AAP अपनी गलती मानने को तैयार नहीं, अब राष्ट्रपति से लगाएंगे गुहार

संसदीय सचिव मामले में AAP ये मानने को तैयार ही नहीं कि उसके विधायकों ने लाभ का पद लिया था। जबकि उनको हाईकोर्ट से फटकार भी लग चुकी है।

New Delhi, Jan 20: आम आदमी पार्टी के 20 सदस्य लाभ के पद के मामले में फंसे हुए हैं। उनकी सदस्यता रद्द होने की कगार पर है, चुनाव आयोग ने अपनी सिफारिश राष्ट्रपति को भेज दी है, जिस पर राष्ट्रपति आखिरी फैसला लेंगे। इन सबके बीच आम आदमी पार्टी लगातार इस बात पर जोर दे रही है कि विधायकों ने कोई लाभ का पद नहीं लिया था। दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव की चिट्ठी पर भी AAP ये मानने को तैयार नहीं हैं। उल्टा चुनाव आयोग और मोदी सरकार पर हमलावर है। दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके फिर से आयोग पर हमला किया। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार के काम से बीजेपी परेशान हो गई है। वो सरकार की रफ्तार को रोकने की कोशिश कर रहे हैं।

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मनीष सिसोदिया ने कहा कि आम आदमी पार्टी अब राष्ट्रपति के मिलकर इस मामले में अपना पक्ष रखेगी। चुनाव आयोग ने पक्षपात किया है, राष्ट्रपति से मिलकर सारी बातें कहेंगे। सिसोदिया ने बताया कि राष्ट्रपति से मिलने का समय मांगा है। उनको बताया जाएगा कि किस तरह से चुनाव आयोग ने विधायकों का पक्ष नहीं सुना। उनसे कोई सबूत नहीं मांगे गए। हमें अपना पक्ष सुनाने का मौका ही नहीं मिला. सिसोदिया ने ये भी कहा कि हम राष्ट्रपति से अपील करते हैं कि वो हमारी बातें सुनें। सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली में AAP की सरकार जितना अच्छा काम कर रही है उस से बीजेपी और कांग्रेस वालों की दुकान बंद हो गई है। दोनों दल हमारे खिलाफ साजिश कर रहे हैं।

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मनीष सिसोदिया ने कहा कि लाभ का पद बोल कर हमारे विधायकों पर निशाना साधा जा रहा है, जबकि किसी ने भी एक पैसा नहीं लिया, कोई गाड़ी नहीं, कोई दफ्तर नहीं दिया गया। इनको सरकार की मदद करने के लिए रखा गया था। आप नेता ने कहा कि पार्टी के बेहतरीन काम से दिल्ली की जनता बीजेपी और कांग्रेस से मुंह मोड़ रही है। जिसके कारण ये दोनों दल षड़यंत्र कर रहे हैं। दिल्ली सरकार ने इन विधायकों को मोहल्ला क्लीनिक, स्कूल समेत कई विकास कार्यों के लिए रखा था। पहले की कांग्रेस सरकार पर निशाना साधते हुए सिसोदिया ने कहा कि पहले इसी विधानसभा में संसदीय सचिव रखे जाते थे। जिनको लाखों रूपये की सैलरी दी जाती थी। हमने बिना किसी लाभ के इन को रखा तो सभी को परेशानी होने लगी।

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ये आम आदमी पार्टी के नेता मनीष सिसोदिया का कहना है. वो चुनाव आयोग, कांग्रेस, बीजेपी पर हमला कर रहे हैं, लेकिन ये नहीं बता पा रहे हैं कि तकनीकी मामले में राजनीति क्यों कर रहे हैं। वो कोर्ट जाने की बात कर रहे हैं, जबकि शुक्रवार को ही दिल्ली हाईकोर्ट ने आप को झटका देते हुए कहा था कि चुनाव आयोग के बार बार बुलाने के बाद भी आप क्यों नहीं गए. सिसोदिया का कहना है कि आयोग ने उनको अपना पक्ष रखने का मौका नहीं दिया. जबकि आयोग की तरफ से कई बार नोटिस भेजा गया, लेकिन उस समय AAP का कोई विधायक नहीं पहुंचा. इसके अलावा आप नेता दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव की चिट्ठी को लेकर भी कुछ ठोस नहीं बता पाए। कुल मिलाकर आम आदमी पार्टी इस बात पर अड़ी हुई है कि उसने कोई गलती नहीं की. जबकि संविधान विशेषज्ञ तक ये कह रहे हैं कि इस तकनीकी मामले में आप और दिल्ली सरकार बुरी तरह से घिर गई है।