मायावती ने सपा से ‘गठबंधन’ नहीं ‘सौदेबाजी’ की ?

गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा उपचुनाव को लेकर समाजवादी पार्टी से गठबंधन के बाद बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने इस पर अपनी सफाई पेश की है।

New Delhi Mar 05 : बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने जल्‍दबाजी में समाजवादी पार्टी से गठबंधन तो कर लिया लेकिन, अब वो इसी गठबंधन पर सफाई देती नहीं थक रही हैं। बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने समाजवादी पार्टी के साथ बीएसपी के गठबंधन पर सफाई पेश करते हुए कहा कि ये गठबंधन नहीं बल्कि समझौता है। समझौता भी इस हाथ लो उस हाथ दो वाला है। इसके साथ ही उन्‍होंने बताया कि इस समझौते को 2019 के लोकसभा चुनावों के गठबंधन के तौर पर ना देखा जाए। मायावती का कहना है कि हमारी पार्टी पहले की तरह इस बार भी उपचुनाव में नहीं उतरी है। इसलिए हमारी पार्टी ने उस उम्‍मीदवार को वोट देने की अपील की है जो बीजेपी के उम्‍मीदवार को हराने की ताकत रखता हो। दरसअल, मायावती को इस बात का डर है कि कहीं सपा और बीएसपी के इस समझौते से उनका दलित वोट बैंक नाराज ना हो जाए जिसका खामियाजा लोकसभा चुनावों में भुगतना पड़े।

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बहरहाल, बीएसपी सुप्रीमो मायावती का कहना है कि ये समझौता गिव एंड टेक वाला है। यानी एक हाथ दो और दूसरे हाथ लो। मायावती के मुताबिक ये समझौता सिर्फ गोरखपुर लोकसभा उपचुनाव और फूलपुर लोकसभा उपचुनाव को लेकर है। इसके साथ ही समझौता राज्‍यसभा चुनाव को लेकर भी हुआ है। इससे पहले रविवार को ही बीएसपी के गोरखपुर इंचार्ज घनश्‍याम चंद्र कंवर ने इस गठबंधन की घोषणा की थी। तभी ये बात साफ हो गई थी कि मायावती ने गठबंधन को हरी झंडी दे दी है। लेकिन, तय हुआ था कि मायावती खुद इस बात का एलान नहीं करेंगी। बल्कि डिस्ट्रिक्ट कोआर्डिनेटरों से इसकी घोषणा कराई जाएगी। लेकिन, जैसे ही गोरखपुर और फूलपुर उपचुनावों को लेकर सपा और बीएसपी के गठबंधन का एलान हुआ वैसे ही मीडिया में ये भी खबरें चलने लगीं कि दोनों ही दल अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव भी साथ मिलकर ही लड़ेंगे।

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चंद मिनटों के भीतर ही मीडिया रिपोर्ट्स ने मायावती के होश उड़ा दिए। गठबंधन का एलान खुद ना करने का फैसला करने वाली मायावती को इस पर सफाई देने मीडिया के सामने आने पड़ा। उत्‍तर प्रदेश की राजनीति में सपा और बसपा दोनों ही अलग-अलग ध्रुवों पर हैं। मायावती को लग रहा है कि कहीं उनका ये फैसला उलटा ना पड़ जाए इसलिए उन्‍होंने मीडिया के सामने आकर ये स्‍पष्‍ट किया कि इस समझौता का 2019 से कोई भी लेना देना नहीं है। बस बीएसपी गोरखपुर और फूलपुर में 11 मार्च को होने वाले लोकसभा के उपचुनाव में समाजवादी पार्टी के उम्‍मीदवारों का समर्थन करेगी। इसके साथ ही राज्‍यसभा में भी सपा के उम्‍मीदवार के समर्थन का एलान किया गया है। मायावती का कहना है कि अगर बीएसपी का किसी भी दल के साथ कोई गठबंधन होगा तो वो गुपचुप तरीके से नहीं होगा। डंके की चोट पर होगा।

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मायावती का कहना है कि बीएसपी ना तो फूलपुर लोकसभा का उपचुनाव लड़ रही है और ना ही गोरखपुर का है। इसका ये कतई मतलब नहीं है कि बीएसपी के लोग वोट नहीं डालेंगे। उन्‍होंने कहा हमने अपने कैडर और वोटर्स से अपील की है कि वो उस उम्‍मीदवार को वोट दें जो भारतीय जनता पार्टी के उम्‍मीदवार को हराने की ताकत रखता हो। इसके साथ ही मायावती ने कहा कि अभी हाल ही में राज्‍य में विधान परिषद और राज्‍यसभा के चुनाव होने हैं। इन चुनावों में समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी एक दूसरे को वोट ट्रांसफर करेंगे। इन चुनावों में ना तो बीएसपी के पास इतने वोट हैं कि वो अपने उम्‍मीदवार को राज्‍यसभा या फिर विधान परिषद भेज सकें और ना ही समाजवादी पार्टी के पास। मायावती का कहना है कि हमने तय किया है कि वो हमारी मदद करेंगे और हम उनकी मदद करेंगे। उन्‍होंने बताया कि कांग्रेस के सामने भी मध्‍यप्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए यही फार्मूला रखा गया है।