बहुत हुआ सम्मान : अब पाकिस्तान की ईंट से ईंट बजाएंगे अशरफ गनी

अफगानिस्‍तान के राष्‍ट्रपति अशरफ गनी इस वक्‍त पाकिस्‍तान के खिलाफ आग बबूला हैं। वो पाकिस्‍तान की सरकार के खिलाफ कोई भी बड़ा फैसला ले सकते हैं।

New Delhi Feb 01 : अफगानिस्‍तान के राष्‍ट्रपति अशरफ गनी गुस्‍से में हैं। पाकिस्‍तान के खिलाफ उनके गुस्‍से का ज्‍वालामुखी कभी भी फट सकता है। बताया जा रहा है कि अफगानिस्‍तान के राष्‍ट्रपति अशरफ गनी पाकिस्‍तान के खिलाफ किसी भी वक्‍त कोई बड़ा फैसला ले सकते हैं। जो इस्‍लामाबाद को काफी भारी पड़ सकता है। अमेरिका और अफगानिस्‍तान दोनों मिलकर पाकिस्‍तान को सबक सिखाना चाहते हैं। दरसअल, तमाम प्रतिबंधों, कड़ाई और आपसी सहयोग के बाद भी पाकिस्‍तान अपने यहां मौजूद आतंकी संगठनों का इस्‍तेमाल अफगानिस्‍तान के खिलाफ कर रहा है। अभी हाल ही में अफगानिस्‍तान की राजधानी काबुल में जो आत्‍मघाती हमले हुए थे उसमें भी पाकिस्‍तान का ही हाथ पाया गया था। अफगानिस्‍तान में नरसंहार कराने के बाद पाकिस्‍तान अच्‍छा भी बनना चाहता है। लेकिन, इस बार उसे अफगान राष्‍ट्रपति अशरफ गनी के कड़े विरोध का सामना करना पड़ा है।

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दोनों देशों के हालात ऐसे बिगड़ चुके हैं कि पूछिए मत। दोनों देशों के रिश्‍ते बेहद खराब दौर में हैं। जानकारी के मुताबिक काबुल ब्‍लास्‍ट के बाद पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री शाहिद खाकन अब्‍बासी अफगानिस्‍तान के राष्‍ट्रपति अशरफ गनी से बात कर अपनी संवेदनाएं व्‍यक्‍त करना चाहते थे। लेकिन, अशरफ गनी ने उनसे बात करने से ही इनकार कर दिया। अशरफ गनी ने आमने-सामने तो छोडि़ए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहिद खाकन अब्‍बासी से फोन पर बात करना भी मुनासिब नहीं समझा। दरअसल, अभी शनिवार और सोमवार को काबुल में दो बड़े आत्‍मघाती हमले हुए थे। इन दोनों ही हमलों में कुल 143 लोगों की मौत हो गई थी। जबकि सैंकड़ों लोग जख्‍मी हो गए थे। बम धमाकों की जांच में पाया गया है कि इन हमलों के पीछे पाकिस्‍तान आर्मी का हाथ था। जिसके सबूत भी अफगानिस्‍तान की ओर से पाकिस्‍तान भेजे गए हैं।

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लेकिन, पाकिस्‍तान अपने आगे कुछ भी मानने को ही तैयार नहीं है। पाकिस्‍तान का कहना है कि काबुल अटैक में उनका कोई हाथ नहीं है। जबकि अफगान की खुफिया एजेंसियों को आतंकियों के पास से मिले सामान और दूसरे सबूतों के आधार पर ये जानकारी मिली है‍ कि ये हमले पाकिस्‍तान में शरण लिए हक्‍कानी नेटवर्क के आतेंकियों ने ही अंजाम दिए थे। अमेरिका भी पाकिस्‍तान को हक्‍कानी और तालिबानी आतंकियों को मारने के लिए सैन्‍य आर्थिक मदद पहुंचाता था। लेकिन, पाक की हरकतों को देखते हुए अमेरिका ने भी उसकी फंडिंग पर रोक लगा दी है। जिसके चलते पाकिस्‍तान और भी ज्‍यादा बौराया हुआ है। सूत्र बताते हैं कि बहुत ही जल्‍द अमेरिका और अफगानिस्‍तान मिलकर पाकिस्तान के खिलाफ कोई बड़ी कार्रवाई कर सकते हैं। पाकिस्‍तान के खिलाफ सर्जिकल स्‍ट्राइक भी हो सकती है। इन्‍हीं खबरों के बाद पाक पीएम शाहिद खाकन अब्‍बासी डैमेज कंट्रोल में जुट गए हैं।

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पाक पीएम शाहिद खाकन अब्बासी ने पिछले दिनों अशरफ गनी को काबुल हमलों पर शोक जताने के लिए फोन किया। प्रोटोकॉल के तहत शाहिद खाकन अब्बासी ने फोन करने से पहले अफगानिस्‍तान क राष्‍ट्रपति अशरफ गनी के दफ्तर को पहले एक मैसेज भेजा। जैसे ही अशरफ गनी के पास ये मैसेज पहुंचा उन्‍होंने अब्‍बासी से बात करने से ही इनकार कर दिया। आम तौर पर राष्‍ट्राध्‍यक्षों के बीच ऐसा बर्ताव नहीं होता है। लेकिन, अफगानिस्‍तान का कहना है कि पाकिस्‍तान को सबक सिखाना बहुत जरुरी है। बताया जा रहा है कि हमले के सबूत देने के लिए अफगानिस्‍तान का एक प्रतिनिधि मंडल भी इस वक्‍त पाकिस्‍तान गया हुआ है। जो इस्‍लामाबाद पहुंच भी चुका है। ये प्रतिनिधि मंडल पाक सरकार को बताएगा कि किस तरह पाक आर्मी और आईएसआई के लोगों ने इन हमलों की साजिश रची। दोनों देशों के बीच माहौल काफी गरम है। अफगानिस्‍तान में भी हालात बिलकुल वैसे ही हैं जैसे पाकिस्‍तान को लेकर भारत में रहते हैं।