सुंजवान हमले की इनसाइड स्‍टोरी : मेंढर के रास्‍ते कश्‍मीर में घुसे थे फिदायीन हमलावर

सुंजवान हमले को लेकर खुफिया विभाग को कुछ महत्‍वपूर्ण जानकारियां हाथ लगी हैं। पता चला है कि फिदायीन हमलावर मेंढर के रास्‍ते कश्‍मीर में घुसे थे।

New Delhi Feb 11 : जम्‍मू के सुंजवान आर्मी कैंप में आतंकी हमले के बाद एनकाउंटर जारी है। एनकाउंटर शुरु हुए तीस घंटों से ज्‍यादा का वक्‍त गुजर चुका है। इस एनकाउंटर में चार आतंकी मारे जा चुके हैं। जबकि दो जेसीओ समेत पांच जवान शहीद हो गए हैं। सुंजवान हमले में एक बच्‍ची की भी मौत हुई है। आर्मी के भीतर अभी कितने और आतंकी मौजूद हैं इसके बारे में इंडियन आर्मी की ओर से कोई भी आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है। लेकिन माना जा रहा है कि आतंकियों की संख्‍या पांच से छह हो सकती है। इस बीच खुफिया एजेंसियों को इन आतंकियों को लेकर कई महत्‍वपूर्ण जानकारियां हाथ लगी हैं। खुफिया विभाग को पता चला है जिन आतंकियों ने सुंजवान हमले को अंजाम दिया है उसमें ज्‍यादातर पाकिस्‍तानी आतंकी है। हालांकि आतंकियों के इस ग्रुप में एक या दो कश्‍मीरी आतंकी भी शामिल हो सकते हैं। जो मेंढर के रास्‍ते कश्‍मीर में दाखिल हुए थे।

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आपको ध्‍यान होगा पाकिस्‍तान फौज ने गुरुवार की रात मेंढर में जबरदस्‍त फायरिंग की थी। मेंढर सेक्‍टर में पाकिस्‍तान के इस सीजफायर वॉयलेशन में एक महिला की भी मौत भी हो गई थी। मेंढर सेक्‍टर कृष्‍णा घाटी में ही पड़ता है। आतंकियों के लिए कश्‍मीर में घुसपैठ का ये रास्‍ता सबसे सेफ माना जाता है। खुफिया विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक जैश-ए-मोहम्‍मद के इन आतंकियों का ग्रुप भी मेंढर सेक्‍टर से ही कश्‍मीर में दाखिल हुआ होगा। सूत्रों का कहना है कि जैश-ए-मोहम्‍मद पिछले कई दिनों से जम्‍मू-कश्‍मीर में किसी बडे हमले की फिराक में था। लेकिन, इंडियन आर्मी की बार्डर पर सख्‍ती और ऑपरेशन ऑल आउट के चलते वो अपने मंसूबों को अंजाम नहीं दे पा रहा था। सुंजवान हमले की प्‍लॉनिंग भी पहले ही की जा चुकी थी। खुफिया विभाग को आशंका है कि कश्‍मीर के स्‍थानीय आतंकियों और उनके ग्राउंड वर्कर्स ने सुंजवान हमले से पहले यहां की रेकी की।

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इस इलाके की पूरी रेकी के बाद इसकी जानकारी जैश-ए-मोहम्‍मद के आतंकियों को दी गई। गुरुवार को मेंढर के रास्‍ते जैश-ए-मोहम्‍मद के इन आतंकियों की कश्‍मीर में घुसपैठ कराने के लिए पाकिस्‍तान आमी ने यहां पर भारी गोलाबारी की। रात में अंधेरे और फायरिंग का फायदा उठाकर जैश-ए-मोहम्‍मद के ये आतंकी कश्‍मीर की दहलीज में दाखिल हो गए। सूत्रों का कहना था कि ये आतंकी पहले से ही बड़ी जंग की तैयारी कर कश्‍मीर में दाखिल हुए। आशंका जताई जा रही है कि सुंजवान हमले से पहले इन आतंकियों ने पहले मेंढर के ही किसी गांव में पनाह ली होगी। जिसमें उन्‍हें लोकल सपोर्ट भी मिला होगा। यहीं पर इन लोगों को गाड़ी मुहैया कराई गई होगी। जिससे ये लोग कश्‍मीर से जम्‍मू पहुंचेंगे। इस बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता है कि इन आतंकियों ने जम्‍मू में रोहिंग्‍या मुसलमानों की बस्‍ती में पनाह ली हो। जुमे की नमाज पढ़ने के बाद ये सभी आतंकी अपने ऑपरेशन पर निकल पड़े हों।

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खुफिया विभाग को जो जानकारियां मिल रही हैं उन कडि़यों को आपस में जोड़ा जा रहा है। जैश-ए-मोहम्‍मद के फिदायीन आतंकियों ने सुंजवान हमले के लिए आर्मी कैंप के पीछे वाले रास्‍ते के जरिए घुसपैठ की थी। वो भी कंटीले तारों को काटकर। आर्मी सूत्रों का कहना है कि सुंजवान हमले में इस वक्‍त कमांडो ऑपरेशन अपने चरण में है। हालांकि पूरे सर्च ऑपरेशन के बाद ही ऑपरेशन को खत्‍म करने का एलान किया जाएगा। सुंजवान हमले के बाद एनकाउंटर में शामिल कमांडो किसी भी बात को लेकर जल्‍दबाजी में नहीं है। उनका मानना है कि यहां पर एक गलत कदम कई लोगों की जिदंगी को खतरे में डाल सकता है। नुकसान कम से कम हो इस बात का पूरा ख्‍याल रखा जा रहा है। इस वक्‍त पूरे शहर में रेड अलर्ट घोषित है। आर्मी चीफ बिपिन रावत भी इस वक्‍त जम्‍मू में मौजूद हैं। जो ऑपरेशन पर बारीक नजर बनाए हुए हैं।