अब चैनल के जासूस स्टूडियो में बैठे-बैठे श्रीदेवी के मौत की नई कहानियां बेचेंगे

इधर कुछ लोग श्रीदेवी के पीने-पिलाने पर भी चर्चा में जुटे हैं. इन्हें मालूम नहीं कि मुबंई और इंडस्ट्री में पीना आम बात है?

New Delhi, Feb 27 : जिस रात श्रीदेवी की खबर आई उस रात मैं न्यूज़रूम में ही था. सवा बजे से लेकर डेढ़ बजे का वक्त था. पहला रिएक्शन था- “क्या बकवास है? ”
कुछ देर बाद खबर कंफर्म की तो रिेएक्शन था – “मगर ऐसा कैसे हो सकता है?”
इसके बाद अचानक कौंधा कि ऐसा तो नहीं कि ये कोई हत्या हो. मैं स्वीकारूंगा कि ये कोरा तुक्का था और पत्रकारों की ये आदत होती है.

Advertisement

श्रीदेवी की उम्र जाने की नहीं थी. इसके बाद बेमतलब दौड़ते दिमाग को यही कह कर आराम दिया कि दिल का दौरा पड़ने की आजकल कोई उम्र नहीं होती. sridevi6अब मन में उठी आशंका को सच साबित होते देख अचरज हो रहा है. अगर डूबकर मरने की रिपोर्ट सही है तो फिर सवाल होने लाज़िमी हैं लेकिन चैनल जिस भौंडे ढंग से इसे उठा रहे हैं वो देखकर जी मिचला रहा है. अच्छा हुआ कि दो दिन से चैनल देखने को मजबूर नहीं हुआ.

Advertisement

फेसबुक पर चैनलों की स्क्रीन के फोटो देखकर ही अंदाज़ा लग रहा है कि क्या कहर बरपा रहे हैं. इधर कुछ लोग श्रीदेवी के पीने-पिलाने पर भी चर्चा में जुटे हैं. Sridevi2इन्हें मालूम नहीं कि मुबंई और इंडस्ट्री में पीना आम बात है? या वो महिला थी इसलिए पीना अचरज पैदा कर रहा है? या पीनेवाली एक खूबसूरत हिरोइन थी इसलिए जुगुप्साएं जगाने में आनंद आ रहा है?

Advertisement

श्रीदेवी के इंडस्ट्री में पचास साल की कहानी एक ही दिन में पुरानी हो गई. अब चैनल के जासूस स्टूडियो में बैठे बैठे उसकी मौत की नई कहानियां बेचेंगे. sridevi61आप यकीन कीजिए इनमें हर कोई ये जानता भी है कि वो क्या कर रहा है या उससे क्या कराया जा रहा है.

(टीवी पत्रकार नितिन ठाकुर के फेसबुक वॉल से साभार, ये लेखक के निजी विचार हैं)