आलिया भट्ट इस दौर की असल आईकॉन है
गर अालिया भट्ट के खराब जीके पर जोक बन सकती है जो इसमें कई बड़े लोग भी उसी परामीटर पर फेल हो सकते हैे।
New Delhi, May 23 : अटपटा लगेगा लेकिन मेरी नजर में आलिया भट्ट इस दौर की बहुत बड़ी आयकॉन है। खराब छवि में बंधे लोगों को इससे किस तरह निकला जाय,आलिया उनके लिए रोल मॉडल हो सकती है। बात 2012-13 की थी जब “स्टूडेन्ट आफ द ईयर” जैसी मसाला फिल्म से बालीवुड इंडस्ट्री में आने वाली आलिया भट्ट पहली फिल्म की सफलता के बाद भी अधिक चर्चा अपने खराब जीके के कारण रही।
अगले दो-तीन सालों तक वह अपनी फिल्मों से अधिक अपने ऊपर बने जोक के कारण चर्चा में रही। “आलिया भट्ट जोक” इंटरनेट-सोशल मीडिया की सबसे पोपुलर सर्च रही। उनकी फिल्मों से अधिक। जबकि मेरा मानना है कि हर आदमी की परख उसके कर्मक्षेत्र से होनी चाहिए। ऐसे में आलिया के जीके से किसी का वास्ता नहीं होना चाहिए था। अगर अालिया भट्ट के खराब जीके पर जोक बन सकती है जो इसमें कई बड़े लोग भी उसी परामीटर पर फेल हो सकते हैे।
लेकिन आलिया भट्ट ने अपने ऊपर बने जोक और उस जोक के ब्रैकेट में बंधी इमेज की परवाह नहीं की। उसे खुद पर हावी नहीं होने दिया। मैंने कई शो देखे जिसमें वह अपने जोक पर दूसरों से अधिक हंसी। बिंदास होकर। लेकिन पैरेरल दुनिया में आलिया उस क्षेत्र में मेहनत कर रही थी जो उसका कर्म क्षेत्र था। टपोरी,मसाला फिल्मों की एक्टर आलिया ने हाईवे, उड़ता पंजाब और अब राजी जैसी फिल्में कर बता दिया कि वह इंडस्ट्री की सबसे बेहतरीन एक्टर में है। कठिन से कठिन रोल कर सकती है। इस उम्र में इतनी संजीदा अभिनेत्री शायद ही कोई रही है। आज की तारीख में उनकी तुलना स्मिता पाटिल तक से होने लगी है। संभव है कि अतिरेक हो लेकिन लीक से हटकर रास्ता उसने चुना। आलिया भट्ट एक्टर के रूप में मेच्योर होते गयी और उनपर बने आलिया भट्ट जोक कब बंद होते गये,किसी ने नोटिस नहीं किया।
भारत जैसे समाज में जहां अक्सर हम एक बार किसी की छवि को अपनी आंखों में कैद कर लेते हैं तो फिर उसे हमेशा उसी रूप में देखते हैं, आलिया ने साबित किया कि छवि को बदलना कठिन है लेकिन नामुनकिन नहीं है।