‘हम विकासगंज की बात करें, वो कासगंज बना देते हैं’

कासगंज में हुई हिंसा के बाद देशभर में बवाल मचा हुआ है। इस पर कन्हैया कुमार ने एक ब्लॉग लिखा है। जानिए इस ब्लॉग की कुछ खास बातें

New Delhi, Feb 02: जब भी हम युवा विकासगंज की बात करते हैं, वे कासगंज जैसा मसला खड़ा कर देते हैं। पूरे देश को पकौड़ा बनाकर कॉरपोरेट की थाली में परोसने वाली भाजपा युवाओं से डरती है, इसीलिए उन्हें देशद्रोही बताती है। जब एक पत्रकार ने रोज़गार में गिरावट का सवाल पूछा तो सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार ने पत्रकार से ही सवाल कर दिया कि कहीं वह जेएनयू से तो नहीं है। केंद्रीय मंत्रालयों के लाखों पदों को समाप्त करने की प्रक्रिया शुरू करने वाली सरकार अब सवालों से बचने के लिए ऐसी बेशर्मी दिखा रही है। जो सवाल करे, वह देशद्रोही! पहले जेएनयू को बदनाम करो, फिर तमाम सवाल करने वालों को जेएनयू से जोड़ दो।

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वाह सरकार, क्या रास्ता निकाला है सवालों से बचने का! हम युवा सवाल करेंगे। सालों तक केंद्र सरकार के लाखों पद खाली रहे तो इसकी ज़िम्मेदारी कौन लेगा? उत्तर प्रदेश में 30 जनवरी को तीन भर्ती परीक्षाएँ रद्द हो गईं। इन परीक्षाओं के नतीज़ों का इंतज़ार कर रहे जिन युवाओं के सपनों की हत्या हुई उनके हाथों में सरकार कब तक फ़र्ज़ी राष्ट्रवाद का झुनझुना पकड़ाती रहेगी? “भूखे भजन न होई गोपाला” — हमारे संत बहुत पहले यह बात कह गए हैं। राजस्थान में हजा़रों स्कूल बंद करने वाली भाजपा ही रोज़गार के पकौड़ाकरण की बेशर्मी दिखा सकती है। अगर राजस्थान में 7,900 स्कूल एक टीचर के भरोसे चल रहे हैं तो इसकी ज़िम्मेदारी सरकार नहीं लेगी तो कौन लेगा?

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माना कि सरकार के हाथ बँधे हुए हैं। कॉरपोरेट से सबसे ज़्यादा चंदा पाने वाली पार्टी की अपनी अलग ज़िम्मेदारियाँ हो सकती हैं। जिस पार्टी को कुल चुनावी चंदे का करीब 89 प्रतिशत हिस्सा मिले, वही पीएम के साथ विदेश जाने वालों का नाम बताने से इनकार करने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा का बहाना बना सकती है।

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हम युवाओं के लिए इस सरकार के पास रोज़गार नहीं है क्योंकि इसने ख़ुद को बड़ी कंपनियों के हवाले कर दिया है। जब बेहिसाब मुनाफ़ा ही ईमान-धर्म बन जाए तो रोज़गार माँगने वालों को देशद्रोही कहने वाली सरकार ही सामने आती है। हम युवा रोज़गार के पकौड़ाकरण का विरोध करना जारी रखेंगे। लड़ेंगे, जीतेंगे। (ये ब्लॉग कन्हैया कुमार के फेसबुक पेज से लिया गया है। ये लेखक के निजी विचार हैं।)