गिरिराज सिंह बोले – राम मंदिर भारत में नहीं तो क्या पाकिस्तान में बनेगा ?
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने राम मंदिर को लेकर एक बार फिर बयान दिया है। उनका कहना है कि मंदिर भारत में नहीं तो क्या पाकिस्तान में बनेगा।
New Delhi Feb 04 : भारतीय जनता पार्टी के फायरब्रांड नेता और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह का कहना है कि अगर राम मंदिर भारत में नहीं बनेगा तो क्या पाकिस्तान में बनेगा। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि भारत में रहने वाला हर नागरिक राम की संतान है। कोई भी बाबर की औलाद नहीं है। गिरिराज सिंह का कहना है कि अगर मैं आज धर्म परिवर्तन कर लूं तो क्या मेरे होने वाले बच्चों के पूर्वज बदल जाएंगे। वो कहलाए तो हिंदू ही जाएंगे। गिरिराज सिंह के इस बयान पर विवाद हो सकता है। जाहिर तौर पर मुस्लिम कट्टरपंथियों को उनका ये बयान कभी भी रास नहीं आएगा। उनका कहना है कि अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए हिंदू और मुसलमानों को साथ आना होगा। उन्होंने कहा कि राम मंदिर निर्माण के लिए शिया समुदाय के लोग तैयार हैं लेकिन, सुन्नी समुदाय के लोग तैयार नहीं हैं। उनका कहना है कि सुन्नी समुदाय के लोगों को भी शियाओं की तरह मान लेना चाहिए।
गिरिराज सिंह का कहना है कि राम मंदिर हर हालत में अयोध्या में ही बनेगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि जिस तरह से शिया समुदाय के लोगों ने मंदिर निर्माण के लिए अपना समर्थन दिया है उसी तरह से सुन्नी समुदाय के लोग भी इसका समर्थन करेंगे। दरसअल, राम मंदिर और बाबरी मस्जिद का विवाद इस वक्त सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। इस केस में शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा भी दायर कर चुका है। जिसमें उसने इस जमीन पर अपने हक की बात कही है। इसके साथ ही शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड ये भी कह चुका है कि वो इस केस में समझौते के लिए भी तैयार है। शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड का कहना है कि राम मंदिर का निर्माण उसी जगह पर होना चाहिए। जबकि मस्जिद का निर्माण दूसरी जगह पर कराया जा सकता है। लेकिन, सुन्नी समुदाय के लोगों को शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड की ये बातें रास नहीं आई थी। उन्होंने इसका विरोध किया था।
इससे पहले शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी अदालत के बाहर भी राम मंदिर और बाबरी मस्जिद के विवाद में समझौते की पहल कर चुके हैं। उन्होंने श्रीश्री रविशंकर के साथ-साथ दूसरे पक्षकारों से भी बात की थी। इसी को आधार मानते हुए केंद्रीय मंत्री और गिरिराज सिंह का कहना है कि सुन्नी समुदाय को भी शियाओं की तरह राम मंदिर निर्माण के लिए अपना समर्थन देना चाहिए। इसी कड़ी में उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान में सभी लोग राम की संतान हैं। भगवान राम ही हमारे पूर्वज हैं। यहां पर कोई भी बाबर की औलाद नहीं है। गिरिराज सिंह इससे पहले भी कई बार विवादित बयान दे चुके हैं। जिस वक्त फिल्म पद्मावत पर विरोध चल रहा था उस वक्त भी उन्होंने बॉलीवुड के तमाम निर्माता-निर्देशकों को खुली चुनौती दी थी कि अगर किसी में हिम्मत है तो वो मोहम्मद साहिब पर फिल्म बनाकर दिखाए। ये लोग सिर्फ हिंदुओं को ही अपने निशाने पर रखते हैं।
दरसअल, अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण हमेशा से बीजेपी के एजेंडे में शामिल रहा है। कुछ लोगों का कहना है कि बीजेपी नेताओं ने 2019 के लोकसभा चुनाव को देखते हुए एक बार फिर इस मुद्दे को हवा देनी शुरु कर दी है। जबकि कई इस बात को मानते हैं कि अगर गिरिराज सिंह राम मंदिर निर्माण के लिए हिंदू और मुसलमानों को साथ आने की बात करते हैं तो इसमें विवाद कहां हैं। जबकि AIMIM के प्रमुख असदद्दीन ओवैसी इस बात पर एतराज जता चुके हैं कि जब ये मामला सुप्रीम कोर्ट लंबित है तो फिर बीजेपी नेता और आरएसएस के लोग लगातार राम मंदिर निर्माण को लेकर तारीखों का एलान क्यों कर रहे हैं। ओवैसी तो शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी पर भी अपनी आंखे तरेर चुके हैं। उनका कहना है कि इस केस में शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड जब पक्षकार ही नहीं है तो फिर वो समझौते और दूसरे जगह मस्जिद बनवाने की बात कैसे कह सकते हैं।