‘चिचा नेहरू’ पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अब तक का सबसे बड़ा हमला

संसद में अपने भाषण के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ना सिर्फ कांग्रेस की जमकर बघिया उधेड़ी बल्कि जवाहरलाल नेहरू को भी निशाने पर लिया।

New Delhi Feb 07 : कहते हैं कि कश्‍मीर समस्‍या पंडित जवाहरलाल नेहरू की ही देन हैं। हालांकि इस बारे में लोगों की राय जुदा हो सकती हैं। लेकिन, देश का एक बड़ा वर्ग इस बात को मानता है कि अगर आजादी के बाद पंडित जवाहर लाल नेहरू की जगह सरदार वल्‍लभभाई पटेल को प्रधानमंत्री बनाया जाता तो देश आज कश्‍मीर के दंश को नहीं झेल रहा होता। बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद में भाषण दिया। अपने भाषण में भी उन्‍होंने पंडित जवाहर लाल नेहरू को देश का पहला प्रधानमंत्री चुने जाने पर सवाल खड़े किए। माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जवाहरलाल नेहरू पर अब तक का सबसे बड़ा हमला बोला है। जिससे पूरी की पूरी कांग्रेस बिलबिला उठी है। कांग्रेस के पास इस वक्‍त पलटवार के लिए शब्‍द तक नहीं हैं। तभी तो कांग्रेस अध्‍यक्ष राहुल गांधी कहते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पूरा का पूरा भाषण राजनैतिक ही था। मुद्दों पर उन्‍होंने कोई बात नहीं की।

Advertisement

बुधवार को संसद को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दो टूक शब्‍दों में कहा कि कांग्रेस हमें लोकतंत्र का पाठ ना पढ़ाए क्‍योंकि वो लोकतंत्र का पाठ पढ़ाने के लायक ही नहीं है। लोकसभा में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आजादी के बाद जब 12 कांग्रेस कमेटियों ने सरदार वल्लभ भाई पटेल को पहले प्रधानमंत्री के लिए चुना था और 3 कांग्रेस कमेटियों ने नोटा किया था, तब कैसे पंडित जवाहरलाल नेहरू देश के पहले प्रधानमंत्री बन गए। आखिर ऐसा कैसे हो सकता है। क्‍या यही कांग्रेस का लोकतंत्र है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी हमें लोकतंत्र का पाठ ना पढ़ाए। उन्‍होंने कहा कि अगर कांग्रेस कमेटियों की वोटिंग के आधार पर देश का पहला प्रधानमंत्री चुना जाता तो सरदार वल्‍लभभाई पटेल ही देश के पहले प्रधानमंत्री बनते, ना कि जवाहरलाल नेहरू।

Advertisement

इतना ही नहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि अगर सरदार पटेल उस वक्‍त देश के प्रधानमंत्री बने होते तो आज कश्‍मीर का एक हिस्‍सा पाकिस्‍तान के पास नहीं होता। पूरा का पूरा कश्‍मीर भारत का ही होता। कई इतिहासकार और जम्‍मू-कश्‍मीर पर अच्‍छी पकड़ रखने वाले लोगों का भी यही मानना है कि अगर उस वक्‍त सरदार पटेल को इस विवाद को सुलझाने की पूरी आजादी दी जाती तो आज हालात कुछ और होते। उस वक्‍त वो काफी हद तक इस मसले को सुलझाने के करीब पहुंच गए थे। लेकिन, बाद में नेहरू के दखल के चलते मामला एक बार फिर लटक गया। जिसका नतीजा आज पूरे देश के अलावा पूरी दुनिया भी देख रही है। कई लोगों का मानना तो यहां तक मानना है कि जवाहरलाल नेहरू चाहते ही नहीं थे कश्‍मीर का विवाद सुलझे। इस मसले को संयुक्‍त राष्‍ट्र संघ में ले जाना भी बड़ी भूल थी। अब इसे भूल कहा जाएगा या फिर सोची-समझी चाल ये इतिहासकार ही बता सकते हैं। जिस पर हर आदमी की राय बंटी हुई है।

Advertisement

बहरहाल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण में राजीव गांधी और राहुल गांधी पर भी जमकर निशाना साधा। उन्‍होंने राहुल गांधी के कांग्रेस पार्टी के अध्‍यक्ष चुने जाने पर भी सवाल खड़े किए। उन्‍होंने कांग्रेस से सवाल किया कि वो एक चुनाव था या फिर ताजपोशी। मोदी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी का एक नौजवान कार्यकर्ता पार्टी का अध्‍यक्ष बनने के लिए परचा दाखिल करना चाहता था। लेकिन, उसे ऐसा नहीं करने दिया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का इशारा शहजाद पूनावाला की ओर था। उनका कहना था कि कांग्रेस की विभाजनकारी नीति के चलते ही ना सिर्फ देश के टुकड़े हुए हैं। बल्कि जहर भी फैला है। जिसका खामियाजा देश की सवा सौ करोड़ जनता को भुगतना पड़ रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कहना है कि कांग्रेस ने केंद्र में रहते हुए 90 बार राज्य सरकारों को उखाड़ फेंका गया और लोकतंत्र को पनपने नहीं दिया। कांग्रेस की सरकारों ने 90 बार धारा 356 का बेजा इस्‍तेमाल किया। इसलिए कांग्रेस लोकतंत्र की बात ना करें। उनका कहना है कि देश में लोकतंत्र तब भी था जब बुद्ध की परंपरा थी। इसलिए कांग्रेस ये ना माने की लोकतंत्र उनकी या जवाहरलाल नेहरू की देन है।