पानी की अफवाह पर औरंगाबाद में दंगा

औरंगाबाद : पुलिस का कहना है कि अब तक यह पता नहीं चल सका है कि हिंसा किस बात को लेकर भड़की।

New Delhi, May 13 : औरंगाबाद में बीती रात दो समुदायों के बीच हिंसा भड़क गई जिससे पुराने इलाके में तनाव की स्थिति बनी हुई है। आज तक की रिपोर्ट के अनुसार शुक्रवार को एक झगड़े ने दोनों समुदायों के बीच हिंसक झड़प का रूप ले लिया, इसके बाद शहर के गांधीनगर, राजाबाजार और शाहगंज इलाकों में सांप्रदायिक हिंसा फैल गई जिसमें एक युवक की मौत हो गई है।

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पुलिस के मुताबिक, शुक्रवार की रात से ही हिंसक झड़पें जारी हैं और प्रभावित इलाकों में दोनों समुदायों के लोगों ने जमकर पत्थरबाजी की और दुकानों में आगजनी की। हिंसक झड़प में अब तक 25 लोग जख्मी हुए हैं, जिसमें 15 पुलिसकर्मी हैं। पुलिस के कई अधिकारी भी घायल हुए हैं।
पुलिस ने दंगाइयों पर काबू पाने के लिए गोलीबारी भी की, जिसमें एक बच्चा घायल हुआ है। हिंसा पर काबू पाने के लिए औरंगाबाद के पुराने हिस्से में बड़ी संख्या में पुलिस की तैनाती की गई है और धारा 144 लागू कर दी गई है।

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पुलिस का कहना है कि अब तक यह पता नहीं चल सका है कि हिंसा किस बात को लेकर भड़की। कहा जा रहा है कि अवैध रूप से लगाई गई पानी की पाइप लाइन काटने में भेदभाव के चलते यह झगड़ा शुरू हुआ। फिलहाल शहर में बड़ी संख्या में सुरक्षा बल तैनात है और तनाव जैसी स्थिति बनी हुई है।
शहर में पानी की सप्लाई की आड़ में दंगा हुआ। सारी रात उपद्रवी आग लगाते रहे और उसके क्लिप संचार माध्यमों पर डालते रहे। सनद रहे करीबी ,पड़ोसी राज्य कर्नाटक में वोट गिर रहा है।
एक इंसान मरा है, कई वाहन में आग लगी। खूब गोलियां चलाईं गई। दो घण्टे कोहराम चला और पुलिस कहीं नहीं थीं।

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जान लें यह सुनियोजित, साजिशन , कुत्सित इरादे से वेल डिजाइन्ड दंगा था।
देर रात एक नल तोड़ा गया। नल स्थानीय पालिका ने ही कनेक्शन काटने को तोड़ा। अवैध पानी कनेक्शन के। वैसे दिन से ही नाराजगी और तनाव था। दंगाई हथियार और अपने लक्ष्य तय कर सड़क पर थे।
औरंगाबाद में दो महीने से पुलिस आयुक्त ही नहीं है। उस समय भी कचरे के डंपिंग को ले कर तनाव हुआ था और उसी के चलते कमिश्नर को हटाया गया था। उधम उपद्रव के दौरान पुलिस गायब थी।
जांच की मांग बेमानी है। बस आप सतर्क रहें, अपने आसपास हो रही गतिविधियों के प्रति सजग रहें।

(वरिष्ठ पत्रकार पंकज चतुर्वेदी के फेसबुक वॉल से साभार, ये लेखक के निजी विचार हैं)