भाजपा और कांग्रेस समर्थकों में ये अंतर है- Abhiranjan Kumar

कांग्रेस अगर गलती करती है तो बड़ी संख्या में उसके समर्थक उसके साथ चट्टान की तरह खड़े हो जाते हैं और गलत रास्ते पर चलने को ही असली लोकतंत्र और मूल संविधान मान लेते हैं।

New Delhi, May 19 : कर्नाटक के नाटक को देखने के बाद भाजपा समर्थकों और कांग्रेस समर्थकों का एक बड़ा अंतर समझ में आया। हो सकता है कि आपमें से कई मित्र इससे सहमत न हों, पर मैंने जो महसूस किया, उसे दर्ज तो करा ही दूं-
— भाजपा अगर गलती करती है तो बड़ी संख्या में उसके समर्थक उसकी आलोचना करते हैं और उसका विरोध भी करते हैं। वे भाजपा से सही रास्ते पर चलने की अपेक्षा रखते हैं। सबूत के तौर पर आपने देखा कि ज्यादातर भाजपा-समर्थकों ने कर्नाटक में भाजपा के येन-केन-प्रकारेण सरकार बनाने की कोशिशों की आलोचना की है या विरोध किया है। इस संदर्भ में भाजपा की आलोचना या भाजपा को नसीहत देने वाले मेरे तमाम लेखों को सबसे ज़्यादा समर्थन भाजपा-समर्थकों ने ही दिया है। मुझे महसूस हुआ कि भाजपा समर्थक चाहते हैं कि भाजपा कांग्रेस जैसी न बने और अगर वह “पार्टी विद अ डिफरेंस” होने का दावा करती है, तो वह “पार्टी विद अ डिफरेंस” बनी रहे या बनने का प्रयास करे।

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— दूसरी तरफ, कांग्रेस अगर गलती करती है तो बड़ी संख्या में उसके समर्थक उसके साथ चट्टान की तरह खड़े हो जाते हैं और गलत रास्ते पर चलने को ही असली लोकतंत्र और मूल संविधान मान लेते हैं। आप शायद ही कोई ऐसा कांग्रेस-समर्थक पाएंगे, जो देश में इमरजेंसी लगाने या सिख-विरोधी दंगे या शाहबानो मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला पलटने की गलती के लिए आज भी शर्मिंदा होता हुआ दिखाई देगा। हाल-फिलहाल आपने जेएनयू देशद्रोह कांड से लेकर कर्नाटक में लिंगायतों को समाज की मुख्यधारा से अलग करने की कोशिश और सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस के खिलाफ महाभियोग लाने तक यह अवश्य महसूस किया होगा कि ज़्यादातर कांग्रेस समर्थक अपनी पार्टी के पक्ष में कुतर्क ही पेश करते रह गए।

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तो क्या भाजपा-समर्थक कांग्रेस-समर्थकों की तुलना में अधिक लोकतांत्रिक, सहिष्णु, उदारवादी और न्याय-प्रेमी हैं? तो क्या कांग्रेस ने अपने समर्थकों को भी अपने ही जैसा अलोकतांत्रिक, असहिष्णु, अनुदारवादी और अन्यायी बना दिया है? BJPतो क्या भाजपा भी अगर कांग्रेस के रास्ते पर चलती रही, तो वह भी अपने समर्थकों को वैसा ही अलोकतांत्रिक, असहिष्णु, अनुदारवादी और अन्यायी बना देगी, जैसा कांग्रेस ने अपने समर्थकों को बना दिया है?

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ये सवाल ऐसे हैं, जिनका पक्का जवाब इस वक्त मेरे पास नहीं, लेकिन कांग्रेस और BJP के सभी समर्थक अपने-अपने मन में इसका जवाब ढूंढ़ने का प्रयास अवश्य करें। BJP flagएक बेहतर लोकतंत्र के लिए केवल राजनीतिक दलों का ही ज़िम्मेदार बनना पर्याप्त नहीं, बल्कि जनता को भी अधिक ज़िम्मेदार बनना होगा। और यहां पर ज़िम्मेदार होने से मेरा आशय लोकतांत्रिक, सहिष्णु, उदारवादी और न्याय-प्रेमी होने से ही है।

(वरिष्ठ पत्रकार अभिरंजन कुमार के फेसबुक वॉल से साभार, ये लेखक के निजी विचार हैं)