क्या मोदी के खिलाफ ‘थर्ड फ्रंट’ में कंवर्ट होगा यशवंत सिन्हा का ‘राष्ट्रीय मंच’ ?

भारतीय जनता पार्टी के बागी नेता यशवंत सिन्‍हा ने राष्‍ट्रीय मंच नाम का एक संगठन बनाया है। क्‍या इस संगठन का इस्‍तेमाल मोदी के खिलाफ होगा ?

New Delhi Jan 31 : भारतीय जनता पार्टी के बागी नेता यशवंत सिन्‍हा की बगावत किसी से छिपी नहीं है। यशवंत सिन्‍हा हर मोर्चे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पार्टी के कुछ खास नेताओं को घेरने की कोशिश करते रहते हैं। लंबे समय से वो बीजेपी में हाशिए पर चल रहे थे। हालांकि वो अपने बेटे जयंत सिन्‍हा मोदी सरकार में फिट करा चुके हैं। लेकिन, उन्‍हें कोई खास तवज्‍जो नहीं दी गई। ऐसे में नाराज यशवंत नोटबंदी से लेकर जीएसटी के मुददे पर अपनी ही पार्टी की सरकार की आलोचना करते हुए दिखाई पड़ जाते हैं। अब तो उन्‍होंने राष्‍ट्रीय मंच नाम का एक संगठन भी बना डाला है। महात्‍मा गांधी की पुण्‍यतिथि पर राष्‍ट्रीय मंच का एलान किया गया। लेकिन, बड़ा सवाल ये है कि क्‍या यशवंत सिन्‍हा अपने इस मंच के जरिए 2019 के लोकसभा चुनाव में मोदी विरोधियों को एक प्‍लेटफार्म मुहैया कराना चाहते हैं ? क्‍या किसानों का मुद्दा और आंदोलन बहाना है असल में मोदी ही निशाना है ? सवाल बहुतेरे हैं।

Advertisement

दरअसल, यशवंत सिन्‍हा ने राष्‍ट्रीय मंच के गठन की घोषणा के साथ ही एलान किया कि वो किसानों के मुद्दों को लेकर आंदोलन करेंगे। इसके साथ ही वो सरकार की गलत नीतियों को भी उजागर करेंगे। यशवंत सिन्‍हा के मंच पर पहले दिन से ही मोदी विरोधियों का जमघट लगना शुरु हो गया है। इस कार्यक्रम में कांग्रेस की नेता रेणुका चौधरी भी शामिल हुईं। यानी यशवंत सिन्‍हा को पहले दिन से ही उनके राष्‍ट्रीय मंच के लिए कांग्रेस का समर्थन मिल गया है। सिर्फ कांग्रेस ही नहीं बल्कि कई और मोदी विरोधी भी यशवंत सिन्‍हा के साथ आ खड़े हुए हैं। यही वजह है कि कहा जा रहा है कि यशवंत सिन्‍हा का ये मंच कहीं 2019 के लोकसभा चुनाव के लिए विपक्ष की एकजुटता का बड़ा प्‍लेटफार्म ना बन जाए। यकीन नहीं आता हो तो इसकी बानगी भी हम आपको समझा सकते हैं और बता सकते हैं कि कैसे इस प्‍लेटफार्म का इस्‍तेमाल 2019 में मोदी के विरोध में किया जाएगा।

Advertisement

दरअसल, यशवंत सिन्‍हा के इस कार्यक्रम में उनके साथ शत्रुघ्‍न सिन्‍हा भी दिखे। हर कोई जानता है कि शत्रुघ्‍न सिन्‍हा भी बीजेपी में यशवंत सिन्‍हा की ही राह पर चल रहे हैं। तृणमूल कांग्रेस के नेता दिनेश त्रिवेदी का भी समर्थन उन्‍हें मिल गया है। माजिद मेमन और आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह और आशुतोष भी यशवंत सिन्‍हा के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े नजर आए। गुजरात के पूर्व मुख्‍यमंत्री सुरेश मेहता, पूर्प केंद्रीय मंत्री हरमोहन धवन, कृषि अर्थशास्‍त्री सोमपाल शास्‍त्री, जेडीयू में शरद गुट के नेता पवन वर्मा, आरएलडी से जयंत चौधरी, समाजवादी पार्टी से घनश्‍याम तिवारी के अलावा शाहिद सिद्दीक़ी, मोहम्मद अदीब, उदय नारायण चौधरी और नरेंद्र सिंह का भी पूरा समर्थन यशवंत सिन्‍हा के साथ है। ये सारे वो दल हैं जो विपक्ष्‍ा में हैं या फिर मोदी के धुर विरोधी हैं। मतलब साफ है कि आने वाले दिनों में सियासत का नया समीकरण बनता हुआ नजर आ सकता है।

Advertisement

ऐसा नहीं है कि मोदी विरोधी ये नेता अचानक से सिन्‍हा के साथ आ खड़े हुए हों। यशवंत सिन्‍हा के राष्‍ट्रीय मंच पर खड़े होने वाले हर नेता से वो महीनों से संपर्क में थे। यानी प्‍लॉनिंग काफी पहले से ही चल ही चल रही है। यशवंत सिन्‍हा कहते हैं कि राष्‍ट्रीय मंच का सबसे बड़ा मुद्दा किसानों का होगा। हालांकि वो किसानों की बात से ज्‍यादा नोटबंदी और जीएसटी पर फोकस फरमाते हुए नजर आए। कहा जा सकता है कि यशवंत  की निगाहें कहीं और हैं और निशाना कहीं और। नहीं तो इतनी आसानी से विपक्ष के नेता उनके साथ आकर नहीं खड़े होते। आने वाले दिनों में राष्‍ट्रीय मंच का स्‍वरुप देखना काफी दिलचस्‍प होगा। देखना होगा कि ये संगठन सिर्फ मोदी विरोधियों को प्‍लेटफार्म ही मुहैया कराएगा या वाकई किसानों के मुद्दे को उठाएगा। यशवंत सिन्‍हा के राष्‍ट्रीय मंच की असली तस्‍वीर देखने के लिए ज्‍यादा इंतजार करना होगा।