राहुल गांधी ने उत्‍तर प्रदेश पर गड़ाई निगाहें, दरक रहा है अमेठी का ‘किला’ ?

2019 के लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस अध्‍यक्ष राहुल गांधी उत्‍तर प्रदेश में पार्टी को मजबूत करना चाहते हैं। जानिए क्‍या है उनकी रणनीति ?

New Delhi Jan 14 : 2017 में जब उत्‍तर प्रदेश विधानसभा चुनाव हुए थे उस वक्‍त कांग्रेस पार्टी के अध्‍यक्ष राहुल गांधी ने समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन कर लिया था। राहुल गांधी और अखिलेश यादव को उस वक्‍त लगा था कि शायद उनकी जोड़ी प्रदेश में कमाल दिखा जाएगी। लेकिन, ऐसा कुछ भी नहीं हुआ। यूपी विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के साथ-साथ राहुल गांधी को भी अपनी लाज बचाना मुश्किल हो गया था। समाजवादी पार्टी 47 सीटों पर सिमट गई थी। जबकि राहुल गांधी के नेतृत्‍व वाली कांग्रेस पार्टी इन चुनावों में दहाई का आंकड़ा भी पार नहीं कर पाई थी। कांग्रेस का गढ़ कहे जाने वाले अमेठी और रायबरेली में भी भारतीय जनता पार्टी ने सेंधमारी कर ली थी। इस सूरत में राहुल गांधी नहीं चाहते हैं कि उनकी पार्टी का हर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में भी विधानसभा चुनाव जैसा ही हो। इसलिए उन्‍होंने अपनी निगाहें उत्‍तर प्रदेश पर गड़ा दी हैं।

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कांग्रेस अध्‍यक्ष राहुल गांधी उत्‍तर प्रदेश में कांग्रेस पार्टी को मजबूत करना चाहते हैं। राहुल गांधी अमेठी का दौरा भी करने वाले हैं। सोमवार और मंगलवार को वो अपने संसदीय क्षेत्र अमेठी में रहेंगे। आने वाले दिनों में उनके ये दौरे और भी बढ़ सकते हैं। देखा जाए तो राहुल गांधी के भीतर इस बात का भी डर हैं कि कहीं 2019 के लोकसभा चुनाव में वो अमेठी और रायबरेली से भी हाथ ना धो बैठें। अमेठी से वो खुद सांसद हैं। जबकि रायबरेली से उनकी मां सोनिया गांधी सांसद हैं। लेकिन, हाल ही के दिनों में कांग्रेस का गढ़ जाने वाले इन दोनों ही जगहों से लोगों की नाराजगी सामने आई है। लोगों का कहना है कि उनके सांसद अपने क्षेत्र में आते ही नहीं हैं। जब‍कि विपक्ष के नेताओं का अमेठी और रायबरेली में ज्‍यादा आना जाना लगा रहता है। हालांकि इस बार राहुल गांधी के अमेठी दौरे को लेकर पार्टी के भीतर काफी उत्‍साह नजर आ रहा है।

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ये पहला ऐसा मौका है जब राहुल गांधी कांग्रेस के अध्‍यक्ष पद की कमान संभालने के बाद पहली बार अमेठी पहुंच रहे हैं। ऐसे में राहुल गांधी भी चाहते हैं कि वो कार्यकर्ताओं के इस उत्‍साह को कायम रखें। ताकि आने वाले दिनों में इसका फायदा पार्टी को मिल सके। हालांकि राहुल को ये बात बखूबी पता है कि यूपी में उनकी राह आसान नहीं हैं। यूपी विधानसभा चुनाव के नतीजे ये साबित कर चुके हैं कि राहुल कितने पानी में हैं। पार्टी सूत्रों का कहना है कि इस बार राहुल गांधी का अमेठी दौरा काफी खास रहने वाला है। वो यूपी आते ही 2019 की रणनीति पर चर्चा करेंगे। युवा कार्यकर्ताओं को लोकसभा चुनाव के लिए तैयार रहने को कहेंगे। इसके साथ ही बताया जा रहा है‍ कि यूपी की टीम को भी बदला जा सकता है। ताकि पार्टी में नया जोश पैदा हो सके।

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दरअसल, राहुल गांधी इस वक्‍त गुजरात में अपने प्रदर्शन से भी काफी उत्‍साहित हैं। वो चाहते हैं कि गुजरात और हिमाचल हारने के बाद भी उनका ये उत्‍साह खत्‍म ना हो। बल्कि इस उत्‍साह को और बढ़ाया जाए। उत्‍तर प्रदेश कांग्रेस के नेता भी ये कहते हैं कि साल 2019 के लोकसभा चुनाव में पार्टी के कार्यकर्ता कांग्रेस को बेहतर मुकाम पर पहुंचाएगी। लेकिन, राहुल गांधी के लिए यूपी की डगर आसान नहीं हैं। यहां उनकी राह में ढेरों कांटे हैं। पूरा प्रदेश तो छोडि़ए रिपोर्ट तो यहां तक बताती है कि खुद अमेठी में इस बार उनकी सीट खतरे में दिख रही है। ऐसे में अब ये देखना बेहद दिलचस्‍प होगा कि उत्‍तर प्रदेश के लिए राहुल गांधी कौन सी रणनीति अपनाते हैं। इस बात तो उनका अखिलेश यादव के साथ गठबंधन भी होता हुआ नजर नहीं आ रहा है। क्‍योंकि अखिलेश यादव पहले ही गठबंधन को वक्‍त की बरबादी करार दे चुके हैं।