डोकलाम पर फिर षणयंत्र रच रही है चीनी सेना ? इस बार देना होगा करारा जवाब

डोकलाम के विवादित क्षेत्र को लेकर चीन की पीपुल्‍स लिबरेशन आर्मी ने फिर से षणयंत्र रचना शुरु कर दिया है। भारत को सावधान रहने की जरुरत है।

New Delhi Jan 26 : भारत के दो ऐसे पड़ोसी देश हैं जिन पर कभी भी यकीन नहीं किया जा सकता है। पहला पाकिस्‍तान है और दूसरा चीन। ये दोनों ही देश हमेशा हिंदुस्‍तान की पीठ में खंजर घोपने को तैयार रहते हैं। अब डोकलाम का ही विवाद ले लीजिए। कहने को भारत और चीन के बीच डोकलाम का विवाद थम चुका है। लेकिन, हकीकत में चीन की पीपुल्‍स लिबरेशन आर्मी यहां पर फिर से षणयंत्र रचने में जुटी हुई है। हालांकि भारतीय फौज की नजर इस इलाके पर गढ़ी हुई है। आर्मी चीफ बिपिन रावत पहले ही कह चुके हैं कि बेशक चीन ताकतवर देश होगा लेकिन, उसे भारतीय सेना को भी कमजोर नहीं समझना चाहिए। भारतीय सेना का चीन के लिए मैसेज साफ है कि जरा सी हरकत उसे भारी पड़ सकती है। ये बात चीनी फौज भी जानती है। फिर भी वो आए दिन डोकलाम के विवाद को हवा देने की कोशिश में जुटी रहती है।

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चीन का कहना है कि डोकलाम पर उसका हक है और इस क्षेत्र को लेकर भूटान के साथ उसका कोई भ विवाद नहीं है। जबकि भूटान भी इसे विवादित क्षेत्र मानता है। डोकलाम के इसी विवादित क्षेत्र को लेकर चीन और भारत की सेनाएं 73 दिनों तक आमने सामने रही थीं। आर्मी चीफ बिपिन रावत भी कह चुके हैं कि डोकलाम विवादित क्षेत्र है। हालांकि चीन को आर्मी चीफ बिपिन रावत की यही बात रास नहीं आ रही है। चीन की पीपुल्‍स लिबरेशन आर्मी ने एक बार फिर ये दोहराया है कि डोकलाम उसी का क्षेत्र है। इस पर किसी भी दूसरे देश का कोई हक नहीं है। चीन ने भारत को नसीहत देते हुए कहा है कि उसे डोकलाम पर 73 दिनों के गतिरोध से सबक लेना चाहिए और भविष्‍य में इस तरह की घटनाओं का टालने की कोशिश करनी चाहिए। हालांकि आर्मी चीफ बिपिन रावत के बयान पर इससे पहले भी चीन का विदेश मंत्रालय अपनी प्रतिक्रिया दे चुका है।

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लेकिन, ये पहला मौका है जब चीन की पीपुल्‍स लिबरेशन आर्मी ने आर्मी चीफ बिपिन रावत के बयान पर प्रतिक्रिया दी है। चीन के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता कर्नल वू कियान का कहना है कि डोकलाम चीन का ही हिस्सा है। जबकि अभी हाल ही में आर्मी चीफ बिपिन रावत ने कहा था कि भारत को अब पाकिस्‍तान की सीमा से अपना फोकस हटाकर चीन की सीमा पर केंद्रित करना चाहिए। इसके साथ ही बिपिन रावत ने कहा था कि चीन हमारे ऊपर वास्‍तविक नियंत्रण रेखा पर दवाब बनाने की भी कोशिश कर रहा है। बिपिन रावत का कहना था कि उत्‍तरी डोकलाम पर चीनी फौज ने कब्‍जा किया हुआ है। जबकि विवादित स्‍थल से दोनों सेनाएं पीछे हट चुकी हैं। हालांकि यहां पर निगरानी चौकियां बनी हुईं हैं। वहीं चीन के रक्षा मंत्रालय का कहा है कि भारतीय सेना ने अवैध तरीके से सीमा पार की। जो ठीक नहीं है। इंडियन आर्मी को पिछले गतिरोध से सबक लेना चाहिए।

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इससे पहले उत्‍तरी डोकलाम की सेटेलाइट तस्‍वीरें भी सामने आ चुकी हैं। जिसमें ये दिख रहा है‍ कि चीन ने उत्‍तरी डोकलाम में सड़क निर्माण के साथ-साथ सात हेलीपैड भी बना लिए हैं। इसके अलावा उसने इस क्षेत्र में कंक्रीट की चौकियों का भी निर्माण किया है। सेटेलाइट तस्‍वीरों से खुलासा हुआ था कि चीन ने उत्‍तरी डोकलाम में हथियारों से लैस गाडि़यों को भी पहुंचा दिया है। हालांकि जब इस पर विवाद बढ़ा था तो चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा था पता नहीं ये सेटेलाइट तस्‍वीरे कहां से आईं हैं। इन्‍हें किन लोगों ने जारी किया है। हालांकि उसने ये माना था कि उसने उत्‍तरी डोकलाम में इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर खड़ा किया है। उसका कहना है कि वो यहां पर तैनात सैनिकों और दूसरे लोगों की जिदंगी को सुधारना चाहता है इसलिए उसने ऐसा किया है। हालांकि जहां पर चीन ने निर्माण किया है वो विवादित स्‍थल से कुछ दूरी पर है। भारतीय सेना की नजर इस इलाके पर गढ़ी हुई है। ताकि विवादित स्‍थल पर चीन के आगे बढ़ने पर उसे करारा जवाब दिया जा सके। इस वक्‍त भारतीय सेना को यहां पर ज्‍यादा मुस्‍तैद रहने की जरुरत है।