योगी आदित्‍यनाथ के खिलाफ साथ आए बुआ-भतीजे, UP में ‘साइकिल’ पर सवार हुआ ‘हाथी’

उत्‍तर प्रदेश में योगी आदित्‍यनाथ और बीजेपी के खिलाफ सियासी समीकरण बदलते हुए नजर आ रहे हैं। यहां विपक्षी पार्टियां बीजेपी के खिलाफ एकजुट हो रही हैं।

New Delhi Mar 04 : नॉर्थ ईस्‍ट के राज्‍यों में हुए विधानसभा चुनाव और उसके परिणामों ने ये साबित कर दिया है कि देश में अब किसी भी पार्टी के भीतर इतनी हिम्‍मत नहीं है कि वो भारतीय जनता पार्टी का अकेले मुकाबला कर सके। भारतीय जनता पार्टी देश की सबसे बड़ी पार्टी बन चुकी है। कांग्रेस का सूपड़ा साफ हो चुका है। बीजेपी के इसी डर ने अब क्षेत्रीय दलों को भी उसके खिलाफ एकजुट होने पर भी मजबूर कर दिया है। उत्‍तर प्रदेश में अपनी चौधर बचाए रखने के लिए बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी ने योगी आदित्‍यनाथ और बीजेपी के खिलाफ हाथ मिला लिया है। यानी यूपी में अब हाथी साइकिल पर सवार हो गया है। हर किसी को मालूम है कि समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के बीच 36 का आंकड़ा है। लेकिन, दोनों ही दलों को इस बात का एहसास है कि अगर वो एक नहीं हुए तो यूपी में योगी आदित्‍यनाथ की आंधी को नहीं रोका जा रहा है। जैसे देशभर में मोदी की आंधी को कोई नहीं रोक पा रहा है।

Advertisement

दरसअल, उत्‍तर प्रदेश में अभी फूलपुर और गोरखपुर लोकसभा के उपचुनाव होने हैं। गोरखपुर लोकसभा क्षेत्र योगी आदित्‍यनाथ का गढ़ है। वो यहां से सांसद हुआ करते थे। लेकिन, मुख्‍यमंत्री बनने के बाद उन्‍हें लोकसभा की सदस्‍यता से इस्‍तीफा देना पड़ा था। इसी तरह केशवप्रसाद मौर्य भी फूलपुर से बीजेपी के सांसद थे। लेकिन, पिछले साल यूपी इलेक्‍शन के बाद उन्‍हें उत्‍तर प्रदेश का उपमुख्‍यमंत्री बना दिया गया था। उन्‍हें भी लोकसभा की सदस्‍यता से इस्‍तीफा देना पड़ा था। तब से दोनों ही सीटें खाली थीं। अब इन दोनों ही सीटों पर उपचुनाव होने हैं। दोनों ही सीटों पर फिर से जीत हासिल करना भारतीय जनता पार्टी के लिए नाक का सवाल बन गया है। वहीं विरोधी चाहते हैं कि वो योगी आदित्‍यनाथ और बीजेपी के नेताओं की ऐसी घेराबंदी करें कि दोनों ही सीटें बीजेपी के हाथ से फिसल जाए। इसी बात को ध्‍यान में रखते हुए समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी इन चुनावों में एक हो गए हैं।

Advertisement

उत्‍तर प्रदेश में होने वाले गोरखपुर लोकसभा और फूलपुर लोकसभा उपचुनाव के लिए समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के गठबंधन का एलान हो चुका है। रविवार को बीएसपी के गोरखपुर इंचार्ज घनश्‍याम चंद्र कंवर ने इस गठबंधन की घोषणा की। इससे पहले मायावती ने गठबंधन को हरी झंडी दे दी थी। लेकिन तय हुआ था कि मायावती खुद इस बात का एलान नहीं करेंगी। बल्कि डिस्ट्रिक्ट कोआर्डिनेटरों से इसकी घोषणा कराई जाएगी। गोरखपुर लोकसभा उपचुनाव में समाजवादी पार्टी ने योगी आदित्‍यनाथ के उम्‍मीदवार के खिलाफ निषाद पार्टी के प्रमुख के बेटे प्रवीण निषाद को अपना उम्‍मीदवार बनाया है। सपा और बीएसपी का गठबंधन होने के बाद बीएसपी ने गोरखपुर के लिए सपा उम्‍मीदवार को अपने समर्थन का एलान कर दिया। सिर्फ गोरखपुर ही नहीं बल्कि फूलपुर के लिए भी बीएसपी ने सपा उम्‍मीदवार को समर्थन देने का एलान किया है।

Advertisement

वहीं, समाजवादी पार्टी के नेता सुनील सिंह यादव का कहना है कि उन्‍हें पता है कि दोनों ही लोकसभा सीटों पर बहुजन समाज पार्टी अपने उम्‍मीदवार नहीं उतारेगी। अब बीएसपी का साथ मिलने से हम लोग योगी आदित्‍यनाथ और भारतीय जनता पार्टी के उम्‍मीदवारों को कड़ी टक्‍कर देंगे। यहां ये देखना काफी दिलचस्‍प होगा कि इन उपचुनावों में सपा और बीएसपी का गठबंधन क्‍या कमाल दिखा पाता है। हालांकि इससे पहले जब यूपी में विधानसभा चुनाव हुए थे उस वक्‍त भी सपा ने कांग्रेस के साथ गठबंधन किया था। लेकिन, कांग्रेस दहाई का आंकड़ा तक नहीं छू पाई थी, जबकि सपा को पचास सीटें जीतने में लाले पड़ गए थे। उपचुनावों के लिए योगी आदित्‍यनाथ और बीजेपी ने भी अपनी पूरी तैयारी कर ली है। गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा उपचुनाव के 11 मार्च को वोटिंग होगी। जबकि 14 मार्च को नतीजें आएंगे। फूलपुर से बाहुबली नेता अतीक अहमद भी चुनाव मैदान में बतौर निर्दलीय उतरे हुए हैं। मुकाबला बेहद दिलचस्‍प होने वाला है।