तब यही ‘दलबदलू चूहे’ सबसे पहले जहाज से कूदेगे

इस समय बारजा बुलंद है. सफलता कदम चूम रही है. मगर समय एक सा नही रहता. जब जहाज में छेद होगा तब यही दलबदलू चूहे सबसे पहले कूदेंगे।

New Delhi, Mar 14 : याद है मुझे 2011 का यूपी विधानसभा चुनाव. तब माफिया डान डी पी यादव को बीजेपी में शामिल करने के बाद प्रवक्ता नकवी ने हाथ नचाते हुए कहा था कि भाजपा की गंगा मे स्नान करने के बाद यादव के सारे पाप धुल गये. हालाँकि पार्टी मे प्रबल विरोध के चलते उस बाहुबली को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया. मगर भाजपा की चुनावी क्षति हो चुकी थी. उसके असंख्य समर्थक मतदान से दूर रहे थे. हमारे पूज्यनीय प्रतीकों को रम, जिन और ठर्रे से जोड़ने वाले दलबदलू शिरोमणि नरेश अग्रवाल को भाजपा मे लेकर पार्टी ने एक बार फिर अपने काफी समर्थक निश्चित रूप से खो दिए हैं. नरेश को भारत में पाकिस्तानी दूत करार देने वाले भाजपा के धाकड़ प्रवक्ता संबित पात्रा का नरेश बाबू की पीसी के दौरान खिसियाया चेहरा बहुत कुछ कह गया.

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भाजपा का “एकमात्र चेहरा” अब कैसे भ्रष्टाचार के खिलाफ जिहाद का दावा कर सकता है जब पार्टी ने कांग्रेस, सपा, बसपा सहित तमाम दलों के विवादास्पद नेताओं को न सिर्फ शामिल किया बल्कि अपने जमीनी कार्यकर्ताओं की उपेक्षा करते हुए उन्हें विधानसभा और संसद में भी भेजा. यही नही स्थानीय स्तर पर भी वही आलम है. कभी हुडदंगी, बाहुबली जैसे विशेषण वाले तथाकथित राजनीतिज्ञों को भाजपा ने अपनी गंगा में स्नान करा दिया. उनमें कुछ तो विश्वनाथ मंदिर के लिए मकान खरीद फरोख्त मे खुलेआम दलाली करते देखे जा रहे है और प्रधानमंत्री के साथ फोटो खिंचवाने मे भी कामयाब हो रहे है.

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सोचा था कि मोदी जी के प्रधानमंत्री होने के बाद भाजपा की नींव के पत्थरों के दिन बहुरेंगे. मगर पार्टी ने तो उनको बंधुआ बना कर छोड दिया है. मोदी जी की छवि ऐसी बनी थी naresh agarwalतब कि पार्टी को किसी बाहरी को शामिल करने की कोई जरूरत ही नही थी और फिर भी उसकी सफलता का चतुर्दिक परचम लहराता.

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इस समय बारजा बुलंद है. सफलता कदम चूम रही है. मगर समय एक सा नही रहता. जब जहाज में छेद होगा naresh agarwal bjpतब यही दलबदलू चूहे सबसे पहले कूदेंगे तब उसके बंधुआ ही छिद्र बंद करने की कोशिश करते दिखेगे. लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी होगी.

(वरिष्ठ पत्रकार पद्मपति शर्मा के फेसबुक वॉल से साभार, ये लेखक के निजी विचार हैं)