याद रखिए, सच को ज्यादा देर तक झुठला नहीं पाएंगे

सच को दबाने के लिए वे मनगढ़ंत झूठे-मूठे आरोप गढ़ते हैं ताकि हमें हमारे ही लोगों के सामने चरित्रहीन साबित कर सकें।

New Delhi, Mar 12 : ग़लती हो गई, सच ये है कि 35 नहीं 32 साल में एमए किया साहेब ने। लेकिन फिर भी 30 साल में पीएचडी करने में क्या बुराई है, और मैं तो अपनी सारी डिग्रियाँ भी दिखाने को तैयार हूँ। असली सवाल यह नहीं है कि मैं 30 साल तक पढ़ क्यों रहा हूँ, बल्कि सवाल यह है कि आँगनबाड़ी में काम करने वाली का बेटा पढ़ कैसे सकता है, उसको तो हमारी चाकरी करनी चाहिए।

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अपराध और भी बड़ा हो जाता है कि एक तो पढ़ रहा है ऊपर से अपने जैसों के हक के लिए हल्ला क्यों मचा रहा है, चुपचाप हमारी गैंग का हिस्सा हो जाए। narendra modiमैं चूँकि इनके गैंग का हिस्सा नहीं हूँ, मैंने अपने ईमान को इनके पास गिरवी नहीं रखा, इसलिए ये मुझे ख़रीद नहीं पाए।

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हमारे जैसे लोग इसीलिए संघियों के लिए आउट ऑफ़ सिलेबस हो जाते हैं। फिर सच को दबाने के लिए वे मनगढ़ंत झूठे-मूठे आरोप गढ़ते हैं ताकि हमें हमारे ही लोगों के सामने चरित्रहीन साबित कर सकें। pm modiकर लो भाई जो मन में है क्योंकि हमारे पास अंबानी, अदानी, मोदी और माल्या का टाइटल थोड़े है, लेकिन याद रखो कि सच को बहुत देर तक झुठला नहीं पाओगे।

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सच को दबाने के लिए गांधी को मारा तो सत्ता में आने में सत्तर साल लगे और मजबूरी यह है तुम्हारी कि अपनी गंदगी ढँकने के लिए तुमको आज भी गांधी के चश्मे का ही सहारा लेना पड़ा। Farmers Protestसत्ता का दंभ छोड़ दो वरना जनता छोड़ देगी। महाराष्ट्र में किसानों ने #LongMarch करके इसकी शुरूआत कर दी है!
इंकलाब जिंदाबाद!

(छात्रनेता कन्हैया कुमार के फेसबुक वॉल से साभार, ये लेखक के निजी विचार हैं)