अपने जन्मदिन पर भी मोदी को ही कोसती रहीं मायावती, इसे कहते हैं ‘डर’
लगता है बीएसपी सुप्रीमो मायावती के भीतर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी का डर समा गया है। जानिए क्यों हो रही हैं इस तरह की बातें।
New Delhi Jan 15 : बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती आज अपना 62 वां जन्मदिन मना रही हैं। लेकिन, इस बार उनका जन्मदिन फीका-फीका नजर आ रहा है। पहले वाली वो रंगत नहीं दिखाई पड़ रही है। एक जमाने में जब बहनजी के जन्मदिन से पहले उत्तर प्रदेश नीले रंग में रंगा नजर आता था। लेकिन, अब ये रंगत उड़ी हुई है। बहनजी के हाईप्रोफाइल जन्मदिन ने अब सादगी का चोला ओढ़ लिया है। जिसकी सबसे बड़ी वजह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी की आंधी हो सकती है। मायावती के चेहरे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी का खौफ साफ देखने को मिलता है। शायद यही वजह रही कि उन्होंने अपने जन्मदिन के मौके पर भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा और उन पर हमला किया। जबकि राजनैतिक तौर पर इसकी कोई जरूरत नहीं थी। वो भी बहनजी के जन्मदिन के मौके पर तो एकदम ही नहीं थी।
मायावती अपना 62 वां जन्मदिन पार्टी जन कल्याणकारी दिवस के तौर पर मना रही हैं। इस मौके पर वो अपने जीवन पर आधारित किताब के 13वें संस्करण ‘मेरे संघर्षमय जीवन और बीएसपी मूवमेंट का सफरनामा’ का विमोचन भी करेंगी। मायावती ने अपनी इस किताब को ब्लू बुक का भी नाम दिया है। इसी मौके पर बहन जी ने पीएम मोदी पर वार किया। मायावती ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने 2014 के लोकसभा चुनाव में हर-हर मोदी, घर-घर मोदी का नारा दिया था। लेकिन, इस बार गुजरात में यानी वो अपने घर में ही बेघर होते-होते बचे हैं। बहन जी का कहना है कि अगर गुजरात में बीस फीसदी दलित वोट होते तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बेघर होने से कोई नहीं बचा सकता था। उन्होंने दावा किया कि सिर्फ ऊना कांड ही मोदी को बेघर करने के लिए काफी था। लेकिन, दलितों के कम वोट होने की वजह से वो बच गए।
इस मौके पर मायावती ने केंद्र की मोदी पर एक और बड़ा आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार देश का संविधान और कानून बदलना चाहती है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि आजादी के बाद से भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस दोनों ने ही देश के हर वर्ग को नुकसान पहुंचाया है। इन पार्टियों ने ही हर राज्य में जातिवाद और सांप्रदायिकता का माहौल बना रखा है। उन्होंने कहा कि यूपी में भी सांप्रदायिकता का माहौल बनाया जा रहा है। मायावती ने कहा कि मेरे जन्मदिन को बहुजन समाज पार्टी के लोग पूरे देश भर में सर्वजन हिताय, सर्वजन सुखाए के मूवमेंट के तौर पर मनाते हैं। मेरे जन्मदिन को जन कल्याणकारी दिवस के तौर पर मनाया जा रहा है। उनका दावा है कि हम सत्ता में रहे या फिर ना रहें लेकिन, समाजसेवा के हमारे काम जारी रहेंगे। जिन्हें कभी भी रोका नहीं जाएगा। इस मौके पर उन्होंने अपना और पार्टी का गुणगान करने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
मायावती का कहना है कि बहुजन समाज पार्टी देश की इकलौती ऐसी पार्टी है जो दलितों, पिछड़ो, मुस्लिम और धार्मिक अल्पसंख्यको के मसीहा बाबा साहेब डॉ भीम राव अंबेडकर के बताए रास्ते पर चलकर आगे बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि पूंजीवादी सोच और विचारधारा के लोग हम लोगों को आगे बढ़ते हुए नहीं देखना चाहते हैं। पहले हम लोगों को कांग्रेस एंड कंपनी ने खत्म करने की कोशिश की। अब बीजेपी एंड कंपनी वही काम कर रही है। अपनी प्रेस कांफ्रेंस में उन्होंने बाबा साहेब डॉ भीमराव अंबेडकर को भारत रत्न ना दिए जाने का मामला भी उठाया। इसके लिए उन्होंने कांग्रेस पार्टी को कठघरे में खड़ा किया। इसके साथ ही उन्होंने सवाल किया कि आखिर अब तक मंडल आयोग की सिफारिशों को लागू क्यों नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि बीजेपी के लोग आरक्षण व्यवस्था को निष्क्रिय करने की कोशिश कर रहे हैं। कुल मिलाकर कहें तो मायावती के जन्मदिन पर उनकी प्रेस कांफ्रेंस के केंद्र में बीजेपी और मोदी ही रहे। इसे क्या कहेंगे आप खुद ही समझ लीजिए।