था। ये समन 2007 में जारी किया गया था। पिछले साल मई में ईडी ने कार्ति के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया था। सीबीआई इसी मामले की अलग से जांच कर रही है। कहा जाता है कि आईनॉक्स मीडिया को एफआईपीबी दिलाने में कार्ति की भूमिका अहम थी, इस के बदले में उनको आईनॉक्स मीडिया से कथित तौर पर साढ़े तीन करोड़ रूपये मिले थे। फिलहाल ये मामला सियासी तौर पर उभर के सामने आ रहा है, पी चिदंबरम ने कहा है कि जानबूझ कर परेशान करने के लिए इस तरह की कार्रवाई की जा रही है।